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Hindi News विदेश यूरोप पुतिन के सैनिकों का हौसला टूटा, रूसी सेना ने खेरसॉन शहर को खाली किया, यूक्रेन ने फहरा दिया झंडा

पुतिन के सैनिकों का हौसला टूटा, रूसी सेना ने खेरसॉन शहर को खाली किया, यूक्रेन ने फहरा दिया झंडा

युद्ध के बीच रूस ने कहा है कि उसने अपने सैनिकों को खेरसॉन से वापस बुला लिया है। रूस ने खेरसॉन में भारी तबाही मचाई है। सैनिकों की गोलाबारी से सड़क के दोनों ओर के घर और इमारतें तबाह हो गई हैं।

रूसी सैनिकों के पीछे हटने को रूस के लिए एक बहुत बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है।- India TV Hindi Image Source : PTI रूसी सैनिकों के पीछे हटने को रूस के लिए एक बहुत बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है।

रूस के पीछे हटने के फैसले के बाद यूक्रेन ने खेरसॉन पर फिर से कब्जा जमा लिया है। पूरे खेरसॉन में जश्न का माहौल है। 24 फरवरी के आक्रमण के बाद रूस ने सबसे पहले खेरसॉन पर अपना कब्जा जमाया था। कीव के रक्षा मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को कहा गया कि रूसी सैनिकों के पीछे हटने को रूस के लिए एक बहुत बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। कीव के रक्षा मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा खेरसॉन यूक्रेन के नियंत्रण में लौट रहा है, यूक्रेन ने रूसी सैनिकों से आत्मसमर्पण का आग्रह किया। 

खेरसॉन से रूस की वापसी की घोषणा

शिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इगोर कोनाशेनकोव ने मॉस्को में पत्रकारों से कहा कि कोई भी हथियार या सैन्य उपकरण नहीं छोड़ा गया था। उन्होंने कहा कि हटने की प्रक्रिया के दौरान कर्मियों, हथियारों, सैन्य उपकरणों आदि का कोई नुकसान नहीं हुआ। कोनाशेनकोव ने बताया कि 30 हजार से अधिक रूसी सैनिकों और लगभग 5 हजार उपकरणों को वापस ले लिया गया है। यूक्रेन में देश के कमांडर ने बुधवार को खेरसॉन से रूस की वापसी की घोषणा की। हालांकि गुरुवार को किसी भी रूसी पीछे हटने का कोई सबूत नहीं था।

राष्ट्रपति ने ऐतिहासिक दिन बताया

बीबीसी ने बताया कि शुक्रवार को रूसी सैनिकों की वापसी के बाद खेरसॉन की सड़कों पर स्थानीय लोगों के वीडियो सोशल मीडिया पर आने लगे, यूक्रेन का राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और यूक्रेन के सैनिकों के आते ही नारे लगने लगे। राष्ट्र के नाम अपने रात के संबोधन में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलॉदिमिर जेलेंस्की ने कहा, आज एक ऐतिहासिक दिन है। हम खेरसॉन को पुन: प्राप्त कर रहे हैं। हमारे सैनिक शहर की ओर बढ़ रहे हैं। लेकिन विशेष इकाइयां पहले से ही शहर में हैं। खेरसॉन के लोगों ने यूक्रेन को कभी नहीं छोड़ा।

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