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नवरात्रि में अष्टमी तिथि को इसलिए माना जाता है सबसे महत्वपूर्ण, इस दिन पूजा से मिलते हैं ये फल

नवरात्रि की अष्टमी तिथि को माता महागौरी की पूजा की जाती है। इस दिन को नवरात्रि के सभी दिनों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, लेकिन इसके पीछे वजह क्या है और क्यों नवरात्रि की अष्टमी तिथि इतनी खास है? इसके बारे में आइए विस्तार से जानते हैं।

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नवरात्रि के नौ दिनों को बेहद पवित्र माना जाता है। इस दौरान भक्तों के द्वारा व्रत रखा जाता है और विधि-विधान से माता की पूजा की जाती है। हालांकि नवरात्रि के नौ दिनों में अष्टमी तिथि को बेहद अहम माना गया है। इसलिए नवरात्रि के दौरान आने वाली तिथि को महाष्टमी के नाम से भी पुकारा जाता है। इस तिथि को क्यों इतना अहम माना गया है इसी के बारे में आज हम आपको अपने इस लेख में जानकारी देंगे। 

नवरात्रि की अष्टमी तिथि इसलिए खास

नवरात्रि के आठवें दिन माता महागौरी की पूजा की जाती है। नवरात्रि की अष्टमी तिथि को महाष्टमी और दुर्गा अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। माता महागौरी मातृत्व की देवी मानी जाती हैं, जो अपने भक्तों पर हमेशा कृपा बरसाती हैं। इसके साथ ही माता आध्यात्मिक शक्ति देने वाली भी मानी गयी हैं। इनकी पूजा से भय से भी मुक्ति मिलती है। इन्हें अन्नपूर्णा भी कहा जाता है यही वजह है कि नवरात्रि के आठवें दिन कन्याओं को भोजन करवा के भक्त माता को प्रसन्न करते हैं, ताकि उनके घर में कभी अन्न की कमी न हो। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी तिथि को देवी माता ने चंड-मुंड नामक दानवों का संहार किया था। इसलिए इस तिथि को बुराई पर अच्छाई के रूप में भी देखा जाता है। 

माना जाता है कि, नवरात्रि के नौ दिनों तक पूजा करने से जो लाभ भक्तों को प्राप्त होते हैं वो अष्टमी तिथि के व्रत और पूजन से भी प्राप्त हो जाते हैं। यह दिन कुल देवी की पूजा के लिए भी अत्यंत शुभ माना जाता है, इसलिए कई लोग माता महागौरी के साथ ही इस दिन कुल देवी की भी पूजा करते हैं। इसके साथ ही इस दिन माता को ककड़ी, लौकी, कद्दू की बलि चढ़ाने की भी परंपरा है। इस दिन इन पदार्थों को खाना भी वर्जित माना जाता है। 

नवरात्रि की अष्टमी तिथि के दिन पूजा से मिलते हैं ऐसे फल

जो भी लोग महाष्टमी के दिन पूजा आराधना करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। माता महागौरी के आशीर्वाद से भक्त भय, रोग से भी मुक्ति पाते हैं। जो लोग आध्यात्मिक क्षेत्र में अग्रसर हैं और मोह-माया के बंधनों को तोड़ना चाहते हैं उनको भी माता की आराधना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। माता बुद्धि और बल देने वाली भी मानी गयी हैं। इसलिए सांसारिक और संन्यासी दोनों के लिए ही नवरात्रि की अष्टमी तिथि बेहद अहम मानी जाती है। यही वजह है कि नवरात्रि के दौरान अष्टमी तिथि को विशेष महत्व दिया गया है। 

साल 2024 में चैत्र नवरात्रि के दौरान महाष्टमी 16 अप्रैल को है और 17 अप्रैल को माता सिद्धिदात्री की पूजा के साथ ही चैत्र नवरात्रि का समापन हो जाएगा। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)

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