A
Hindi News वायरल न्‍यूज 'भूख' को लेकर इस मशहूर शेफ ने जीत लिया दिल, विदेशी एंकर के तंज पर दिया करारा जवाब

'भूख' को लेकर इस मशहूर शेफ ने जीत लिया दिल, विदेशी एंकर के तंज पर दिया करारा जवाब

विकास ने अब तक संगठन की मदद से देश के 125 शहरों में स्थित अनाथालयों, वृद्धाश्रमों, कुष्ठ केंद्रों, विधवा आश्रमों के साथ-साथ प्रवासी श्रमिक सहित 1.4 करोड़ लोगों को भोजन वितरित किया है।

विकास खन्ना के 'भूख' को लेकर दिए गए जवाब ने जीत लिया देशवासियों का दिल- India TV Hindi Image Source : INSTAGRAM: @VIKASKHANNAGROUP विकास खन्ना के 'भूख' को लेकर दिए गए जवाब ने जीत लिया देशवासियों का दिल

मुंबई: भारतीय मिशेलिन स्टार शेफ विकास खन्ना अपनी रोजमर्रा की जिम्मेदारियों से हटकर समाज सेवा पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। वो विदेश में हैं, लेकिन वहां से भारत में गरीबों के लिए भोजन की व्यवस्था का अभियान चला रहे हैं। उनका एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें भूख को लेकर दिए गए उनके जवाब ने देशवासियों का दिल जीत लिया है। 

ये एक इंटरव्यू का वीडियो है, जिसमें एंकर ने विकास खन्ना से पूछा, "अब आप फेमस हैं। आपने ओबामा के लिए कुक किया है, लेकिन हमेशा ऐसा नहीं था। आप अमीर परिवार से नहीं थे तो क्या आप समझते हैं कि भारत में ये (भूख) कितनी अनिश्चित चीज है।"

सोनू सूद की मुहिम में शामिल हुए शेफ विकास खन्ना, पूरे भारत में जरुरतमंदों को खिला रहे हैं खाना

इस पर विकास खन्ना ने जवाब दिया, "नहीं, मेरी भूख की समझ भारत से नहीं आई, क्योंकि मैं अमृतसर में पला बढ़ा हूं। वहां बड़े लंगर में सबको खाना मिलता है। पूरा शहर खा सकता है, लेकिन मेरी भूख की समझ न्यूयॉर्क से आई है। जब मैं न्यूयॉर्क आया तो संघर्ष के दिनों में यहां भूख का सही मतलब समझ में आया।"

गरीबों को खाना खिला रहे हैं विकास खन्ना

विकास खन्ना आजकल एक सोशल मीडिया कैम्पेन के माध्यम से वृहद पैमाने पर एक खाद्य वितरण अभियान को आयोजित करने में लगे हुए हैं। वह इस काम में इतने व्यस्त हैं कि उन्हें एक निर्देशक के तौर पर अपनी पहली फिल्म 'द लास्ट कलर' की रिलीज के बारे में सोचने तक का भी वक्त नहीं है।  विकास के इस अभियान हैशटैगफीडइंडिया का मकसद कोविड-19 महामारी की इस मुश्किल घड़ी में मुंबई में हजारों की तादात में डब्बावालों और वृंदावन की विधवाओं को खाने के साथ-साथ जरूरी सामानों की आपूर्ति कराना है।

उन्होंने आईएएनएस से कहा, "इसकी शुरुआत एक स्पैम ईमेल से हुई। 1 अप्रैल को मैंने एक ईमेल देखा जिसमें कहा गया था कि भारत में लॉकडाउन के बाद यहां के वृद्धाश्रमों को आपके सहारे की जरूरत है। मैंने उसे मेल को डिलीट कर दिया, लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि आप गलत ट्रेन में चढ़ जाते हैं, जो आपको सही मंजिल पर पहुंचा देती है और इस मामले में मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ।"

फराह खान और शेफ विकास खन्ना महिलाओं के लिए कर रहे हैं सैनिटरी नैपकिन का बंदोबस्त

विकास ने आगे बताया, "यह एक स्पैम ई-मेल था, लेकिन इसमें जो तस्वीरें थीं, उनमें बूढ़े-बुजुर्ग भोजन के बिना लेटे हुए थे, इसे देख मेरे दिल को ठेस पहुंची क्योंकि मैं पहले भी वृद्धाश्रमों और कुष्ठ केंद्रों के साथ काम कर चुका हूं और मुझे पता था कि उनके पास आम तौर पर भोजन का भंडारण होता है। इसके बाद यह बात सही है या गलत इसे परखने के लिए मैंने इस मुद्दे को लेकर ट्वीट किया, हमें सैकड़ों ई-मेल मिले। हमें नहीं पता था कि लोग हमारे ट्वीट पर ध्यान भी देंगे, लेकिन मुझे गोवा और कर्नाटक सहित कई जगहों से मैसेज मिलने शुरू हो गए हैं।"

शेफ ने आखिर में बताया कि राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) ने उनकी योजनाओं को अंजाम देने में उनकी मदद कीं। लगभग 80 दिनों की एक अवधि के दौरान उन्होंने संगठन की मदद से देश के 125 शहरों में स्थित अनाथालयों, वृद्धाश्रमों, कुष्ठ केंद्रों, विधवा आश्रमों के साथ-साथ प्रवासी श्रमिक सहित 1.4 करोड़ लोगों को भोजन वितरित किए।

(आईएएनएस इनपुट के साथ)