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Hindi News पश्चिम बंगाल West Bengal New Governer: कौन है सीवी आनंद बोस जो होंगे पश्चिम बंगाल के नए राज्यपाल

West Bengal New Governer: कौन है सीवी आनंद बोस जो होंगे पश्चिम बंगाल के नए राज्यपाल

पश्चिम बंगाल के नए राज्यपाल के नाम की घोषणा हो गई है। डॉ सीवी आनंद बोस को पश्चिम बंगाल का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है।

डॉ सीवी आनंद बोस- India TV Hindi डॉ सीवी आनंद बोस

पश्चिम बंगाल के नए राज्यपाल के नाम की घोषणा हो गई है। डॉ. सीवी आनंद बोस को पश्चिम बंगाल का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति भवन ने इस संबंध में गुरुवार को एक विज्ञप्ति जारी की है। "भारत की राष्ट्रपति डॉ. सीवी आनंद बोस को पश्चिम बंगाल के नियमित राज्यपाल के रूप में नियुक्त करते हुए खुशी हो रही है। ये नियुक्ति उनके कार्यालय का कार्यभार संभालने की तारीख से प्रभावी होगी।" वर्तमान में डॉ. सीवी आनंद बोस मेघालय सरकार के सलाहकार हैं।  

ला गणेशन की जगह लेंगे

बता दें कि इससे पहले पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप घनखड़ को NDA की तरफ से उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से मणिपुर के गर्वनर ला गणेशन के पास ही पश्चिम बंगाल का अतिरिक्त प्रभार था। उनसे पहले लगातार 3 साल तक जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रह चुके हैं। राज्य में जब जगदीप धनखड़ गवर्नर थे तब राज्य में कानून व्यव्स्था और और अन्य मुद्दों को लेकर ममता बनर्जी और उनकी टकराहट खुलकर सामने आती थी। पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रमुख सुकांत मजूमदार ने बुधवार को दावा किया था कि राज्य को जल्द ही नया गवर्नर मिलने वाला है जो जगदीप धनखड़ के नक्शेकदमों पर चलेगा।

कौन हैं डॉ. C.V आनंद बोस

डॉ. C.V आनंद बोस  एक रिटायर्ड IAS ऑफिसर हैं। 71 वर्षीय बोस केरल कैडर के 1971 बैच के IAS अधिकारी हैं। कलेक्टर से गवर्नर बनने तक का उनका यह सफर काफी लंबा रहा है। बोस 2011 में रिटायर होने से पहले नेश्नल म्यूजियम में एक प्रशासक के तौर पर काम किए थे। वह केंद्र में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। बोस एक लेखर भी हैं। उन्होंने अंग्रेजी, मलयालम और हिंदी में 40 पुस्तकें प्रकाशित की हैं। सीवी आनंद बोस को जवाहरलाल नेहरू फैलोशिप से सम्मानित किया जा चुका है। वह मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के पहले फेलो भी हैं, जहां शीर्ष सिविल सेवा अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाता है। डॉ. सीवी आनंद बोस उस कार्यकारी  समूह के अध्यक्ष थे जिन्होंने प्रधानमंत्री की सरकार के लिए विकास एजेंडा तैयार किया था। भारत सरकार ने "सभी के लिए किफायती आवास" के उनके कॉन्सेप्ट को अपनाया था।