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Hindi News खेल क्रिकेट इयान चैपल ने दी सलाह, कोरोना महामारी के बाद बदल देने चाहिए क्रिकेट के ये दो नियम

इयान चैपल ने दी सलाह, कोरोना महामारी के बाद बदल देने चाहिए क्रिकेट के ये दो नियम

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी इयान चैपल का मानना है कि गेंदबाजों को बॉल टेम्परिंग यानी गेंद से छेड़छाड़ ( बिना लार या पसीने के ) करने की इजाजत दे दनी चाहिए।

Ian Chappell- India TV Hindi Image Source : GETTY Ian Chappell

मेलबर्न| कोरोना महामारी के कारण जहां एक तरफ बिना फैंस के क्रिकेट की वापसी पर विचार चल रहा है वहीं दूसरी तरफ आईसीसी ने एक और नियम पर जोर देने की बार कही है। जिसमें कहा जा रहा है कि जब भी क्रिकेट की वापसी होगी उसमें तेज गेंदबाज अपनी गेंद को चमकाने के लिए लार, थूक या पसीने का इस्तेमाल ना करे। जिससे कोरोना जैसी भयानक बीमारी से बचा जा सकता है। इस तरह आईसीसी ने जैसे ही ये विचार सबके सामने रखा तमाम क्रिकेट दिग्गजों के बीच इसको लेकर बहस छिड़ गई कुछ ने इसे सही ठहराया तो कुछ ने कहा कि ये गेंदबाजों के साथ नाइंसाफी होगी। वहीं इस कड़ी में एक और नाम जुड़ गया है ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी इयान चैपल का, जिनका मानना है कि गेंदबाजों को बॉल टेम्परिंग यानी गेंद से छेड़छाड़  ( बिना लार या पसीने के ) करने की इजाजत दे दनी चाहिए।

वेबसाइट क्रिकइंफो में अपने कॉलम में चैपल ने लिखा है कि फैंस बल्ले और गेंद के बीच प्रतिस्पर्धा देखना चाहते हैं और ऐसे में जब कोरोनावायरस के कारण क्रिकेट रुका हुआ है तो यह प्रयोग करने का सही समय है।

उन्होंने लिखा, "बॉल टेम्पिरिंग हमेशा से एक विवादित मुद्दा रहा है। मैंने पहले भी कहा है कि प्रशासन को अंतर्राष्ट्रीय टीम के कप्तानों से ऐसी चीजों की एक ऐसी सूची बनाने के बारे में कहना चाहिए जिनसे गेंदबाज को गेंद को स्विंग कराने में मदद मिले। इस सूची से प्रशासक एक चीज को कानूनी तो दूसरी को गैरकानूनी बता सकते हैं।"

चैपल ने लिखा, "क्रिकेट इस समय रुकी हुआ है, और यह प्रयोग करने का सही समय है। सलाइवा ( लार ) और पसीने का उपयोग करना अब एक स्वास्थ जोखिम के रूप में देखा जाएगा ऐसे में गेंदबाजों को गेंद को चमकाने के लिए पारंपरिक उपायों के विकल्प तो चाहिए होंगे।"

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इतना ही नहीं चैपल ने आगे लिखा कि गेंदबाजों को फायदा पहुंचाने के लिए एलबीडब्ल्यू के नियम में बदलाव किए जाने चाहिए।

उन्होंने कहा, "नए एलबीडब्ल्यू के नियम में साफ तौर पर होना चाहिए कि कोई गेंद अगर बिना बल्ले से टकराए पैड पर लगती है तो अंपायर का फैसला इस बात पर निर्भर होना चाहिए कि गेंद स्टम्प पर लग रही है या नहीं चाहे खिलाड़ी ने गेंद को खेलने का प्रयास किया हो या नहीं। साथ ही गेंद की लाइन पर भी ध्यान नहीं जाए चाहें गेंद स्टम्प के बाहर हो या नहीं हो, अगर यह स्टम्प पर पड़ रही है तो आउट है।"

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उन्होंने कहा, "क्रिकेट प्रशासको की कोशिश खेल में बल्ले और गेंद के बीच संतुलन बनाए रखने की होनी चाहिए।"

( Agency Input Ians )

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