A
Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र Vivah Panchami: विवाह पंचमी को हुआ था श्रीराम जानकी विवाह, जानिए पूजा का शुभ मुहुर्त

Vivah Panchami: विवाह पंचमी को हुआ था श्रीराम जानकी विवाह, जानिए पूजा का शुभ मुहुर्त

आज ही के दिन मिथिला में सीता स्वयंवर जीतकर भगवान श्री राम ने माता सीता से विवाह रचाया था।

Vivah Panchami 2021Lord Rama and Maa Sita got married today know shubh muhurat and puja vidhi- India TV Hindi Image Source : INSTAGRAM/FBVAIBHAVCHATURVEDI Vivah Panchami 2021Lord Rama and Maa Sita got married today know shubh muhurat and puja vidhi

Highlights

  • आज के दिन हुई थी भगवान राम और माता सीता की शादी
  • आज के दिन विधि-विधान से पूजा करने से वैवाहिक जीवन होगा सफल

मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है कि आज ही के दिन मिथिला में सीता स्वयंवर जीतकर भगवान श्री राम ने माता सीता से विवाह रचाया था।

आज मर्यादा पुरुशोत्तम राम औऱ मां जानकी की पूजा की जाती है इस शुभ अवसर पर श्री राम और माता सीता की विशेष पूजा का विधान भी है । इससे आपके सुख-सौभाग्य में तो बढ़ोतरी होगी ही, साथ ही आपके सारे काम भी सिद्ध होंगे। आज के दिन श्रीराम जानकी की पूजा से मनचाहा वर और वधु मिलने की बात कही जाती है।शादी से लेकर विद्या और बिजनेस से लेकर स्वास्थ्य हर तरह का फायदा मिलने की भी बात की गई है।

Vastu Tips: स्टडी टेबल और बुकशेल्फ रखते समय ध्यान रखें ये बातें

विवाह पंचमी 2021 मुहूर्त
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार पंचमी तिथि 7 दिसंबर की रात 11 बजकर 41 मिनट से शुरू होकर आज रात 9 बजकर 25 मिनट तक रहेगी। इस कारण आज श्रीराम विवाहोत्सव मनाया जायेगा। 

विवाह पंचमी पर बन रहे हैं खास योग
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार आज दोपहर 1 बजकर 10 मिनट तक ध्रुव योग रहेगा, साथ ही  रात 10 बजकर 40 मिनट तक श्रवण नक्षत्र रहेगा। 

10 दिसंबर को बुध का धनु राशि में प्रवेश, इन राशियों के बिजनेस पर पड़ेगा प्रभाव

विवाह पंचमी पर ऐसे करें पूजा
आज भगवान राम और माता सीता की मूर्ति या चित्र की साफ-सुथरी जगह पर स्थारित करें। इसके बाद भगवान राम को पीले और माता सीता को लाल वस्त्र अर्पित करें। इनके सामने बालकाण्ड अथवा श्री राम विवाह प्रसंग का पाठ करें। इसके पश्चात् "ऊं जानकीवल्लभाय नमः" इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। इसके बाद माता सीता और भगवान राम का गठबंधन करें। फिर श्रद्धापूर्वक भगवान राम और सीता की आरती करें। इसके बाद गांठ लगे वस्त्रों को अपने पास सुरक्षित रख लें। विवाह के बाद भगवान रात और माता सीतो को पुष्प चढ़ाने के साथ फल, मिठाई आदि का भोग लगाएं। विवाह संपन्न होने के बाद प्रसाद बांटे। 

Latest Lifestyle News