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Hindi News उत्तर प्रदेश आगरा में जिस कॉलेज से पेपर लीक हुआ था उसकी मान्यता खत्म, यूपी बोर्ड की बैठक में बड़ा फैसला

आगरा में जिस कॉलेज से पेपर लीक हुआ था उसकी मान्यता खत्म, यूपी बोर्ड की बैठक में बड़ा फैसला

यूपी बोर्ड की परीक्षा लीक मामले में सरकार ने बड़ी कार्रवाई की गई है। आगरा में जिस कालेज से पेपर लीक हुआ था उस कॉलेज की मान्यता खत्म कर दी है।

सांकेतिक तस्वीर- India TV Hindi Image Source : FILE- PTI सांकेतिक तस्वीर

यूपी बोर्ड की परीक्षा लीक मामले में सरकार ने बड़ी कार्रवाई की गई है। आगरा में जिस कालेज से पेपर लीक हुआ था उस कॉलेज की मान्यता खत्म कर दी है। यूपी बोर्ड की बैठक में श्री अतर सिंह इंटर कॉलेज रोझौली की मान्यता खत्म करने का निर्णय लिया गया। बता दें कि आगरा में श्री अतर सिंह इंटर कॉलेज रोझौली से ही पेपर लीक हुआ था। 29 फरवरी को इंटरमीडिएट जीव विज्ञान और गणित का प्रश्न पत्र व्हाट्सएप पर लीक हो गया था।

स्कूल में मोबाइल फोन मिला तो दर्ज किया जाएगा मामला

बोर्ड की मीटिंग में यह भी फैसला लिया गया है कि भविष्य में यदि किसी भी विद्यालय की तरफ से प्रश्नपत्रों की गोपनीयता भंग किये जाने का प्रयास किया जाएगा तो उस विद्यालय की मान्यता भी तत्काल समाप्त कर दी जाएगी। सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को यह निर्देशित किया गया है कि परीक्षा केन्द्र पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट के अतिरिक्त अन्य किसी भी व्यक्ति द्वारा मोबाइल फोन का प्रयोग नहीं किया जाएगा। यदि परीक्षा केन्द्र पर किसी व्यक्ति द्वारा मोबाइल फोन या अन्य संचार उपकरण का प्रयोग किया जाता है तो संबंधित के खिलाफ मामला दर्ज कराया जाएगा।

जानें पूरा मामला

बता दें कि 29 फरवरी को यूपी बोर्ड की द्वितीय पाली की परीक्षा में श्री अतर सिंह इण्टर कालेज में कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर विनय चौधरी द्वारा शाम को 3 बजकर 11 मिनट पर 'ऑल प्रिन्सीपल्स आगरा' नाम के व्हाट्सएप ग्रुप पर इण्टरमीडिएट जीव विज्ञान और गणित का पेपर डाला गया था। उस समय परीक्षा आरम्भ हुए  एक घंटा 11 मिनट का समय बीत चुका था और सभी परीक्षार्थी अपने-अपने परीक्षा केन्द्रों पर शान्तिपूर्ण ढंग से परीक्षा दे रहे थे।

आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज

जिला विद्यालय निरीक्षक आगरा द्वारा इस आपराधिक कृत्य का संज्ञान लेते हुए इस घटना के मुख्य आरोपी विनय चौधरी, विद्यालय के केन्द्र व्यवस्थापक राजेन्द्र सिंह, अतिरिक्त केन्द्र व्यवस्थापक गंभीर सिंह, स्टेटिक मजिस्ट्रेट गजेन्द्र सिंह एवं अज्ञात के विरूद्ध 29 फरवरी को ही प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी। केन्द्र व्यवस्थापक  राजेन्द्र सिंह एवं एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है और स्टेटिक मजिस्ट्रेट से पूछताछ की जा रही है। मुख्य आरोपी विनय चौधरी एवं अन्य की गिरफ्तारी भी की जाएगी।