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विदेशों में फ्लॉप प्रदर्शन पर विराट कोहली और रवि शास्त्री से बात करेंगे सौरव गांगुली

गांगुली ने कहा "मैं शास्त्री और कोहली से इस बारे में बात करूंगा ताकि उन्होंने विदेशों में अच्छा खेलने में मदद मिले।''

Sourav Ganguly to talk to Virat Kohli and Ravi Shastri on flop performance abroad- India TV Hindi Image Source : GETTY IMAGES Sourav Ganguly to talk to Virat Kohli and Ravi Shastri on flop performance abroad

न्यूजीलैंड में वनडे और टेस्ट सीरीज में सूपड़ा साफ होने के बाद टीम इंडिया के विदेशी धरती पर एक बार फिर फ्लॉप शो पर चर्चा होने लगी है। न्यूजीलैंड दौर की शुरुआत तो भारत ने 5-0 से टी20 सीरीज जीतकर की थी, लेकिन बाद में उन्हें वनडे में 3-0 और टेस्ट में 2-0 से हार का सामना करना पड़ा था। भारतीय पूर्व कप्तान और बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली टीम इंडिया की इस परफॉर्मेंस से खुश नहीं है और वो ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली से इस बारे में बात करेंगे। 

सौरव गांगुली ने स्पोर्ट्सकीड़ा से बातचीत में कहा, ''आपको बाहर अच्छा खेलना होता है, लेकिन टीम इंडिया ऐसा नहीं कर पा रही है। मैं अपने आपको तभी जज करता हूं, जब मैं यह देखूं कि मैं देश से बाहर कैसा खेल रहा हूं। मैं शास्त्री और कोहली से इस बारे में बात करूंगा ताकि उन्होंने विदेशों में अच्छा खेलने में मदद मिले।''

गांगुली ने कहा, ''मुझे लगता है कि पिछले चार महीने में चीजें बदली हैं। आप देखिए केएल राहुल अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं। मोहम्मद शमी खेल के हर फॉर्म में उम्दा परफॉर्म कर रहे हैं। रविंद्र जडेजा हर फॉर्म में खेल रहे हैं। रोहित शर्मा क्रिकेट के तीनों फॉर्मैट में खेल रहे हैं और रन बना रहे हैं।''

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उन्होंने कहा, ''विराट कोहली कंसीस्टेंसी का अर्थ जानते हैं। न्यूजीलैंड दौरे पर अच्छा प्रदर्शन न करने के बाद इस साल के अंत में टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया में अच्छा प्रदर्शन करेगी। आप पर दबाव होता है, लेकिन इतने दबाव का कोई अर्थ नहीं है जो काम न करे। विराट भी उसी दौर में हैं। मैं चाहूंगा कि ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया अच्छा परफॉर्म करे।''

लीड़रशिप के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा ''मैं मैदान पर एकदम अलग होता था। मैं जन्मजात लीडर नहीं था, लेकिन एक बार खेलने के बाद मैं लगातार बेहतर होता गया। मैं मैदान पर हमेशा प्रतियोगी रहा। क्रिकेट मेरे लिए बहुत अहम और करीबी रहा है। टीम को लीड करना और भी ज्यादा मुश्किल है। 4-5 माह से बीसीसीआई का अध्यक्ष बनना शानदार अनुभव है।''

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