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Hindi News खेल क्रिकेट EXCLUSIVE | पिता बेचते हैं दूध मगर बेटे वैभव ने पुजारा जैसे बल्लेबाजों को किया बोल्ड, IPL-14 में बनेगा KKR की शान

EXCLUSIVE | पिता बेचते हैं दूध मगर बेटे वैभव ने पुजारा जैसे बल्लेबाजों को किया बोल्ड, IPL-14 में बनेगा KKR की शान

वैभव के आईपीएल तक का सफर काफी संघर्षों से भरा रहा है। पंजाब के अम्बाला से शुरू होकर चंडीगढ़ के रास्ते पहले हिमांचल पहुंचा और वहां से सीधे उन्होंने आईपीएल की उड़ान भरी

Vaibhav Arora- India TV Hindi Image Source : WHTASAPP- VAIBHAV ARORA Vaibhav Arora

मशहूर शायर साहिर लुधियानवी की एक पंक्ति, हजार बर्क गिरे, लाख आंधियां उठे, वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं...भारतीय घरेलू क्रिकेट में लगातार धमाल मचाकर इंडियन प्रीमियर लीग ( आईपीएल ) के आगामी 14वें सीजन में कोलकाता नाईट राइडर्स ( केकेआर ) द्वारा बेस प्राइस 20 लाख में बिकने वाले वैभव अरोड़ा पर काफी फिट बैठती है। जिसमें कहा जा सकता है कि वैभव के आईपीएल तक पहुँचने में उन्हें तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ा। जिसमें आर्थिक तंगी, मौका ना मिलना, स्केटिंग में राष्ट्रीय पदक जीतने के बावजूद क्रिकेट का दामन थामना और पिता जी के दूध डेरी के काम के साथ - साथ संयुक्त परिवार की जिम्मेदारी। ये तमाम चुनौतियां भी उन्हें क्रिकेट के मैदान में किट लेकर खेलने जाने से नहीं रोक पाई। क्योंकि वैभव वो फूल है जिसने सिर्फ क्रिकेट के मैदान में खिलने के लिए ही कदम रखा। 

वैभव के आईपीएल तक का सफर काफी संघर्षों से भरा रहा है। पंजाब के अम्बाला से शुरू होकर चंडीगढ़ के रास्ते पहले हिमांचल पहुंचा और वहां से सीधे उन्होंने आईपीएल की उड़ान भरी। दरअसल अम्बाला में वैभव का घर है। जहां उनके पिता दूध की डेरी चलाते हैं। परिवार में माँ - पिता और एक छोटा भाई व दादी को मिलाकर कई लोग एक साथ रहते हैं। जहां से निकल कर वैभव के लिए क्रिकेट खेलना किसी पहाड़ चढ़ने से कम नहीं था। जिसमें उन्होंने अपने स्केटिंग के लगाव को छोड़ क्रिकेट का दामन थामने और आईपीएल तक पहुँचने के शानदार सफर की कहानी Indiatv.in से ख़ास बातचीत में बताई। 

स्केटिंग छोड़ क्रिकेट का थामा दामन 

वैभव ने अपने सफर की शुरुआत के बारे में कहा, "क्रिकेट से पहले मैं स्केटिंग करता था। जिसमें मैंने राष्ट्रीय स्तर पर कांस्य पदक भी जीता मगर ज्यादा पहचान और मदद ना मिलने के कारण मैंने साल 2011 के दौरान अम्बाला की गलियों में टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया। जिसके बाद प्रोफेशनल क्रिकेट सीखने के लिए मैं चंडीगढ़ की क्रिकेट अकादमी गया। जहां मेरे कोच रवि वर्मा जी ने मुझे क्रिकेट सिखाना शुरू किया। वहाँ पर क्रिकेट सीखते - सीखते पंजाब से खेलने को ट्राई करता रहा मगर मौके ख़ास नहीं मिल रहे थे और घर में आर्थिक तंगियाँ आना शुरू हो गई थी।  जिसके चलते एक समय ऐसा लग रहा था कि मुझे क्रिकेट छोड़ना पड़ेगा।"

इस तरह 7 साल क्रिकेट खेलने के बाद वैभव को जब पंजाब से मौका नहीं मिल पा रहा था और घर में आर्थिक तंगियों से परेशान होकर उन्होंने नौकरी करने की भी सोची थी। तभी उनके कोच रवि वर्मा ने उन्हें फ्री में हॉस्टल दिया और ट्रेनिंग भी कराई। जिससे उनके जीवन में बदलाव आया और वो पडोसी राज्य हिमांचल में जाकर डिस्ट्रिक्ट ट्रायल देने चले गए। 

