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एमएमए में भारत का पहला विश्व चैंपियन बनना है रितु फोगाट का लक्ष्य

रितु फोगाट ने कहा "इस साल मेरा लक्ष्य यही है कि मैं अपने वजन वर्ग में शीर्ष फाइटर को हराऊं और शीर्ष स्तर तक जाऊं। "

Ritu Phogat aims to become India's first world champion in MMA- India TV Hindi Image Source : ONE CHAMPIONSHIP Ritu Phogat aims to become India's first world champion in MMA

नयी दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के कारण पिछले पांच महीने से अधिक समय से सिंगापुर में फंसी होने के बावजूद भारत की स्टार पहलवान रितु फोगाट का हौसला नहीं टूटा है और उनकी नजरें मिश्रित मार्शल आर्ट (एमएमए) में भारत की पहली विश्व चैंपियन बनने पर टिकी हैं। रितु 15 मार्च को ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर रवाना हुई थी और इसके बाद कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन के सख्त नियमों के कारण भारत वापस नहीं लौट पाई हैं। 

रितु ने सिंगापुर से ‘भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा,‘‘मैं यहां एक ही लक्ष्य के साथ आई हूं और यह एमएमए में भारत का पहला विश्व चैंपियन बनना है। इस साल मेरा लक्ष्य यही है कि मैं अपने वजन वर्ग में शीर्ष फाइटर को हराऊं और शीर्ष स्तर तक जाऊं। सिंगापुर में अभी एमएमए नहीं हो रहा है लेकिन थाईलैंड में मिश्रित मार्शल आर्ट की स्पर्धाएं शुरू हो गई हैं और यहां भी जल्द ही मुकाबले होने की उम्मीद है।’’ 

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उन्होंने कहा,‘‘सिंगापुर में 15 जून से अधिकांश लॉकडाउन खुल गया है लेकिन यहां पर अभी भी कुश्ती या संपर्क वाले खेलों के आयोजन या अभ्यास की इजाजत नहीं है। मैं सामान्य ट्रेनिंग कर रही हूं और कोच के कार्यक्रम को फॉलो कर रही हूं। मैं हफ्ते में पांच दिन दो बार और शनिवार को एक बार ट्रेनिंग कर रही हूं। मैं मुक्केबाजी, किक बॉक्सिंग के अलावा जिम में स्ट्रैंथ एवं अनुकूलन ट्रेनिंग कर रही हूं। डमी के साथ भी ट्रेनिंग कर रही हूं। सरकार अगर संपर्क ट्रेनिंग की स्वीकृति दे तो मैं बेहतर तैयारी कर पाऊंगी।’’ 

फरवरी 2019 में एमएमए की वन चैंपियनशिप फ्रेंचाइजी के साथ अनुबंध करने वाली रितु तब से सिर्फ दो मुकाबलों में ही हिस्सा ले पाई हैं और उन्हें कोरोना वायरस महामारी के कारण एमएमए मुकाबले निलंबित होने का नुकसान उठाना पड़ा। वह हालांकि अगले महीने या अक्टूबर तक अपने अगले मुकाबले को लेकर उत्सुक हैं। 

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अब तक अपने दोनों मुकाबले जीतने वाली रितु ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस महामारी का सामना पूरी दुनिया को करना पड़ रहा है और अन्य खिलाड़ियों की तरह मुझे भी इससे नुकसान हुआ। लेकिन मैं अपने अगले मुकाबले को लेकर काफी रोमांचित हूं जो संभवत: अगले महीने या अक्टूबर तक होगा। अभी हालांकि कोई तारीख तय नहीं है।’’ 

रितु ने कहा कि जब लॉकडाउन था तो उन्हें अपने घर और घरवालों की काफी याद आई लेकिन अब ट्रेनिंग शुरू होने के कारण उन्हें इस बारे में सोचने का अधिक समय नहीं मिलता। 

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उन्होंने कहा,‘‘जब लॉकडाउन था तो घर की याद ज्यादा आई क्योंकि उस समय मैं खाली रहती थी और करने के लिए कुछ काम नहीं था। अब मेरी ट्रेनिंग शुरू हो गई है, मैं सुबह उठकर खाना बनाती हूं, अपना लंच पैक करके ले जाती हूं और ट्रेनिंग के बाद शाम को थककर घर आती हूं तो जल्दी सो जाती हूं क्योंकि सुबह जल्दी उठना होता है। इसलिए जब ट्रेनिंग होती है तो पता नहीं चलता लेकिन लॉकडाउन के समय मैंने अपने परिवार को काफी मिस किया।’’

अंडर-23 विश्व चैंपियन में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान रितु ने एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य और राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में स्वर्ण जीता और उनका कुश्ती करियर काफी अच्छा चल रहा था लेकिन इस बीच उन्होंने एमएमए से जुड़ने का मुश्किल फैसला किया। एमएमए से जुड़ने के फैसले में रितु को अपने पिता महावीर सिंह फोगाट का भी पूरा साथ मिला जिनकी छवि आमिर खान अभिनीत फिल्म ‘दंगल’ से ‘हानिकारक बापू’ की बनी हुई है। 

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उन्होंने कहा, ‘‘कुश्ती में मेरा करियर काफी अच्छा चल रहा था और 2020 तोक्यो ओलंपिक भी होना था लेकिन मैं इस मौके से नहीं चूकना चाहती थी इसलिए मैंने एमएमए से जुड़ने का बड़ा फैसला किया। मेरे पापा ने भी कहा कि खेल चाहे कोई भी हो अपने देश का नाम रोशन करना है। मैं अपने देश का ही प्रतिनिधित्व कर रही हूं और जिस दिन इतिहास रचूंगी तो अपने देश के लिए ही बनाऊंगी।’’ 

रितु ने कहा,‘‘मेरी बहन ने भी कहा था कि 2020 में ओलंपिक होने वाले हैं और देश को तेरे से काफी उम्मीद है तो मैंने उसे भी कहा कि मैं कुछ अलग करना चाहती हूं और मेरे पास मौका है और यही कारण है कि मैं इतना बड़ा फैसला करते हुए कुश्ती से मिश्रित मार्श आर्ट में आई। मैं चाहती हूं कि दुनिया जाने कि मिश्रित मार्श आर्ट में भी भारत के खिलाड़ी हैं।’’