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Hindi News महाराष्ट्र सोरेन परिवार में लगाई सेंध, सीता सोरेन को बीजेपी में लाने के लिए नागपुर में लिखी गई थी स्क्रिप्ट

सोरेन परिवार में लगाई सेंध, सीता सोरेन को बीजेपी में लाने के लिए नागपुर में लिखी गई थी स्क्रिप्ट

बीजेपी ने झारखंड में सोरेन परिवार में सेंध लगाने में सफलता हासिल की है, जिसमें नागपुर कनेक्शन सामने आ रहा है। इसके पीछे पूरी रणनीति बनाने वाली नागपुर की पूर्व नगर सेविका चेतन टांक हैं।

बीजेपी में कैसे शामिल हुई सीता सोरेन?- India TV Hindi बीजेपी में कैसे शामिल हुई सीता सोरेन?

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने झारखंड में सोरेन परिवार में सेंध लगाने में सफलता हासिल की है, जिसमें नागपुर कनेक्शन सामने आ रहा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) अध्यक्ष शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन ने बीजेपी का दामन थाम लिया है, इसके पीछे पूरी रणनीति बनाने वाली नागपुर की पूर्व नगर सेविका चेतन टांक हैं। चेतना टांक ने ही मिशन लोटस को अंजाम दिया है। 

सीता सोरेन की बीजेपी में कैसे हुई एंट्री?

जानकारी के अनुसार, सीता सोरेन को बीजेपी में शामिल करने की स्क्रिप्ट नागपुर में लिखी गई। बीजेपी की पूर्व पार्षद चेतन टांक ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के जरिए सीता सोरेन की एंट्री पार्टी में करवाई है। बीजेपी की पार्षद चेतना टांक और सीता सोरेन सहेली हैं। इसके अलावा चेतना का ननिहाल झारखंड में है। सीता सोरेन ने चेतना टांक से कॉन्टैक्ट कर बीजेपी में शामिल होने की इच्छा जताई थी।

Image Source : IndiaTvसीता सोरेन को बीजेपी में किसने शामिल कराया?

JMM के सभी पदों से दिया इस्तीफा

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी और जाम से विधायक सीता सोरेन ने मंगलवार को पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया। इसके बाद बीजेपी में शामिल हो गईं। सीता सोरेन इस्तीफा के संबंध में चिट्ठी जेएमएम अध्यक्ष यानी अपने ससुर शिबू सोरेन को भेजी थी। उन्होंने चिट्ठी में परिवार के सदस्यों द्वारा भेदभाव का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पार्टी और परिवार के सदस्यों द्वारा हमें अलग-थलग किया गया है, जो मेरे लिए अत्यंत पीड़ादायक रहा है। सीता सोरेने ने कहा, "मैं झारखंड मुक्ति मोर्चा की केंद्रीय महासचिव और सक्रिय सदस्य हूं। वर्तमान में पार्टी की विधायक हूं। अत्यंत दुखी हृदय के साथ अपना इस्तीफा दे रही हूं।"

बता दें कि झारखंड में नए मुख्यमंत्री के तौर पर चंपई सोरेन ने 2 फरवरी को पद की शपथ ली थी। इस दौरान चर्चा थी कि सीता सोरेन को मंत्री बनाया जा सकता है। चर्चा ये भी थी कि सीता सोरेन को महिला आयोग या किसी अन्य आयोग का अध्यक्ष बनाकर मंत्री का दर्जा दिया जा सकता है, लेकिन नई सरकार के गठन में ऐसा हुआ नहीं। 

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