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Hindi News पश्चिम बंगाल राशन घोटाला केस में गिरफ्तार किए गए मंत्री मल्लिक की तबीयत और बिगड़ी, मोडिकल बोर्ड का किया गया गठन

राशन घोटाला केस में गिरफ्तार किए गए मंत्री मल्लिक की तबीयत और बिगड़ी, मोडिकल बोर्ड का किया गया गठन

ज्योतिप्रिय मल्लिक की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें प्रेजीडेंसी जेल से सेठ सुखलाल करनानी मेमोरियल अस्पताल लाया गया जहां उन्होंने अपने शरीर के बाएं हिस्से के सुन्न पड़ने की शिकायत की।

Jyotipriya Mallick, Jyotipriya Mallick News, West Bengal News- India TV Hindi Image Source : PTI FILE पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के राशन घोटाले में कथित संलिप्तता के कारण गिरफ्तार किए गए मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक की तबीयत और बिगड़ गई है। एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मल्लिक के स्वास्थ्य की स्थिति खराब होने के बाद सेठ सुखलाल करनानी मेमोरियल (SSKM) अस्पताल ने उनकी हालत पर नजर रखने के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया है। मल्लिक को प्रवर्तन निदेशालय यानी कि ED ने करोड़ों रुपए के राशन घोटाला मामले में कथित संलिप्तता के कारण गिरफ्तार किया था।

इलाज के लिए जेल से अस्पताल लाया गया

अधिकारी ने बताया कि मल्लिक का मंगलवार रात को रक्त शुगर लेवल बढ़ गया था, जिसके बाद उन्हें ‘प्रेजीडेंसी जेल’ से ‘एसएसकेएम’ अस्पताल ले जाया गया था। उन्होंने बताया कि अस्पताल के हृदय रोग विभाग में भर्ती मंत्री ने बुधवार सुबह अपने शरीर के बाएं हिस्से के सुन्न पड़ने की शिकायत की। अधिकारी ने कहा,‘उनका MRI कराया गया। हम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। हमने समग्र जांच के लिए तंत्रिका विज्ञान, एंडोक्रिनोलॉजी (अंत:स्राव-विज्ञान), मेडिसिन, नेफ्रोलॉजी (गुर्दे संबंधी बीमारियों के विशेषज्ञ), यूरोलॉजी (मूत्र विज्ञान)और हृदय रोग विभागों के एक-एक डॉक्टर की टीम तैयार की है। हम उनके स्वास्थ्य पर नजर रखेंगे और यह तय करेंगे कि आगे क्या करना है।’

कई बीमारियों से जूझ रहे हैं ज्योतिप्रिय मल्लिक

मल्लिक हाई ब्लड शुगर और अन्य बीमारियों से जूझ रहे हैं। उन्हें इस साल अक्टूबर में गिरफ्तार किया गया था। बता दें कि ज्योतिप्रिय मल्लिक 2011 में पश्चिम बंगाल की हाबरा विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी और पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद उन्होंने 2016 और 2021 के विधानसभा चुनावों में भी हाबरा सीट पर अपना परचम लहराया था। हालांकि 2021 में उनकी जीत का अंतर कम हो गया था। पिछले कुछ महीनों में ममता सरकार के कई नेता भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों में जांच एजेंसियों के रडार में आए हैं।