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Hindi News राजस्थान Rajasthan news: पानी की टंकी पर चढ़े भीम आर्मी के चार सदस्य, दलित छात्र मौत मामले में 50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग

Rajasthan news: पानी की टंकी पर चढ़े भीम आर्मी के चार सदस्य, दलित छात्र मौत मामले में 50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग

Rajasthan news: जयपुर में भीम आर्मी के चार सदस्य मंगलवार को पानी की एक टंकी पर चढ़ गए। पुल‍िस के अनुसार, ये चारों जालौर के दल‍ित छात्र की मौत मामले में पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।

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Highlights

  • पानी की टंकी पर चढ़े भीम आर्मी के चार सदस्य
  • दलित छात्र मौत मामले में 50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग
  • टीचर की पिटाई से हुई थी दलित छात्र की मौत

Rajasthan news: जयपुर में भीम आर्मी के चार सदस्य मंगलवार को पानी की एक टंकी पर चढ़ गए। पुल‍िस के अनुसार, ये चारों जालौर के दल‍ित छात्र की मौत मामले में पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। गौरतलब है कि जालौर में एक निजी स्कूल के शिक्षक द्वारा पिटाई करने के बाद छात्र की मौत के मामले में सत्तारूढ़ कांग्रेस के एक विधायक ने अपना इस्‍तीफा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजा है। ज्योति नगर की थानाधिकारी सरोज धायल ने बताया, “हम भीम आर्मी के सदस्यों को पानी की टंकी से नीचे उतरने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं। वो फोन के जरिए संपर्क में हैं। वे चाहते हैं कि उनकी मुख्‍यमंत्री से बात करवाई जाए।” 

50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग

धायल के मुताबिक, ये लोग पीड़ित परिवार के ल‍िए 50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि नागरिक सुरक्षा की एक टीम भी मौके पर मौजूद है। नौ वर्षीय दलित छात्र इंद्र कुमार को 20 जुलाई को स्कूल में मटके को छूने के आरोप में एक शिक्षक ने पीटा था। उसकी शनिवार को अहमदाबाद के एक अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। आरोपी शिक्षक छैल सिंह (40) को गिरफ्तार कर लिया गया है। राज्य सरकार ने पीड़ित परिवार के सदस्यों के लिए पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है। 

टीचर की पिटाई से हुई दलित छात्र की मौत 

बता दें, राजस्थान के जालोर जिले के सुराणा गांव में एक प्राइवेट स्कूल के टीचर की पिटाई से हुई दलित छात्र की मौत के बाद गांव में तनावपूर्ण माहौल बना गया। परिजन और प्रशासन की सहमति के 40 घंटे बाद बच्चे का अंतिम संस्कार किया गया। प्रदर्शनकारी बच्चे के शव को छीनना चाह रहे थे। उन्होंने पुलिस पर पथराव कर दिया। भीड़ के उग्र होने पर पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें कई लोगों को चोटें आई। मांगें पूरी न होने तक परिजन बच्चे का अंतिम संस्कार न करने पर अड़े हुए थे। इसके बाद घर के आंगन में शव को रखकर प्रशासन और परिजनों के बीच बातचीत हुई। 50 लाख रुपये का मुआवजा, परिवार के 1 सदस्य को सरकारी नौकरी और स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग की गई थी।