A
Hindi News राजस्थान Rajasthan Muslim Population: राजस्थान में बॉर्डर से सटे इलाकों में आई मस्जिदों-मदरसों की बाढ़, जानिए कौन कर रहा है फंडिंग

Rajasthan Muslim Population: राजस्थान में बॉर्डर से सटे इलाकों में आई मस्जिदों-मदरसों की बाढ़, जानिए कौन कर रहा है फंडिंग

Rajasthan Muslim Population: राजस्थान के पोखरण, मोहनगढ़ और जैसलमेर जैसे सीमा वाले इलाकों में ऐसे मौलवी और मौलाना भी दिख रहे हैं जो बाहरी हैं। इन इलाकों के ज्यादातर मदरसों में पढ़ाने वाले मौलवी भी लोकल नहीं है। ये लोग बाहर से आकर इलाके की मस्जिदों में रह रहे हैं।

Madrasa- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE Madrasa

Highlights

  • राजस्थान में जनसांख्यिकी असंतुलन
  • मुस्लिमों की आबादी में 25% की बढ़ोतरी दर्ज
  • गैर मुस्लिम समुदायों की आबादी 8-10% ही बढ़ी

Rajasthan Muslim Population: उत्तर प्रदेश और असम के अलावा राजस्थान में भी बॉर्डर से सटे इलाकों में मुसलमानों की आबादी बढ़ी है। साथ ही अचानक नए मदरसे और मस्जिदें दिखने लगी है। इस बदलाव को BSF ने भी नोटिस किया और इसकी रिपोर्ट होम मिनिस्ट्री को भेजी। दूसरे धर्मों के लोगों की आबादी में केवल 8-10% का फर्क आया है लेकिन मुसलमानों की आबादी में 25% तक बढ़ गई। BSF ने अपनी रिपोर्ट में यहां तक कहा कि मदरसों की संख्या बढ़ गई है, मदरसों में जाने वाले बच्चों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। इसके अलावा पोखरण, मोहनगढ़ और जैसलमेर जैसे सीमा वाले इलाकों में ऐसे मौलवी और मौलाना भी दिख रहे हैं जो बाहरी हैं। इन इलाकों के ज्यादातर मदरसों में पढ़ाने वाले मौलवी भी लोकल नहीं है। ये लोग बाहर से आकर इलाके की मस्जिदों में रह रहे हैं और कहा जा रहा है ये लोग मुस्लिम समुदाय को कट्टरपंथ की तालीम दे रहे हैं।

उत्तराखंड में भी मुस्लिम आबादी बढ़ने की रफ्तार हैरान करने वाली
चितौडगढ़ से बीजेपी सांसद सीपी जोशी ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार तुष्टिकरण की नीति अपना रही है इसलिए बाहर से आए मुस्लिमों की चेकिंग नहीं की जा रही है। यूपी, असम और राजस्थान तो बड़े और पुराने राज्य हैं लेकिन करीब 22 साल पहले बने पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में भी मुस्लिम आबादी बढ़ने की रफ्तार हैरान करने वाली है। उत्तराखंड के भी कुछ इलाके नेपाल से लगते हैं और इन्हीं जिलों में मुस्लिमों की आबादी तेज़ी से बढ़ी है। उत्तराखंड में पिछले 10 सालों में मुसलमानों की संख्या में ढाई गुना की बढ़ोतरी हो गई। कुछ ही दिन पहले खबर आई थी कि उत्तराखंड के जंगलों में बड़े पैमाने पर मज़ार बना दी गई हैं और रोहिंग्या मुसलमानों ने अपनी बस्ती बसा ली हैं जिसके बाद सरकार की तरफ से जंगल की ज़मीन से मज़ार और रोहिंग्या मुसलमानों को हटाने के ऑर्डर दिए गए हैं।

उत्तराखंड में कितनी बढ़ी मुस्लिम आबादी?

  • एक दशक में मुस्लिम आबादी में ज़बरदस्त बढ़ोतरी
  • मुस्लिम आबादी में ढाई गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी
  • ऊधमसिंह नगर, नैनीताल और देहरादून में ज्यादा बढ़ोतरी
  • पहाड़ी जिलों में भी तेज़ी से बढ़ रही है मुस्लिम आबादी

पाकिस्तान और चीन की साजिश के तहत मुसलमानों को बसाया जा रहा?
यूपी में नेपाल की सीमा से लगे जिलों में और असम में बांग्लादेश से सटे इलाकों में मुसलमानों की बढ़ती आबादी को लेकर पहली बार नवंबर 2021 में डीजीपी क्रॉन्फ्रेस के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में चिंता जाहिर की गई थी। इस डीजीपी कांफ्रेस की अध्यक्षता प्रधानमंत्री मोदी कर रहे थे और उनके सामने यूपी पुलिस ने एक डिटेल्ड रिपोर्ट पेश की थी। इसी रिपोर्ट को दो दिन पहले अपडेट किया गया। यूपी पुलिस ने अपनी प्रेजेंटेशन में इस बात को भी हाईलाइट किया था कि पहले बॉर्डर के पास वाले गांवों में हिंदू, मुस्लिम और सिखों की मिली जुली आबादी हुआ करती थी लेकिन अब इन जिलों में मुस्लिम आबादी काफी तेजी से बढ़ रही है।

जाहिर है अगर पड़ोसी मुल्कों से (पाकिस्तान और बांग्लादेश) बड़ी संख्या में लोगों को हमारे बॉर्डर के इलाकों में भेजा जा रहा है तो ये चिंता की बात है। अगर पाकिस्तान और चीन की साजिश के तहत भारत की सरहद से सटे इलाकों में मुसलमानों को बसाया जा रहा है तो ये एक गंभीर मसला है। अगर इन इलाकों में बड़ी संख्या में मस्जिदों और मदरसों को फाइनेंस किया जा रहा है तो ये खतरे की बात है इसलिए यूपी और असम पुलिस की इस रिपोर्ट पर BSF की जानकारी पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।