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Hindi News महाराष्ट्र Ajanta caves: अजंता की गुफाओं में पर्यटकों की संख्या पर लगेगी लगाम, जानें क्या है मामला?

Ajanta caves: अजंता की गुफाओं में पर्यटकों की संख्या पर लगेगी लगाम, जानें क्या है मामला?

Ajanta caves: एएसआई के औरंगाबाद परिक्षेत्र के अधीक्षक डॉ. मिलन कुमार चौले ने कहा, “बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने से गुफाओं में आर्द्रता का स्तर बढ़ता है जिसका वहां चित्र पर बुरा असर पड़ता है।”

Ajanta caves- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Ajanta caves

Highlights

  • अजंता की गुफाओं में समय के साथ कई चित्र खराब हो गए हैं
  • बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने से गुफाओं में आर्द्रता का स्तर बढ़ता है
  • जिसका वहां चित्र पर बुरा असर पड़ता है

Ajanta caves: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने महाराष्ट्र की विश्व प्रसिद्ध अजंता गुफाओं में पर्यटकों की संख्या पर नियंत्रण करने की जरूरत को रेखांकित किया है ताकि वहां के चित्रों को लंबे समय तक संरक्षित किया जा सके। इस लोकप्रिय यूनेस्को विश्व विरासत स्थल में चट्टानों को काटकर 30 बौद्ध कंदराएं बनाई गई हैं और यह औरंगाबाद जिला मुख्यालय से लगभग सौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इन गुफाओं में गौतम बुद्ध के जीवन पर आधारित चित्र बनाए गए हैं जिसे देखने हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं। एएसआई के औरंगाबाद परिक्षेत्र के अधीक्षक डॉ. मिलन कुमार चौले ने बुधवार को एक कार्यक्रम में कहा, “बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने से गुफाओं में आर्द्रता का स्तर बढ़ता है जिसका वहां चित्र पर बुरा असर पड़ता है।”

कई चित्र खराब हो गए हैं

उन्होंने कहा कि इसके चलते व अन्य कारणों से समय के साथ कई चित्र खराब हो गए हैं। चौले ने कहा, “इसलिए लंबे समय तक इन चित्रों को सहेजने के लिए पर्यटकों की संख्या घटाने और कम संख्या में लोगों को गुफाओं के भीतर जाने की अनुमति देने की जरूरत है।” उन्होंने कहा कि वे एक बार में गुफा के भीतर केवल 40 पर्यटकों को 10 मिनट के लिये भेज सकते हैं और अंधेरे के कारण इतने कम समय में आगंतुक चित्रों को ठीक प्रकार से देख भी नहीं पाते। 

इंटरप्रेटेशन केंद्र पर नियंत्रण  की मांग

गुफाओं के बाहर राज्य सरकार द्वारा एक व्याख्या (इंटरप्रेटेशन) केंद्र स्थापित किया गया है। चौले ने कहा, “हमने (एएसआई) मांग की थी कि हमें उसका नियंत्रण दे दिया जाए ताकि हम उन चित्रों की प्रतिकृति को वहां दिखा सकें और पर्यटकों की संख्या को नियंत्रित किया जा सके। लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है।”