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Hindi News विदेश अन्य देश 9 साल से चल रही लड़ाई से 'थककर' लीबिया की सरकार ने की सीजफायर की घोषणा, चुनाव की मांग

9 साल से चल रही लड़ाई से 'थककर' लीबिया की सरकार ने की सीजफायर की घोषणा, चुनाव की मांग

यह घोषणा ऐसे समय में हुई जब तेल से संपन्न इस देश में 9 साल से चल रहे इस संघर्ष के और बढ़ जाने की आशंका जताई जा रही है।

Libya ceasefire, Fayez al-Sarraj, Khalifa Haftar, Fayez al-Sarraj ceasefire- India TV Hindi Image Source : AP संयुक्त राष्ट्र के समर्थन वाली लीबिया की सरकार ने शुक्रवार को देश में संघर्ष विराम की घोषणा कर दी है।

काहिरा: संयुक्त राष्ट्र के समर्थन वाली लीबिया की सरकार ने शुक्रवार को देश में संघर्ष विराम की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही उसने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण शहर सर्ट के विसैन्यीकरण की मांग की है। बता दें कि इस शहर पर अभी विरोधी बलों का कब्जा है। एक अलग बयान में प्रतिद्वंद्वियों के पूर्व में स्थित प्रतिनिधि सदन के अध्यक्ष एंगुयिला सालेह ने भी संघर्ष विराम का आहृवान किया। यह घोषणा ऐसे समय में हुई जब तेल से संपन्न इस देश में 9 साल से चल रहे इस संघर्ष के और बढ़ जाने की आशंका जताई जा रही है।

सीजफायर पर हिफ्तर की सेना ने अभी नहीं दी प्रतिक्रिया
लीबिया की राजधानी त्रिपोली में राष्ट्रीय समझौते की सरकार के प्रमुख फयाज सराज ने मार्च में संसदीय और राष्ट्रपति चुनाव कराने की भी घोषणा की है। दोनों ही प्रशासनों ने कहा है कि वे इस साल की शुरुआत से ही सैन्य कमांडर खलीफा हिफ्तर पक्ष की तरफ से तेल नाकेबंदी खत्म होते हुए देखना चाहते थे। हिफ्तर संसदीय अध्यक्ष के सहयोगी है। हालांकि संघर्ष विराम पर हिफ्तर की सेना की तरह से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन हिफ्तर ने इस साल जून में मिस्र की तरफ से की गई कोशिशों पर सहमति जताई थी जिसमें संघर्ष विराम भी शामिल था।

तानाशाह गद्दाफी की हत्या के बाद से हालात खराब
पूर्वी लीबिया में हिफ्तर के वफादार शक्तिशाली कबीलों ने त्रिपोली स्थित सरकार पर दबाव बनाने के लिए साल के शुरूआत में ही तेल निर्यात टर्मिनलों को बंद करने के साथ प्रमुख तेल पाइपलाइनों को भी बंद कर दिया था। साल 2011 में नाटो समर्थित विद्रोह के बाद देश अराजकता में घिर गया था। उस समय विद्रोह के जरिए लंबे समय से सत्ता में रहे तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी को सत्ता से बेदखल करने के साथ ही बाद में हत्या कर दी गई थी। उसके बाद से ही देश पूर्वी और उत्तरी प्रशासनों में बंटा हुआ है। दोनों को ही सशस्त्र समूहों और विदेशी सरकारों का समर्थन हासिल है।

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