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Hindi News महाराष्ट्र Maharashtra Political Crisis: सरकार बचाने के लिए शिवसेना का बड़ा दांव, बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग

Maharashtra Political Crisis: सरकार बचाने के लिए शिवसेना का बड़ा दांव, बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग

शिवसेना ने महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर को चिट्ठी लिखकर शिवसेना के बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की है। इस चिट्ठी में शिवसेना ने 12 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की है, ताकि फ्लोर टेस्ट में वो वोट ना डाल पाएं।

Uddhav Thackeray, Eknath Shinde- India TV Hindi Image Source : PTI Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray and Rebel Leader Eknath Shinde.

Highlights

  • शिवसेना के विधायक दल के नेता ने चिट्ठी लिखी
  • बागी विधायक की सदस्यता रद्द करने की मांग
  • अजय चौधरी ने डिप्टी स्पीकर को लिखा पत्र

Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में जारी सियासी हलचल के बीच शिवसेना ने एक बड़ा दांव चला है। शिवसेना ने महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर को चिट्ठी लिखकर शिवसेना के बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की है। इस चिट्ठी में शिवसेना ने 12 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की है, ताकि फ्लोर टेस्ट में वे वोट ना डाल पाएं। महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर को ये लेटर शिवसेना की ओर से घोषित विधायक दल के नेता अजय चौधरी ने भेजा है। वहीं, शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने उद्धव की कोशिश पर पलटवार करते हुए कहा है कि आप किसे डराने की कोशिश कर रहे हैं, कानून हमें भी आता है।

इन 12 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग 

शिवसेना के विधायक दल के नेता अजय चौधरी ने विधानसभा उपाध्यक्ष को पत्र लिख और पिटीशन ऑफ डिसक्वालिफिकेशन की याचिका कर  शिवसेना के 12 बागी विधायकों पर करवाई की मांग की है। शिवसेना की बैठकों में उपस्थित न रहने को लेकर कार्रवाई की मांग की है। पत्र में उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की है। जिन 12 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है उनके नाम हैं- एकनाथ शिंदे, अब्दुल सत्तार, संदीपान भूमरे, भारत गोगवाले, संजय शिरसाठ, यामिनी जाधव, अनिल बाबर, लता सोनावणे, तानाजी सावंत, बालाजी किन्हीकर, प्रकाश सुर्वे और महेश शिंदे।

बागी विधायक खुद को बता रहे कट्टर शिवसैनिक

उद्धव ठाकरे ने कल अपने फेसुबक लाइव के जरिए ये साबित करने की कोशिश की थी कि गुवाहाटी गए सभी बागी विधायकों ने शिवसेना से गद्दारी की है। लेकिन आज बागी विधायकों की तरफ से इसका भी जवाब दिया गया। उन्होंने कहा कि वो बाला साहेब ठाकरे के कट्टर शिवसैनिक हैं। शिवसेना से गद्दारी करने की वो सोच भी नहीं सकते, लेकिन जब उन्होंने देखा कि कांग्रेस और एनसीपी की वजह से शिवसेना कमज़ोर हो रही है तो फिर उन्हें मजबूरी में ये फैसला लेना पड़ा। उद्धव ठाकरे ने इन विधायकों से ये भी कहा था कि वो मुंबई आकर अगर ये कहते हैं कि मुख्यमंत्री के तौर पर वो उनपर भरोसा नहीं करते तो वो एक मिनट में इस्तीफा दे देंगे। 

"कानून हमें भी समझ में आता है"

वहीं इस पूरे सियासी बवाल के बीच एकनाथ शिंदे ने एक ट्वीट किया है। शिंदे ने लिखा, "आप किसे डराने की कोशिश कर रहे हैं। आपका हेरफेर और कानून हमें भी समझ में आता है। संविधान का 10वां (शेड्युल) व्हिप ये सदन के कामकाज के लिए लगता है ना कि बैठक के लिए। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कई सारे फैसले दिए हैं। 12 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की अपील कर आप हमें डरा नहीं सकतें। क्योंकि हम ही बाल ठाकरे की असली शिवसेना और शिवसैनिक हैं। कानून पता है हमें, इसलिए हम ऐसे धमकियों की परवाह नहीं करते है। आपके पास आंकड़े नहीं थे फिर भी आपने गुट बनाया इसलिए हमारी आप पर ही कार्रवाई करने की मांग है।" 

शिंदे गुट ने डिप्टी स्पीकर को लिखी चिट्ठी

शिवसेना के बागी विधायकों ने अभी ये तो तय नहीं किया है कि वो मुंबई कब लौटेंगे लेकिन ये लोग फिलहाल अपनी सारी रणनीति लेटर के जरिए कर रहे हैं। आज उन्होंने महाराष्ट्र असेंबली डिप्टी स्पीकर को चिट्ठी लिखी है। शिवसेना के इस नए रेसोलुशन की कॉपी 37 विधायको के हस्ताक्षर हैं और एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता बताया गया है। बुधवार को भी डिप्टी स्पीकर को ऐसी चिट्ठी भेजी गई थी, जिसमें कहा गया था कि उद्धव ठाकरे ने विधायक दल के पद पर अजय चौधरी की जो नियुक्ति की है, वह गलत है। उस चिट्ठी में 34 विधायकों के दस्तखत थे। आज इंडिया टीवी के संवाददाता अतुल सिंह ने इस लेटर को लेकर विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरि झिरवाल से बात की है। डिप्टी स्पीकर ने ये तो माना कि उन्हें शिंदे गुट की चिट्ठी मिली है और पहले वो इन सिग्नेचर की ऑथेन्टिसिटी की जांच करेंगे और फिर कानून के मुताबिक फैसला लेंगे।