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Hindi News मध्य-प्रदेश एक तो बेटे की मौत, ऊपर से एंबुलेंस भी नहीं... नवजात का शव थैले में लेकर घर लौटा पिता; रुला देने वाला VIDEO

एक तो बेटे की मौत, ऊपर से एंबुलेंस भी नहीं... नवजात का शव थैले में लेकर घर लौटा पिता; रुला देने वाला VIDEO

शासकीय सहायता नहीं मिलने पर गरीब सुनील अपने बेटे का शव एक थैले में रखकर बस से डिंडौरी पहुंचा। उसे इस बात का भी डर था कि कहीं बस के ड्राइवर, कंडक्टर को इस बात का पता न चल जाये कि थैले में शव है...

newborn dead body in bag- India TV Hindi Image Source : INDIA TV थैले में नवजात का शव

डिंडौरी: एक पिता के लिए अपने बच्चे को खोने से ज्यादा बड़ा दुख भला क्या हो सकता है, लेकिन वो दुख और भी बढ़ जाता है जब अपने ही बच्चे की लाश को थैले में रखकर ले जाना पड़े। मध्‍य प्रदेश के डिंडौरी जिले में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने मानवता को शर्मसार दिया है। यहां एक व्यक्ति को अपने बच्चे का शव थैले में रखकर ले जाना पड़ा। ऐसा इसलिए हुआ क्‍योंकि वो आर्थिक रूप से बेहद कमजोर था और जबलपुर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने उसे शव वाहन देने से इंकार कर दिया था। यह घटना सिस्टम की कार्य प्रणाली पर अनेक सवाल खड़े करती हैं। गरीबों के लिए चलाई जा रही शासन की योजना केवल कागजों और बैनर पोस्टरों में दिखाई देती है, जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है।

लोगों से मांगकर जमा किया बस का किराया  
जानकारी के मुताबिक, सहजपुरी निवासी सुनील धुर्वे की पत्नी जमनी बाई ने 13 जून को जिला अस्पताल में शिशु को जन्म दिया। बालक की स्थिति नाजुक होने पर डॉक्टर ने 14 जून को बेहतर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज जबलपुर रेफर कर दिया था। वहां इलाज के दौरान नवजात की मौत हो गई। अब नवजात का शव डिंडौरी लाना था इसलिए उसने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से एंबुलेंस उपलब्ध कराने के लिए काफी मिन्नतें की लेकिन प्रशासन ने साफ मना कर दिया। पेशे से मजदूरी करने वाले सुनील धुर्वे के पास निजी वाहन का किराया तो दूर सार्वजनिक वाहन से आने के पैसे नहीं थे। उसने किसी तरह लोगों से मांगकर बस का किराया जमा किया।  

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रास्तेभर दिल रोता रहा, लेकिन नहीं आने दिए आंसू  
शासकीय सहायता नहीं मिलने पर गरीब सुनील अपने बेटे का शव एक थैले में रखकर बस से डिंडौरी पहुंचा। उसे इस बात का भी डर था कि कहीं बस के ड्राइवर, कंडक्टर को इस बात का पता न चल जाये कि थैले में शव है, कही बीच रास्ते में ही न उतार दे। रास्तेभर दिल रोता रहा, लेकिन उसने आंसू नहीं आने दिए। डिंडौरी पहुंचते ही सुनील ने राहत की सांस ली। थैले में बच्चे का शव लेकर सुनील के डिंडोरी पहुंचने की खबर लगते ही बस स्टैंड पर काफी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। कुछ लोगों ने मानवता को शर्मसार करती घटना और शासकीय योजनाओं की जमीनी हकीकत की तस्वीर वायरल कर दी। (डिंडौरी से दीपक नामदेव की रिपोर्ट)

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