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ओवरसाइज्ड बूट्स और आईएसएल ट्रॉफी के बाद बिपिन अब अगली चुनौती के लिए तैयार

आईएसएल के सातवें सीजन में हैट्रिक लगाने वाले एकमात्र खिलाड़ी बिपिन को ओमान और यूएई के खिलाफ होने वाले अंतर्राष्ट्रीय दोस्ताना मुकाबलों की तैयारियों के लिए 27 सदस्यीय सीनियर पुरुष फुटबॉल टीम में शामिल किया गया है।

Football, sports - India TV Hindi Image Source : INSTAGRAM Bipin Singh 

इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के फाइनल में विनिंग गोल करके मुम्बई सिटी एफसी को पहली बार चैम्पियन बनाने वाले बिपिन सिंह अगली सुबह अपने जूतों के साथ बैठे और उनपर हाथ फेरने लगे। बिपिन के पास अब हालांकि कई सारे जूते हो गए हैं, जिन्हें उन्होंने अपने बैग में रख लिया है और अब वह अगली चुनौती का सामना करने के लिए निकल पड़े हैं। 
आईएसएल के सातवें सीजन में हैट्रिक लगाने वाले एकमात्र खिलाड़ी बिपिन को ओमान और यूएई के खिलाफ होने वाले अंतर्राष्ट्रीय दोस्ताना मुकाबलों की तैयारियों के लिए 27 सदस्यीय सीनियर पुरुष फुटबॉल टीम में शामिल किया गया है।

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ये टीम अभ्यास शिविर में भाग लेगी। बिपिन को पहली बार सीनियर पुरुष फुटबॉल टीम के अभ्यास शिविर के लिए चुना गया है। उन्होंने आईएसएल के सातवें सीजन में मुम्बई सिटी एफसी के लिए हैट्रिक सहित छह गोल किए हैं।

बिपिन ने शुरुआती दिनों में अपने ओवरसाइज्ड बूट्स को लेकर कहा, "मेरे पास पहनने के लिए जूते नहीं थे। इसलिए मैं कोई भी जूता पहनकर खेलने के लिए दौड़ पड़ता था। लेकिन उन जूतों की साइज बड़ी थी और इसलिए यह बहुत चुनौतीपूर्ण था। लेकिन मैंने उससे गुजारा कर लिया। लोग मुझपर हंसते थे।"

यह पूछे जाने पर कि अभी आपके पास कितने जूते हैं, इस पर उन्होंने कहा, "मेरे पास नौ जूते हैं। नहीं.. मुझे लगता है कि मेरे पास 11 जूते हैं।" हालांकि बाद में उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से 10, हो सकता है 12 है।"

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बिपिन एएफसी चैंपियंस लीग क्वालीफिकेशन में मुम्बई सिटी एफसी का हिस्सा रह चुके हैं और अब उन्होंने टीम के साथ आईएसएल का खिताब भी जीता है। उन्हें पहली बार भारत की नेशनल टीम कैम्प में शामिल किया गया है।

उन्होंने कहा, "एक बार मुझे गोवा में अंडर-14 नेशनल टीम ट्रॉयल्स के लिए नजरअंदाज कर दिया गया था। भारत के लिए खेलना मेरा सपना था। बाद में जब मैंने जूनियर खिलाड़ियों को विदेशी टीमों के खिलाफ खेलते देखा और उन्हें पूरे विश्व का दौरा करते देखा, तो मुझे जलन हुई।"

बिपिन ने कहा, " इस बुलावे के लिए मैंने कड़ी मेहनत की है। कोच इगोर स्टीमाक का शुक्रिया अदा करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है। अब मुझे उन्हें कुछ वापस देना चाहिए। साथ ही मैं मुम्बई सिटी के कोच सर्जियो लोबेरा का भी बहुत शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मेरे अंदर काफी आत्मविश्वास जगाया है।"