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जो शादी को लेकर हो दुविधा तो आज़माएं ये 7 नुस्ख़े

दुनियां में कुछ भी काम आसान नही है। अकेले ज़िंदगी जीना, रिलेशनशिप में रहना, मनपसंद जॉब का होना....हर तरफ़ चुनौतियां ही चुनौतियां हैं। इन्हीं में शामिल है जीवर साथी चुनना यानी शादी। शादी को लेकर

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दुनियां में कुछ भी काम आसान नही है। अकेले ज़िंदगी जीना, रिलेशनशिप में रहना, मनपसंद जॉब का होना....हर तरफ़ चुनौतियां ही चुनौतियां हैं। इन्हीं में शामिल है जीवर साथी चुनना यानी शादी। शादी को लेकर हमेशा मन में एक दुविधा बनी रहती है। और यही दुविधा कभी-कभी ग़लत फ़ैसले करवा देती है। लेकिन उस दुविधा से पार पाने के भी तरीक़े हैं जो अगर आप करें तो आपका वैवाहिक जीवन सुखमय हो सकता है।

1-शादी के बाद भी लक्ष्य की तरफ बढ़ें

जीवनसाथी मिलने से आपका जीवन संपूर्ण हो जाता है लेकिन कभी-कभी आप शादी के बंधन में बंधने के बाद अपने करिअर का लक्ष्य भूल जाते हैं। शुरु में तो ये नहीं खलता लेकिन बाद में कुंठा होने लगती है और इसका असर आपके संबंधों पर भी पड़ सकता है। इसलिये शादी के बाद भी अपने लक्ष्य को न भूलें और शादी पहले ही अपने पार्टनर से कह दें कि आपके जीवन के कुछ लक्ष्य हैं जिसे आप शादी के बाद भी पाने की कोशिश करते रहेंगी।

2- सिर्फ़ भावनात्मक या वित्तीय कारणों से शादी

अगर आप महज़ भावनात्मक या वित्तीय कारणों से शादी करने जा रही हैं तो ज़रा एक बार और सोच लें। हो सकता है कि आप भावनात्मक और वित्तीय सहारे के बावजूद ख़ुश न हों। इससे बेहतर होगा कि पहले आप ख़िद आत्मनिर्भर हो जाएं और फिर शादी करें। इसके बाद आप जिससे भी शादी करेंगी, ख़ुश रहेंगी।

3- जब आपको अपने पार्टनर की भावनाएं जायज़ लगें

जब आपको लगने लगे कि आपके पार्टनर की भावनाएं, वो चाहें जैसी भी हों, जायज़ हैं तो इसका मतलब है कि आपको उनकी परवाह है। और अहर ऐसा नही होता है तो इसका मतलब है कि आप दरअसल उस व्यक्ति को नहीं बल्कि उसको साथ शादी के आइडिये को पसंद करती हैं।

4- जब आपको लगे कि आपका पार्टनर आपकी ज़िंदगी को पसंद करता, आपकी पूरी ज़िंदगी को नहीं

संबंध के बाहर भी आपकी अपनी ज़ाती जिंदगी होती है और आपके पार्टनर को भी ये समझना चाहिए कि ये ज़ाती ज़िंदगी भी आपकी ज़िंदगी का अहम हिस्सा है और उसे इसे बी पसंद करना चाहिये।

5- ख़ुशियां बांटें, ख़ुश रहने के लिए महज़ ख़ुशियां पैदा न करें

शादी के बाद आप एक दूसरे के लिए जीने लगते हैं, सुख-दुख बांटतें हैं। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि एक दूसरे को ख़ुश करने के लिए बनावटी ख़ुशियां पैदा करें क्योंकि ये वास्तविक ख़ुशी नहीं दे सकतीं।

6- सिर्फ आकर्षण की वजह से शादी न करें

सिर्फ़ किसी से आकर्षित होकर शादी कर लेना और ये सोचना कि शादी के बाद जीवन ख़िद ही ख़ुशहाल हो जाएगा, बहुत बड़ी भूल है। अगर आप किसी के प्रति आकर्षित भी हों तो शादी के पहले जांच-परख लें कि आप दोनों के बीच तालमेल बैठेगा भी नहीं क्योंकि तालमेल से ही जीवन की नैया चलती है।

7- सिर्फ़ "ठीक" लगने से ही उस व्यक्ति से शादी न करें

अगर आप किसी व्यक्ति से सिर्फ़ इसलिए शादी कर रही हैं कि वो आपके लिए ''ठीक'' लगता है तो ख़बरदार ज़रा पिर सोच लीजिए क्योंकि इस सोच के साथ सादी करने के भयंकर परिणाम हो सकते हैं। इस नज़रिये से हर दूसरा आदमी आपको ठीक लगने लगेगा।

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