A
Hindi News धर्म मंदिर में कितनी परिक्रमा लगाना होता है फलदायी? यहां जानिए इससे जुड़ी अहम बातें

मंदिर में कितनी परिक्रमा लगाना होता है फलदायी? यहां जानिए इससे जुड़ी अहम बातें

Mandir Parikarma Niyam: शास्त्रों में अलग-अलग देवी-देवता की परिक्रमा की संख्या निर्धारित की गई है। वहीं परिक्रमा से जुड़ी कई जरूरी नियम भी बनाए गए हैं। अगर आप इन बातों का ध्यान रखेंगे तभी आपको पूजा कि विशेष फल मिलेगा।

Puja Rules- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Puja Rules

Mandir Puja Rules: हिंदू धर्म में मंदिर जाकर पूजा-पाठ करना और परिक्रमा का विशेष महत्व है। अधिकतर लोग जब भी कोई मंदिर जाते हैं तो मंदिर परिसर की परिक्रमा जरूर करते हैं। कहते हैं कि ऐसा करने से कई गुना अधिक पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। वहीं मंदिर परिसर के अलावा देवी-देवताओं की परिक्रमा या प्रदक्षिणा करने का भी विधान है। मान्यताओं के मुताबिक, ऐसा करने से ईश्वर की अपार कृपा प्राप्त होती है और सभी अधूरी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। तो आज हम परिक्रमा से जुड़ी जरूरी महत्वपूर्ण बातें और नियमों के बारे में जानेंगे। 

मंदिर में परिक्रमा का महत्व 

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, परिक्रमा करने से हर तरह के पापों से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि बरसता है। आपको बता दें कि अलग-अलग देवी-देवताओं के लिए परिक्रमा की अलग संख्या निर्धारित की गई है। भगवान की मूर्ति और मंदिर की परिक्रमा हमेशा दाहिने हाथ की ओर से शुरू करनी चाहिए। कहते हैं कि इससे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

किस देवी-देवता की कितनी परिक्रमा करनी चाहिए?

मान्यताओं के अनुसार,  भगवान विष्णु और उनके सभी अवतारों की चार, सूर्य देव की सात, गणेश जी की चार, बजरंगबली की तीन, देवी दुर्गा की एक और देवों के देव महादेव की आधी परिक्रमा लगानी चाहिए। मान्यताओं के मुताबिक, शिवलिंग की परिक्रमा करते समय जलधारी को लांघना नहीं चाहिए। जलधारी तक पंहुचकर परिक्रमा को पूर्ण मान लिया जाता है। इसलिए शिवलिंग की आधी परिक्रमा करके वापस उसी स्थान ओर आ जाएं जहां से परिक्रमा शुरू की गई थी।

मंदिर में परिक्रमा से जुड़ी जरूर बातें

  • परिक्रमा को बीच में कभी नहीं रोकना चाहिए, इसलिए ध्यान रखें कि परिक्रमा जहां से शुरू करें वहीं खत्म करें।
  • बाएं हाथ की तरफ से परिक्रमा भूलकर भी शुरू नहीं करना चाहिए। वरना परिक्रमा का फल नहीं मिलेगा।
  • जिस देवी-देवता की परिक्रमा कर रहे हैं मन में उनका ही ध्यान करें।
  • मंदिर या देवी-देवता की प्रतिमा की परिक्रमा लगाते समय मन में किसी के लिए बुरे विचार न लाएं।
  • जिस देवी-देवता की प्रतिमा की परिक्रमा कर रहे हैं उनके मंत्र का जाप करते रहें।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

ये भी पढ़ें-

भगवान के सामने भूलकर भी इस तरह न बैठें, वरना तरस जाएंगे पाई-पाई को, उम्र भी होने लगेगी कम!

इस दिशा में खड़े होकर नहाने से सूर्य की तरह चमक सकती है किस्मत, जानिए स्नान करने का सही नियम

घर में अचानक शीशा टूट जाए तो यह किस बात का संकेत होता है? जानें ऐसा होना शुभ या अशुभ