इसी देवभूमि में जाकर वैभव का उद्धार हुआ और उन्होंने हिमांचल के लिए अपनी गेंदों से कहर बरपाना शुरू कर दिया। वैभव ने कहा, "पंजाब में इतना अधिक मौका ना मिलने के कारण मैंने हिमांचल का रुख किया। जहां पर मुझे काफी सपोर्ट मिला। जिसके दमपर मैं आज यहाँ तक आ पहुंचा हूँ। इसलिए मेरा करियर बनाने में हिमांचल क्रिकेट का काफी योगदान रहा है।"

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डेब्यू मैच में पुजारा का उखाड़ा मिडल स्टंप

हिमांचल में जैसे ही वैभव को साल 2019 रणजी ट्रॉफी में डेब्यू करने का मौका मिला उन्होंने इस स्तर पर सभी को चौंका डाला। अपनी सालों की कड़ी लगन और मेहनत को वैभव ने बेकार नहीं जाने दिया। जिसके चलते डेब्यू मैच में टीम इंडिया की दूसरी 'द वाल' कहे जाने वाले चेतेश्वर पुजारा का मिडिल स्टंप हवा में उड़ाकर अपनी घातक गेंदबाजी का इतिहास लिखना शुरू कर डाला। इस मैच में उन्होंने कुल 9 विकेट लिए। 

इस तरह डेब्यू को यादगार बताते हुए वैभव ने कहा, "साल 2019 में अंडर -23 टूर्नामेंट के दौरान मैं पूरे भारत में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाला गेंदबाज बना। जिसके चलते मुझे हिमांचल की रणजी टीम में जगह मिली। जबकि उसी साल 2019 में ही रणजी ट्राफी में पहला मैच सौराष्ट्र के खिलाफ था। जिसमें मैंने 9 विकेट हासिल किए थे। जबकि मेरे करियर का दूसरा विकेट सबसे ख़ास था। जिसमें मैंने भारतीय टीम के चेतेश्वर पुजारा को इनस्विंग डालकर उनका मिडिल स्टंप उखाड़ फेंका था। इस तरह पुजारा का विकेट डेब्यू मैच में मेरे लिए काफी यादगार रहेगा। जिसे मैं शायद ही भुला पाऊं। मैच के बाद पुजारा भाई ने तारीफ करते हुए मुझे इसी तरह गेंदबाजी करने की सलाह भी दी थी।"

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आईपीएल 2020 में किंग्स इलेवन पंजाब के बने नेट गेंदबाज 

साल 2019 में रणजी ट्राफी के दौरान शानदार प्रदर्शन करने वाले वैभव को किंग्स इलेवन पंजाब की टीम ने आईपीएल के पिछले 2020 सीजन में उन्हें बतौर नेट गेंदबाज अपनी टीम में शामिल किया था। जहां पर भी उनकी गेंदबाजी का जोश जारी रहा। उन्होंने पंजाब के कप्तान राहुल तक को नेट्स में क्लीन बोल्ड किया जबकि टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी से भी काफी कुछ सीखा। जिसके बारे में वैभव ने कहा, "आईपीएल के पिछले 2020 सीजन में मैंने शमी भाई से काफी कुछ सीखा। उन्होंने मुझे मैच परिस्थिति के अनुसार गेंदबाजी करने के बारे में ख़ास टिप्स दिए। जबकि मैंने नेट्स में पंजाब के कप्तान केएल राहुल को बोल्ड करने के साथ कई बल्लेबाजों का विकेट भी निकाला। इससे मेरा आत्मविश्वास काफी बढ़ा हुआ है।"

गेंदबाजी में क्या है ताकत और बुमराह क्यों है आईडल

घरेलू क्रिकेट और आईपीएल के नेट गेंदबाज के तौरपर दाए हाथ के इस तेज गेंदबाज से जब उनकी ताकत और गेंदबाजी में क्या उनका प्लान रहता है। जबकि कौन उनका आईडल है। इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मेरी स्पीड अभी ज्यादा नापी तो नहीं है फिर भी 130-140 km/ph की रफ़्तार के बीच रहती है और मेरी ताकत इनस्विंग गेंद है। जिस पर मैंने पुजारा भैया को भी बोल्ड किया था। इसे ही मैं आगे ले जाना चाहूँगा। जबकि शमी भाई से आउट स्विंग के भी टिप्स सीखे थे, उस पर भी काम कर रहा हूँ।"

