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Hindi News खेल अन्य खेल शुरुआती दिनों के दबाव को नहीं झेल पाते थे सुनील छेत्री, फुटबॉल छोड़ने का बना था लिया मन

शुरुआती दिनों के दबाव को नहीं झेल पाते थे सुनील छेत्री, फुटबॉल छोड़ने का बना था लिया मन

छेत्री का पहला पेशेवर करार कोलकाता के मोहन बागान क्लब के लिये था और तब वह 17 साल के थे।

Sunil Chhetri, Kolkata, Mohun Bagan, Bhaichung Bhutia, Secunderabad, Nepal, Cristiano Ronaldo, Rened- India TV Hindi Image Source : AIFF Sunil Chhetri

भारत के महान फुटबॉलरों में से एक सुनील छेत्री ने खुलासा किया कि वह कोलकाता में खेलते हुए अपने करियर के शुरूआती दिनों में इतने दबाव में रहते थे कि कई बार रोया करते थे और यहां तक कि उन्होंने इस खेल को छोड़ने का भी मन बना लिया था। इसलिये उन्हें मदद के लिये अपने पिता को फोन करना पड़ता था जो सेना में थे। 

छेत्री का पहला पेशेवर करार कोलकाता के मोहन बागान क्लब के लिये था और तब वह 17 साल के थे। उन्होंने ‘इंडियनसुपरलीग डॉट काम’ से कहा, ‘‘पहला साल अच्छा था। मुझे मैचों में 20 या 30 मिनट का ‘गेम टाइम’ मिलता था और लोग मुझे अगला ‘बाईचुंग भूटिया’ कहने लगे थे। लेकिन कोलकाता में फुटबॉल आपको बहुत तेजी से सीख देती है। ’’ 

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उन्होंने कहा, ‘‘जब आप हारना शुरू कर देते हो तो भीड़ काफी उग्र हो जाती है और ऐसे ही समय में मैं रोया करता था। कोलकाता में हारना कोई विकल्प नहीं है। यह आसान नहीं है, काफी खिलाड़ी खेल छोड़ चुके हैं। ऐसी भी घटनायें होती थीं जिससे मैं हिल गया था और एक बार मैंने अपने पापा को भी फोन किया था और कहा था कि मुझे नहीं लगता कि मुझे यह करना चाहिए। ’’ 

लेकिन अब 35 साल के हो चुके छेत्री ने खेल नहीं छोड़ा क्योंकि उनके परिवार ने हमेशा उतार चढ़ाव में उनका साथ निभाया। 

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छेत्री ने कहा, ‘‘मेरे परिवार ने मेरा पूरा साथ दिया और मेरे पापा बीच बीच में मेरे साथ रहने के लिये भी आ जाते थे। हम बात करते जिससे चीजें आसान हो जाती। यही सिलसिला जारी रहा और मैं अब यहां हूं। ’’ 

छेत्री का जन्म सिंकदराबाद में हुआ और बाद में उनका परिवार नयी दिल्ली में बस गया। उनकी मां नेपाल राष्ट्रीय फुटबॉल टीम में खेली थीं जबकि उनके पिता अपनी बटालियन टीम में थे।