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Hindi News विदेश एशिया अगले महीने फिर होने जा रहा G-20 सम्मेलन, जानें किस वजह से दोबारा भारत ने विश्व नेताओं को भेजा निमंत्रण

अगले महीने फिर होने जा रहा G-20 सम्मेलन, जानें किस वजह से दोबारा भारत ने विश्व नेताओं को भेजा निमंत्रण

जी20 अध्यक्ष के रूप में भारत ‘ग्लोबल साउथ’ या विकासशील देशों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से समावेशी विकास, डिजिटल नवाचार, जलवायु लचीलापन और समान वैश्विक स्वास्थ्य पहुंच जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। नयी दिल्ली शिखर सम्मेलन में अफ्रीकी संघ को जी20 के नए सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।

प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : AP प्रतीकात्मक फोटो

जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत ने विश्व के नेताओं को फिर से निमंत्रण भेजा है। मगर यह सुनकर आपको हैरानी हो रही होगी, क्योंकि सितंबर में ही जी-20 शिखर सम्मेलन समाप्त हो चुका था। फिर आप सोच रहे होंगे कि आखिर दोबारा जी-20 शिखर सम्मेलन क्यों होने जा रहा है। अचानक फिर से इस सम्मेलन को बुलाए जाने का मकसद क्या है, तो आइए आपको पूरा मामला समझाते हैं। 

दरअसल सितंबर में नई दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन की समाप्ति के बाद भारत ने डिजिटल माध्यम से भी इसे आयोजित करने की बात कही थी। इसलिए अब अगले महीने जी20 के डिजिटल माध्यम से आयोजित होने वाले शिखर सम्मेलन के लिए समूह के सदस्य देशों के नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है। पिछले महीने नयी दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के अंत में भारत ने घोषणा की थी कि वह समूह की अध्यक्षता खत्म होने से पहले नेताओं की वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये बैठक आयोजित करेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रेस वार्ता में एक सवाल पर कहा, ‘‘हां, निमंत्रण भेज दिए गए हैं। मुझे जानकारी नहीं है कि (शिखर सम्मेलन की) तारीख सार्वजनिक की गई है या नहीं। देशों को तारीख पता है। हमारे पास नवंबर में एक निश्चित तारीख है।

अध्यक्षता समाप्त होने से पहले भारत ने किया था डिजिटल सम्मेलन का वादा

बागची ने कहा कि‘‘हम अधिक से अधिक नेताओं की भागीदारी की अपेक्षा करते हैं। यह डिजिटल माध्यम से आयोजित होने वाला कार्यक्रम है। भागीदारी आमंत्रितगण पर निर्भर है।’’ बागची ने कहा, ‘‘लेकिन हमें उम्मीद है कि इस शिखर सम्मेलन में उच्च स्तर की भागीदारी होगी।’’ नौ सितंबर को अपनाए गए जी20 संयुक्त घोषणापत्र को भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक कामयाबी के रूप में देखा गया। यूक्रेन संघर्ष के कारण आशंका थी शिखर सम्मेलन इस मामले पर तीखे मतभेदों के मद्देनजर दस्तावेज जारी करने में सक्षम नहीं हो हो पाएगा। (भाषा) 

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