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Hindi News धर्म MahaShivratri 2023: भारत ही नहीं विदेशों में भी है भगवान शिव के मंदिर, यहां जानिए ये कहां-कहां स्थित है

MahaShivratri 2023: भारत ही नहीं विदेशों में भी है भगवान शिव के मंदिर, यहां जानिए ये कहां-कहां स्थित है

MahaShivratri 2023: महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर जानिए विदेशों में स्थित आलौकिक शिव मंदिरों के बारे में।

MahaShivratri 2023- India TV Hindi Image Source : FREEPIK MahaShivratri 2023

MahaShivratri 2023:  महादेव भोलेनाथ के भक्त भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में बसे हुए हैं। विदेशों में कई प्रसिद्ध शिव मंदिर है, जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। इन मंदिरों में सावन और शिवरात्रि के मौके पर शिव के उपासक पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। इतना ही नहीं इन शिव मंदिरों को लेकर अलग-अलग मान्यताएं भी है। तो आइए जानते हैं दुनिया भर के आलौकिक शिव मंदिरों के बारे में।

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पशुपति नाथ मंदिर, नेपाल

नेपाल की राजधानी काठमांडू में स्थित पशुपति नाथ पूरी दुनिया में काफी प्रसिद्ध है। यहां भारत ही नहीं बल्कि दूसरे देशों से भी लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि जो भी भक्त यहां पूजा करता है उसे पशु योनि नहीं मिलता है।

शिव मंदिर,  न्यूजीलैंड

न्यूजीलैंड में भोलभंडारी का काफी भव्य मंदिर स्थित है। इसका निर्माण आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी शिवेंद्र महाराज और यज्ञ बाबा के मार्गदर्शन में हुआ था । भक्तों के लिए इस मंदिर का द्वार साल 2004 में खोला गया था।

कटास राज मंदिर, पाकिस्तान 

पड़ोसी देश पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में प्राचीन शिव मंदिर स्थित है। इस मंदिर कटास राज मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर को पांडवों से जोड़कर देखा जाता है, इसे लेकर कई कथाएं भी प्रचलित हैं। 

मुन्नेश्वरम, श्रीलंका 

श्रीलंका में स्थित मुन्नेश्वरम मंदिर काफी प्रसिद्ध है। इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि रावण को युद्ध में पराजित करने के बाद प्रभु राम ने यहां भगवान शिव जी की पूजा-अर्चना की थी। मुन्नेश्वरम मंदिर में कई मंदिर है लेकिन मुख्य रूप से यह महादेव को समर्पित है।

 प्रम्बानन मंदिर, इंडोनेशिया 

प्रम्बानन मंदिर इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर स्थित है। यह भारत से बाहर बने सबसे विशाल शिव मंदिरों में से एक है। यूनेस्को ने इस मंदिर को वर्ल्ड हेरिटेज के रूप में संरक्षित किया है।

(डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।)

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