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EPFO खाताधारकों को लगा झटका, 2.5 लाख रुपये से अधिक के अंशदान पर मिलने वाले ब्‍याज पर देना होगा टैक्‍स

सरकार ने कहा कि ऐसा पता चला है कि कुछ कर्मचारी विभिन्न भविष्य निधियों में बड़ी राशि जमा कर रहे हैं और अधिनियम की धारा 10 के उपबंध (11) और उपबंध (12) के अंतर्गत इस राशि पर अर्जित पूरा ब्याज करमुक्त है।

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नई दिल्‍ली। वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को पेश किए गए बजट-2021 में कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (EPFO) के अंशधारकों को बड़ा झटका दिया है। वित्‍त मंत्री सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि भविष्‍य निधि पर कर मुक्‍त आय को युक्तिसंगत बनाया गया है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि उच्‍च आय वाले कर्मचारियों द्वारा अर्जित आय पर दी जाने वाली छूट को युक्तिसंगत बनाने के लिए अब यह प्रस्‍ताव किया गया है कि विभिन्‍न भविष्‍य निधियों में कर्मचारियों के अंशदान पर अर्जित ब्‍याज की आय पर कर से छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपये के वार्षिक अंशदान तक रखने का प्रावधान किया गया है।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि यह नया नियम एक अप्रैल 2021 को या उसके बाद किए जाने वाले अंशदान पर ही लागू होगा। अभी तक ईपीएफ पर अर्जित ब्‍याज पूरी तरह से करमुक्‍त है। सरकार ने कहा कि ऐसा पता चला है कि कुछ कर्मचारी विभिन्‍न भविष्‍य निधियों में बड़ी राशि जमा कर रहे हैं और अधिनियम की धारा 10 के उपबंध (11) और उपबंध (12) के अंतर्गत इस राशि पर अर्जित पूरा ब्‍याज करमुक्‍त है। स्‍वैच्छिक अंशदान के जरिये बहुत से कर्मचारी बड़ी मात्रा में भविष्‍य निधि में राशि जमा कर रहे हैं।

Image Source : budget documentsInterest earned on PF contributions above Rs 2.5 lakh to become taxable

नए प्रावधान के मुताबिक अब विभिन्‍न भविश्‍य निधियों में एक वित्‍त वर्ष में 2.5 लाख रुपये तक के अंशदान पर अर्जित ब्‍याज पर ही टैक्‍स छूट का लाभ मिलेगा। इससे अधिक के अंशदान पर अर्जित ब्‍याज पर कर्मचारियों को टैक्‍स देना होगा।

वर्तमान में ईपीएफ पर मिलने वाले ब्‍याज की दर 8.5 प्रतिशत है। सरकार ने ईपीएफ पर 2019-20 के लिए 8.50 प्रतिशत ब्‍याज तय किया है, जबकि 2018-19 में यह 8.65 प्रतिशत था। बेसिक सैलरी का 12 प्रतिशत हिस्‍सा कर्मचारी और 12 प्रतिशत हिस्‍सा नियोक्‍ता द्वारा ईपीएफ में अंशदान करना होता है। हालांकि बेसिक सैलरी का 100 प्रतिशत तक अंशदान करने का नियम भी यहां है। अतिरिक्‍त अंशदान को स्‍वैच्छिक प्रोविडेंट फंड के रूप में जाना जाता है और धारा 80 सी के तहत इस पर भी टैक्‍स छूट का लाभ मिलता है।  

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