A
Hindi News महाराष्ट्र मणिपुर की आग बुझाने के लिए क्या गौमूत्र छिड़क रहे? अटैकिंग मोड में उद्धव ठाकरे, शिंदे पर बोले- आप के कितने बाप

मणिपुर की आग बुझाने के लिए क्या गौमूत्र छिड़क रहे? अटैकिंग मोड में उद्धव ठाकरे, शिंदे पर बोले- आप के कितने बाप

आज मुंबई में उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे, बीजेपी और पीएम मोदी पर जमकर हमले किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि अमेरिका में जाकर मोदी ज्ञान देते हैं। मणिपुर में क्यूं नहीं जाते, मैं कहता हूं कि मोदी मणिपुर में जाकर दिखाएं।

uddhav thackeray- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे

मुंबई में एक जनसभा को संबोधित करते हुए आज महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि कागज पर मेरे पास कुछ नहीं है, ना नाम, ना चिन्ह। मैं आप लोगों को कुछ नही दे सकता, फिर भी आप लोग मेरे साथ हैं। जिनको हमने सत्ता दी, सब कुछ दिया उस शिंदे गुट ने साथ छोड़ा। ठाकरे ने कहा कि परसो वैश्विक गद्दार दिन है, हमारे लोगो ने हमसे गद्दारी की थी। उन्होंने कहा कि जो जा रहे हैं, उन्हें जाने दो। जो सुख में रहते हैं उन्हें रिश्ते कहते हैं। दुख में जो साथ रहते हैं उन्हें फरिश्ते कहते हैं।

"मोदी मणिपुर में जाकर दिखाएं"
उद्धव ठाकरे ने कहा कि कितने भी शाह और अफजल खान आ जायें, कोई फर्क नहीं पड़ता। सत्ता की अगर मस्ती दिखानी है तो मणिपुर में जाकर दिखाओ। अमित शाह ने वहां जाकर क्या किया। अमेरिका में जाकर मोदी  ज्ञान देते हैं। मणिपुर में क्यूं नहीं जाते, मैं कहता हूं कि मोदी मणिपुर में जाकर दिखाएं। हमारी महिला कार्यकर्ताओं पर हमला हो रहा है। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम ने कहा कि अगर हमारी माता-बहन पर कोई हाथ उठाये तो उसका हाथ उसके पास नहीं रहेगा।

"मातोश्री में अब भाजपा छोड़ कर बाकी सब आते हैं"
उद्धव ठाकरे ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि 23 तारीख को मैं पटना जा रहा हूं। नीतीश कुमार से मिलूंगा, वो मुझसे मिलने आये थे। एक काल था जब मातोश्री में भाजपा के लोग आते थे, अब भाजपा छोड़ कर बाकी सब आते हैं। ठाकरे ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस मुझसे कह रहे थे कि कर्नाटक पर मेरी क्या राय है? मैं उनसे कहना चाहता हूं, देवेंद्र फडणवीस की हालत बहुत दयनीय है। उनकी स्थिति ऐसी है कि कहा भी नहीं जाता और सहन भी नहीं होता।

"हमारा एक ही बाप है, आपके कितने हैं"
शिवसेना (UBT) के नेता उद्धव ठाकरे ने कहा कि कर्नाटक के निर्णय का निषेध है, सावरकर ने आजादी के लिए मेहनत की थी। सावरकर ने जो मेहनत की, क्या वो मोदी के लिए की थी? उन्होंने इस दौरान शिंदे गुट की ओर इशारा करते हुए कहा कि हमारा एक ही बाप है, आपके कितने हैं, हमे पता नहीं। आपने हमें कांग्रेस की ओर धकेला इसलिए हम साथ गए। अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद हमने समर्थन किया था। लेकिन आप जम्मू कश्मीर में चुनाव क्यूं नहीं कराते हैं।

"मोदी शाह दुनिया के शक्तिशाली नेता तो मणिपुर क्यूं जल रहा"
उद्धव ठाकरे ने कहा कि मोदी और शाह दुनिया के शक्तिशाली नेता हैं। बावजूद इसके मणिपुर क्यूं जल रहा है। क्या मणीपुर की आग बुझाने के लिए आप गौमूत्र छिड़क रहे हैं? उन्होंने कहा कि मुझे मुख्यमंत्री नहीं बनाना था, लेकिन मजबूरी में बनना पड़ा। आप ने दोबारा लौटने के रास्ते बंद कर दिए। उन्होंने कहा कि आप हमें बालासाहेब का हिंदुत्व सिखाएंगे। एक मंत्री पर आरोप हुआ था, मैंने उसे तुरंत मंत्री पद से निकाल दिया था, उनमें से कुछ लोग बचाने की कोशिश कर रहे थे।

"हिन्दुत्व के आप बाप नहीं हैं"
उद्धव ने कहा कि आरएसएस से पूछना चाहता हूं कि मोहन भागवत बताएं कि आखिर आपका हिंदुत्व क्या है। आपने महबूबा मुफ्ती के साथ सरकार बनाई, वो क्या था? मोहन भागवत मस्जिद जाते हैं। मोदी की मन की बात उर्दू में दिखाई जाती है तो ये कौनसा हिंदुतव है। समान नागरिक कानून आप लाना चाहते हैं तो सबसे पहले आप उसे कैसे लागू करेंगे ये बतायें। जाइये मणिपुर में हिन्दू जनाक्रोश मोर्चा निकालें। ठाकरे ने कहा कि हमारे दादाजी का जो हिंदुत्व है, वो हमारा हिंदुत्व है। हिन्दुत्व के आप बाप नहीं हैं। देश सर्वोच्च है, देश से बड़ा कोई नहीं। प्रधानमंत्री सेवक है।

"मैंने घर पर बैठकर महाराष्ट्र चलाया"
उद्धव ठाकरे ने कहा कि पाठ्यक्रम या इतिहास बिगाड़ कर कुछ नहीं मिलेगा। इतिहास बनाने वालों में से हम हैं। कर्नाटक की जनता को धन्यवाद है आप बाहुबली के सामने झुके नहीं। हनुमान की गदा भी वहां चली है, वही शक्ति महाराष्ट्र की जनता को भी मिले। योजना और पैसों की अब बारिश होगी। भाजपा को संघ राज्य पद्धति तोड़कर हुक़ूमशाही लानी है। उद्धव ने शिंदे पर वार करते हुए कहा कि हम एनडीए में थे, वाजपेयी ने अच्छी सरकार चलाई। महाराष्ट्र मेरा घर है और मैंने घर पर बैठकर महाराष्ट्र चलाया। दिल्ली जाकर ये जी हुजूर जी हुजूर करते हैं।

(रिपोर्ट- समीर भिषे)

ये भी पढ़ें-

"कायदा कानून गया चूल्हे में, हम कुछ नहीं मानते..." संजय राउत ने क्यों कही ये बातें

गीता प्रेस गोरखपुर को मिला साल 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार, संस्कृति मंत्रालय ने किया ऐलान