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अब पाकिस्तान का होगा हुक्का-पानी बंद? खराब रेटिंग के चलते अगले महीने FATF कर सकता है ब्लैकलिस्ट

सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट होना लगभग तय है क्योंकि उसकी रेटिंग काफी खराब आई है।

अब पाकिस्तान का होगा हुक्का-पानी बंद? खराब रेटिंग के चलते अगले महीने FATF कर सकता है ब्लैकलिस्ट- India TV Hindi अब पाकिस्तान का होगा हुक्का-पानी बंद? खराब रेटिंग के चलते अगले महीने FATF कर सकता है ब्लैकलिस्ट

नई दिल्ली: कंगाली की कगार पर खड़े पाकिस्तान के सामने सबसे बड़ी मुसीबत आने वाली है। बैंकॉक में हुए FATF यानी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की बैठक में आज पाकिस्तान के मुस्तकबिल का फैसला होने वाला है। आज करीब-करीब ये तय हो जाएगा की पाकिस्तान को FATF ब्लैकलिस्ट करेगा या नहीं। सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट होना लगभग तय है क्योंकि उसकी रेटिंग काफी खराब आई है।

थाईलैंड के बैंकॉक में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की बैठक के बाद अब इसकी आशंका बढ़ गई है कि पाकिस्तान को अगले महीने होने वाली बैठक में ब्लैकलिस्ट कर दिया जाए। बैंकॉक की मीटिंग से पहले पाकिस्तान को बताने को कहा गया था कि उसने आतंक और आतंकियों पर नकेल कसने और फंडिंग रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाए लेकिन सूत्र बताते हैं कि वो इस मामले में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को भरोसा दिलाने में नाकाम रहा है। 

ऐसे में उसके ब्लैकलिस्ट होना तय माना जा रहा है। अगर FATF में पाकिस्तान ब्लैक लिस्ट हुआ तो उसे IMF से मिलने वाले 6 अरब डॉलर के कर्ज पर रोक लग जाएगी और वर्ल्ड बैंक भी पाकिस्तान पर आर्थिक पाबंदियां लगा सकता है। साथ ही चीन और सऊदी अरब भी अपने हाथ खींच सकते हैं। ऐसा हुआ तो पाकिस्तान को दो वक्त के खाने के लाले पड़ जाएंगे।

ग्रे लिस्ट में डाले जाने के बाद एशिया पैसेफिक ज्वाइंट ग्रुप की तरफ से पाकिस्तान को 15 महीनों में 27 सूत्रीय एक्शन प्लान को पूरा करने की मोहलत दी गई थी लेकिन इमरान खान की हुकूमत ऐसा करने में नाकाम रही। आरोप है कि पाकिस्तान न तो हाफिज सईद पर कोई ठोस कार्रवाई कर पाया और न ही जैश-ए-मोहम्मद चीफ मौलाना मसूद अजहर पर ही शिकंजा कसा गया। उलटे अब खबर आ रही है कि पाकिस्तान ने गुपचुप तरीके से मसूद अजहर को रिहा भी कर दिया है।

अब तो पाकिस्तान के गृह मंत्री ने भी कबूल कर लिया है कि उनकी सरकार लश्कर और जैश के आतंकियों को पैसे देती है। खराब रेटिंग मिलने की आशंका से पाकिस्तान डरा हुआ है। अब वह FATF के बाकी सदस्यों से कूटनीतिक बैठकें कर खुद को बचाने की कोशिश कर रहा है। बता दे, इस सूची में ऐसे देशों को रखा जाता है जो काले धन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई और आतंकी संगठनों की फंडिंग रोकने में दुनिया को सहयोग नहीं देते हैं।

मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग को रोकने के लिए तय किए गए अधिकतर पैमानों पर पाकिस्तान नाकाम रहा जिसके बाद पिछले महीने अगस्त में ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में हुई बैठक में FATF के क्षेत्रीय सब-ग्रुप एशिया-पैसेफिक ग्रुप ने पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट कर दिया था। इस संस्था में फिलहाल 35 देश और दो क्षेत्रीय संगठन-यूरोपियन कमीशन और गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल शामिल हैं। नॉर्थ कोरिया और ईरान FATF में पहले से ही ब्लैकलिस्ट हैं।

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