A
Hindi News राजस्थान राकेश टिकैत का बड़ा बयान, कहा- जरूरत पड़ी तो संसद में फसल बेचकर दिखाएगा किसान

राकेश टिकैत का बड़ा बयान, कहा- जरूरत पड़ी तो संसद में फसल बेचकर दिखाएगा किसान

राकेश टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि किसान अपनी फसल को कहीं भी बेच सकता है और हम कहीं पर भी बेच कर दिखाएंगे। 

Rakesh Tikait, Rakesh Tikait Parliament, Rakesh Tikait Mahapanchayat, Rakesh Tikait Jaipur- India TV Hindi Image Source : PTI किसान नेता राकेश टिकैत ने कृषि कानूनों को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जरूरत पड़ी तो किसान संसद में भी अपनी फसल बेचकर दिखाएगा।

जयपुर: किसान नेता राकेश टिकैत ने कृषि कानूनों को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए मंगलवार को कहा कि उसने लोगों को जाति, धर्म में बांटा लेकिन अब किसान बंटने वाला नहीं है और जरूरत पड़ी तो वह संसद में भी अपनी फसल बेचकर दिखाएगा। टिकैत मंगलवार को जयपुर में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘इन्होंने जाति में बांटा, धर्म में बांटा, अब किसान बंटने वाला नहीं है। किसानों को जब बताया जाए तभी उसे दिल्ली की तरफ चलना पड़ेगा। दिल्ली के बैरिकेडिंग फिर तोड़नी पडेंगी।’

‘पीएम ने कहा कि फसल कहीं भी बेच सकते हैं’
टिकैत ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान अपनी फसल को कहीं भी बेच सकता है। हम कहीं पर भी बेच कर दिखाएंगे। मंडी के बाहर बेच कर दिखाएंगे, जो भारत सरकार का रेट है उस पर बेच कर दिखाएंगे और संसद में अपनी फसल बेच कर दिखाएंगे।’ केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में जारी आंदोलन की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि पूरे देश में आंदोलन शुरू हो चुके हैं आपको जागना पड़ेगा खासकर युवा साथियों की बड़ी जिम्मेदारी है कि आप चलो, बढ़ो, जागो, उठो और लड़ो। उन्होंने कहा कि इस देश में जय राम और जय भीम के नारे इकठ्ठे लगेंगे तभी देश बचेगा नहीं तो देश लुट गया। टिकैत ने इस अवसर राजाराम मील को भारतीय किसान यूनियन का प्रदेशाध्यक्ष व झाबर सिंह को राष्ट्रीय सचिव नियुक्त करने की घोषण की।

'यह किसान आंदोलन सफल हो चुका है'
इससे पहले योगेंद्र यादव ने किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि आज इस देश का प्रतिपक्ष किसानों के साथ सिंघू, टिकरी, गाजीपुर, शाहजंहापुर सीमाओं पर है। उन्होंने कहा कि देश का किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य की कागजी घोषणा नहीं चाहता अब इसे एक कानूनी गारंटी के रूप में चाहते है। उन्होंने कहा कि यह किसान आंदोलन सफल हो चुका है इस ऐतिहासिक आंदोलन ने 3 ऐसी सफलताएं हासिल की हैं जो इससे पहले के 30-40-50 साल के आंदोलनों में हासिल नहीं की। योगेंद्र यादव ने कहा कि इस आंदोलन ने किसान के आत्मसम्मान को लौटाया है। उन्होंने कहा, ‘इस आंदोलन ने किसान की राजनैतिक हैसियत बताई है। इस आंदोलन ने किसान को एक कर दिया।’