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Hindi News उत्तर प्रदेश काशी में परंपरा बदली, दशाश्वमेध घाट पर सीढ़ियों से ऊपर आया पानी, अब छत पर होने लगी विश्वप्रसिद्ध गंगा आरती; VIDEO

काशी में परंपरा बदली, दशाश्वमेध घाट पर सीढ़ियों से ऊपर आया पानी, अब छत पर होने लगी विश्वप्रसिद्ध गंगा आरती; VIDEO

वाराणसी में रात 10 बजे तक जल स्तर 63.22 मीटर तक पहुंच गया। इससे पहले शाम तक ही कई घाटों की सीढ़ियां डूब गई हैं तो दशाश्वमेध घाट पर पानी सीढ़ियों से ऊपर आ गया।

ganga aarti- India TV Hindi Image Source : PTI दशाश्वमेध घाट की गंगा आरती

वाराणसी में गंगा के जलस्तर का बढ़ना जारी है जिसके चलते परंपराएं भी प्रभावित होने लगी है। यहां दशाश्वमेध घाट की सीढ़ियां जलमग्न होने के बाद विश्व प्रसिद्ध मां गंगा आरती अब घाटों की सीढ़ियों के बजाय गंगा सेवा निधि कार्यालय की छत पर की जा रही है। बता दें कि बीते कुछ दिनों से मां गंगा के जलस्तर में उफान के कारण पांच बार गंगा आरती का स्थान बदला था। अब गंगा आरती छत पर की जा रही है।

नौका का संचालन बंद
यह फैसला गंगा सेवा निधि द्वारा लिया गया। गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने बताया कि मां गंगा के जलस्तर बढ़ने और इस वर्ष सावन दो माह का होने के कारण श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के कारण सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आरती कार्यालय की छत पर की जा रही है। नौका का संचालन अभी बंद चल रहा है।  

Image Source : ptiगंगा का जलस्तर बढ़ने से अभी नौका संचालन बंद है

क्यों खास है दशाश्वमेध घाट की गंगा आरती?
वाराणसी में सबसे पहले गंगा आरती की शुरुआत वर्ष 1991 में वाराणसी के दशाश्वमेध घाट से शुरू हुई थी। तब से ही लगातार सुबह ब्रह्ममुहुर्त में और शाम के समय सूर्यआस्त के बाद आरती की जाती है। गंगा नदी के साथ गंगा आरती की मान्यता धार्मिक तौर पर बहुत है ऐसे में काशी की गंगा आरती बहुत खास होती है। यही वजह है कि देश के कोने-कोने और विदेशी लोग गंगा आरती देखने आते हैं।

कई घाटों की सीढ़ियां डूबीं
वहीं, आपको बता दें कि वाराणसी में बुधवार रात गंगा के जलस्तर की रफ्तार तीन सेंटीमीटर प्रति घंटा हो गई। इससे रात 10 बजे तक जल स्तर 63.22 मीटर तक पहुंच गया। इससे पहले शाम तक ही कई घाटों की सीढ़ियां डूब गई हैं तो दशाश्वमेध घाट पर पानी सीढ़ियों से ऊपर आ गया। इससे नैत्यिक सांध्य गंगा आरती के प्लेटफार्म जलाजल हो गए। घाटों की सीढ़ियां डूबने के कारण अब आरती देखने आने वाले भक्तों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

(रिपोर्ट- अश्विनी त्रिपाठी)