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Hindi News उत्तर प्रदेश गलत इंजेक्शन से किशोरी की गई थी जान, अब डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने लिया ये कड़ा एक्शन

गलत इंजेक्शन से किशोरी की गई थी जान, अब डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने लिया ये कड़ा एक्शन

यूपी के मैनपुरी में डॉक्टरों ने एक किशोरी को गलत इंजेक्शन लगा दिया था। इसके बाद लड़की की मौत हो गई थी। हद तो तब हो गई जब अस्पताल के स्टाफ ने लड़की की लाश परिजनों को बिना बताए ही बाहर कर दी। इसका वीडियो वायरल हुआ तो अब डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने एक्शन लिया है।

 Mainpuri NEWS- India TV Hindi Image Source : INDIA TV मैनपुरी के अस्पताल को किया गया सीज

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जनपद के घिरोर क्षेत्र में डॉक्टर द्वारा गलत इंजेक्शन लगाने से एक किशोरी की हुई मौत हो गई थी। इसके बाद बिना परिजनों को सूचना दिए ही डाक्टर और स्टाफ ने मृतिका के शव को अस्पताल से बाहर निकाल दिया था। इसका घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। मामला संज्ञान में आते ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अस्पताल को सीज कर दिया। अब डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने भी मामले में एक्शन लेते हुए लाइसेंस निरस्त करने के निर्देश दिए और डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है।

मौत के बाद डॉक्टर बोले- हालत गंभीर है, यहां से ले जाओ
दरअसल, थाना घिरोर क्षेत्र के नगला ओय निवासी गिरीश यादव की पुत्री 17 वर्षीय भारती की मंगलवार को तबीयत खराब हो गई थी, इसके बाद परिजनों की ओर से उसको घिरोर क्षेत्र के करहल रोड स्थित राधा स्वामी हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। बुधवार की दोपहर भारती की अचानक मौत हो गई, जिसके बाद डॉक्टर व स्टाफ ने बिना परिजनों को सूचना दिए ही मृतिका के शव को बाहर निकाल दिया। इस पूरे मामले को लेकर मृतिका की बुआ मनीषा ने बताया कि भारती को मंगलवार को बुखार आ गया था, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार को वह बिल्कुल ठीक थी लेकिन जब डॉक्टर ने इंजेक्शन लगाया उसके बाद ही उसकी हालत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। मौत होने के बाद डॉक्टरों ने बताया था कि उसकी हालत गंभीर है और यहां से ले जाओ। हम कुछ नहीं कर सकते। मनीषा ने बताया कि डॉक्टर ने यह जानकारी तब दी जब भारती की मौत हो चुकी थी। 

जिसके नाम से हॉस्पिटल, उसके पास कोई डिग्री नहीं
इस मामले पर जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि सूचना मिलते ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया गया था। उसके बाद उन्होंने तत्काल अस्पताल को सीज कर दिया। तीन सदस्य टीम गठित की गई है और उसमें जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसी गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि राधा स्वामी अस्पताल कश्यप यादव के नाम से रजिस्टर्ड था और जिसके नाम से हॉस्पिटल था उनके पास कोई भी डिग्री नहीं थी। जिन डॉक्टरों की डिग्री लगी हुई थी जब हमारी टीम गई तो वहां कोई मौजूद नहीं था। उपचार किन लोगों द्वारा किया गया है यह भी अभी जानकारी नहीं हो पाई है। वहीं किशोरी को मोटरसाइकिल पर बिठाते हुए वायरल वीडियो में दिख रहे व्यक्ति के बारे में पूछा तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पल्ला झाड़ते हुए कुछ भी बताने से साफ इनकार कर दिया था। 

डिप्टी सीएम ने मामले में लिया एक्शन 
वहीं डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए नाराजगी जताई है और उन्होंने डीएम और सीएमओ को मामले में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। साथ ही अस्पताल संचालक के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश दिए गए, जिसके बाद सीएमओ ने सख्त रुख अपनाते हुए डिप्टी सीएम के निर्देश के बाद हॉस्पिटल का लाइसेंस निरस्त कर दिया है। वहीं पुलिस ने उपचार करने वाले डॉक्टर रवि और डॉक्टर नवीता के खिलाफ धारा 304 में मुकदमा पंजीकृत किया है।

(रिपोर्ट- सलमान मंसूरी)

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