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Hindi News महाराष्ट्र Exclusive: प्रफुल्ल पटेल ने खोल दिए सारे गहरे राज, कैसे और क्यों छोड़ा शरद पवार का साथ?

Exclusive: प्रफुल्ल पटेल ने खोल दिए सारे गहरे राज, कैसे और क्यों छोड़ा शरद पवार का साथ?

महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार को शुरू हुआ घमासान सोमवार को भी जारी रहा। अब एनसीपी के दूसरे धड़े के नेता प्रफुल्ल पटेल ने इंडिया टीवी के साथ खास इंटरव्यू में बताया कि क्यों और कैसे शरद पवार का साथ छोड़ा?

prafful patel exclusive interview- India TV Hindi Image Source : PTI प्रफुल्ल पटेल ने खोले गहरे राज

Exclusive: महाराष्ट्र की राजनीति में हुए बड़े उलटफेर को लेकर अब कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। विपक्षी पार्टियों ने एनसीपी में पड़ी दरार का पूरा ठीकरा बीजेपी पर फोड़ा है तो वहीं एनसीपी के दोनों धड़े ने सोमवार को अपनी-अपनी ताकत की जोर-आजमाईश भी की। अजित पवार के डिप्टी सीएम बनने और एनसीपी का साथ छोड़ने की पूरी पटकथा किसने और क्यों लिखी...इस बारे में अजित गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल ने इंडिया टीवी से खास बातचीत में पूरा खुलासा किया है।

पार्टी के हित में निर्णय लिया गया

प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि हमने जो भी निर्णय लिया वो पार्टी हित में लिया। जनता भी समझदार है वो वोट कैसे देगी, उनको हमपर विश्वास कैसे होगा। तो हम बता दें कि हम सारे एमएलए ने मिलकर बोला कि हमें सरकार के साथ जाना चाहिए। क्या पता पहले एकनाथ शिंदे की वजह से हम सरकार के साथ ना आए हों और अब क्या पता सबको लगा हो कि सरकार को और मजबूत बनाना चाहिए, इसलिए ये फैसला लिया हो।

विपक्ष की बैठक में सबने देखा क्या हुआ

राहुल गांधी  कह रहे हैं कि हम मोहब्बत की दुकान खोल रहे हैं, इस सवाल के जवाब में प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि हमने विपक्ष का बैठक भी देखा। विपक्ष बैठक में क्या हुआ, कांग्रेस अब वो नही है जो पहले थी। विपक्ष के सारे लोगों को अगर आप देख लो तो कोई भी ऐसा नहीं लग रहा जो उनका नेता बन सके। कोई दिल्ली के अध्यादेश पर बोल रहा तो कोई कुछ बोल रहा है।

 पटेल ने कहा कि मैं चाहूंगा कि हमारा पूरा परिवार एक बना रहे। यह घटना कल ही हुई है और हम एक अच्छी सोच बनकर साथ काम करें, मैं तो यही चाहूंगा। शरद पवार को भी हमारा Point of View समझाना चाहिए।

अजित पवार डिप्लोमैटिक नहीं हैं 

अजित पवार का इस्तीफा स्वीकार करने के लिए शरद पवार तैयार थे। ये परिवार का फैसला था जिसमें कुछ चंद लोगों को ये बताया गया था। उस दिन उन्होंने लिखा भाषण पढा। हम नहीं चाहते कि शरद पवार हट जाएं। अजित पवार बहुत स्पष्टवादी हैं  और वो डिप्लोमेंटिक जवाब नहीं देते। वे हां या ना बोलते हैं। उस दिन किसी ने भी जान-बूझकर ऐसा नहीं किया था।

मंत्री बनने को लेकर कोई बात नहीं हुई है

हर व्यक्ति बोल रहा था जंयत पाटिल से लेकर सब बोल रहे थे, ऐसे फैसला नहीं हुआ कि लोग कम हैं। संजय राऊत कह रहे हैं कि शिंदे हट जाएंगे, ये उनका आकलन हो सकता है। हम केंद्र में शामिल हो रहे हैं या नहीं, हमें नहीं पता। मंत्री बनने को लेकर अभी हमारी कोई बात नहीं हुई है। 25 साल में किसने किसके बारे में क्या बोला। अब कौन किसके साथ बैठा है। 

जयंत पाटिल से अजित पवार नाराज थे। अजित पवार ने कुछ देर पहले भाषण दिया, जिसमें कहा कि मुझे पार्टी का नेतृत्व दीजिए। जंयत पाटिल कोई इलेक्टेड अध्यक्ष नहीं हैं। उनकी बात से कोई फर्क नहीं पड़ा। अजित पवार ने कहा था मुझे अध्यक्ष चुनो। एनसीपी  में चुनाव की प्रक्रिया कब की हो जानी चाहिए थी, उसे टाला जा रहा था। कागज पर भी चुनाव होते तो मैं समझता, पार्टी को मजबूत करने के लिए चुनाव जरूरी है।

पवार साहब जो कहेंगे, वही होगा

पवार साहेब जो कहेंगे उस पर मैं जवाब नही दूंगा। हमने कोई ऐसा काम नहीं किया। हमने उनके साथ ईमानदारी से काम करने की कोशिश की है। उन्होंने हमारे लिए बहुत कुछ किया। कभी-कभी कुछ फैसले पार्टी हित में लेने चाहिए। जिस तरह से देश का विकास हो रहा है, उसे हमें देखना होगा।

मैं पटना गया था वहां क्या हालात हैं। एक कमरे में बैठ गए। कैसे एक कमरे में बैठक कैसे कुछ कर सकते हैं, हमने कई सरकारें देखीं। हम कांग्रेस सरकार में थे। अच्छी चली लेकिन 10 सांसद लाने वाली पार्टियों को जोड़ोगे तो लड़ाई होगी ही।

शिवसेना के साथ सरकार बनाई, बीजेपी के साथ क्यों नहीं 

पवार साहेब मेरे आदरणीय हैं। ये पार्टी का फैसला है, हमारी पार्टी की इस प्रक्रिया को लेकर बार-बार ये बात आ रही थी कि हमें बीजेपी के साथ सरकार बनानी चाहिए। कुछ चंद लोग ही थे जो विरोध करते थे। जिस दिन हमने शिवसेना के साथ सरकार बनाई, अगर हम उनके साथ सरकार बना सकते हैं तो बीजेपी के साथ क्यों नही। पवार जी बात को अलग कर दो बाकी लोगों की बात करता हूं। 

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