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Hindi News महाराष्ट्र महाराष्ट्र की सियासत में 'खेला' हो रहा है? घर जाकर पवार से मिले उद्धव ठाकरे और संजय राउत

महाराष्ट्र की सियासत में 'खेला' हो रहा है? घर जाकर पवार से मिले उद्धव ठाकरे और संजय राउत

माना जा रहा है कि उद्धव ठाकरे और संजय राउत ने पवार से मिलकर अडानी, पीएम मोदी की डिग्री और अन्य मुद्दों पर उनका पक्ष समझने की कोशिश की है।

Uddhav Thackeray, Sanjay Raut, Sharad Pawar, Sharad Pawar News, Sharad Pawar Congress- India TV Hindi Image Source : INDIA TV NCP सुप्रीमो शरद पवार के साथ उद्धव ठाकरे और संजय राउत।

मुंबई: शिवसेना उद्धव गुट के नेता उद्धव ठाकरे और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार से मुलाकत की। पिछले कुछ दिनों में महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी के घटक दलों शिवसेना (उद्धव गुट), कांग्रेस और एनसीपी के बीच जारी खींचतान के बीच पवार के घर सिल्वर ओक पर हुई इस मुलाकात के कई सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं। उद्धव ठाकरे, शरद पवार, संजय राउत और सुप्रिया सुले के बीच करीब डेढ़ घंटे बैठक चली।

पवार ने पकड़ी अलग लाइन
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बैठक में हाल के दिनों में कांग्रेस की तरफ से उठाए जा रहे EVM, अडानी मामले में जेपीसी जांच और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री जैसे मुद्दों को लेकर बातचीत हुई। एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने सहयोगी उद्धव गुट और कांग्रेस से अलग लाइन पकड़कर इन मुद्दों को गैरजरूरी बताया था। माना जा रहा है कि उद्धव ठाकरे और संजय राउत ने पवार से मिलकर इन मुद्दों पर उनका पक्ष समझने की कोशिश की है।

ऐसा क्या कहा था पवार ने?
बता दें कि पवार ने एक बयान में गौतम अडानी का समर्थन करते हुए कहा कि एक इंडस्ट्रियल ग्रुप को टारगेट किया गया। पवार ने यह भी कहा था कि इस मामले में संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की जांच की मांग व्यर्थ है। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर उठाए जा रहे सवालों को खारिज करते हुए कहा था कि देश में इससे भी कहीं ज्यादा जरूरी मुद्दे हैं जो उठाए जाने चाहिए।

कांग्रेस नेता ने बोला हमला
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने पवार को याद दिलाया कि जब वह विपक्ष के प्रमुख नेता थे तो 2003 में उनकी अगुवाई में बनी एक JPC ने सुरक्षित पेयजल के लिए नियम बनाए थे जो इसी तरह के अमेरिका के नियमों से भी ज्यादा सख्त थे। चव्हाण की यह टिप्पणी तब आई जब कुछ दिन पहले पवार ने अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की जांच के लिए JPC के बजाय सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति का समर्थन किया।