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वहीं टीम इंडिया के तेज गेंदबाज और यॉर्कर किंग के नाम मशहूर बूम - बूम  जसप्रीत बुमराह के वैभव कायल हैं। आईपीएल में उनसे मिलने को लेकर वो काफी उत्साहित भी है। जिसके बारे में ख़ास वजह बताते हए वैभव ने कहा, "मुझे टी20 क्रिकेट हो या कोई भी क्रिकेट फॉर्मेट यॉर्कर डालना काफी पसंद है। जिस पर मैं काफी मेहनत भी कर रहा हूँ। यही कारण है कि बुमराह मेरे फेवरेट हैं। अभी तक उनसे मुलाकात नहीं हुई है। अगर मैं आईपीएल में उनसे मिलता हूँ तो जरूर यॉर्कर गेंदों को लेकर उनसे कुछ सीखना चाहूँगा।"

KKR में चयन के तुंरत बाद 'लिस्ट ए' डेब्यू करते हुए ली 'हैट्रिक'

आईपीएल 2021 की नीलामी में 20 लाख के बेस प्राइस में बिकने के बाद जैसे ही वैभव ने जारी विजय हजारे ट्राफी (लिस्ट ए यानी वनडे क्रिकेट) में हिमांचल के लिए कदम रखा। उन्होंने एक इतिहास रच डाला। वैभव ने हाल ही में महाराष्ट्र के खिलाफ कुल 7 ओवर गेंदबाजी करते हुए कुल 45 रन खर्च किए, लेकिन 4 विकेट भी उन्होंने चटकाए। जिसमें पारी के आखिरी ओवर की अंतिम तीन गेंदों पर तीन बल्लेबाजों को पवेलियन भेज हैट्रिक ले डाली और हिमांचल के लिए ऐसा करने वाले पहले गेंदबाज बन गए। 

जिसके बारे में वैभव ने कहा, "रणजी के बाद लिस्ट ए का डेब्यू मैच भी काफी ख़ास रहा और मैंने हैट्रिक ली। आप इसे नीलामी में बिकने का जवाब कह सकते हो। मैं केकेआर के लिए खेलने को लेकर काफी उत्साहित हूँ और उनकी प्लेइंग इलेवन में भी जगह बनाना चाहता हूँ। जिसके चलते मैं घरेलू क्रिकेट में काफी जी जान लगा रहा हूँ। इसी तरह अगर प्रदर्शन करता रहा तो मुझे उम्मीद है 2021 आईपीएल में केकेआर के लिए काफी कुछ कर पाऊंगा।"

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वहीं केकेआर में उनके तेज गेंदबाज पैट कमिंस से सीखने को लेकर वैभव ने कहा, "कमिंस वर्ल्ड के टॉप लेवल गेंदबाज हैं तो मैं उनके फिटेनस कार्यक्रम, रिकवरी कार्यक्रम, और टेस्ट क्रिकेट में 30 - 30 ओवर के लम्बे स्पेल किस तरह से डालते हैं। जबकि उनका गेंदबाजी माइंडसेट क्या है। इस तरह से उनसे मिलने और पहली बार आईपीएल में बड़े - बड़े खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम का हिस्सा बनने को लेकर अब काफी उत्साहित हूँ।" 

अंत में वैभव के बारे में एक पंक्ति याद आती है कि हौसले हो बुलंद और मजबूत हो इरादें तो किस्मत भी आपकी जेंब में होती है। कुछ ऐसा ही उनके साथ भी होता आ रहा है। रणजी डेब्यू मैच के बाद वनडे टूर्नामेंट डेब्यू मैच भी उनके लिए यादगार रहा। जिसमें कौशल के साथ किस्मत भी उनकी जेंब में दिखी। ऐसे में वैभव अगर तेज गेंदबाजी से कहर बरपाते चले गये तो वो दिन दूर नहीं जब वो आईपीएल के 2021 सीजन में धमाल मचाने के बाद टीम इंडिया के चयनकर्ताओं के दिमाग में वो अपनी जगह बना लेंगे। 

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