A
Hindi News विदेश अमेरिका Doomsday Clock: तबाही के और करीब पहुंची दुनिया, 'डूम्सडे क्लॉक' पर वैज्ञानिकों ने किया ये बड़ा ऐलान

Doomsday Clock: तबाही के और करीब पहुंची दुनिया, 'डूम्सडे क्लॉक' पर वैज्ञानिकों ने किया ये बड़ा ऐलान

डूम्‍सडे क्‍लॉक को प्रलय की घड़ी कहा जाता है। दुनियाभर के शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक खतरों को देखते हुए 1947 से यह बताते आ रहे हैं कि दुनिया महाविनाश से कितनी दूर है। परमाणु वैज्ञानिकों के मुताबिक, दुनिया अब तबाही से सिर्फ 90 सेकेंड की दूरी पर रह गई है।

Doomsday Clock- India TV Hindi Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL डूम्सजे क्लॉक

न्यूयॉर्क: डूम्सडे क्लॉक को लेकर वैज्ञानिकों ने एक बड़ा ऐलान किया है। दुनिया के मौजूदा हालात को देखते हुए बड़े परमाणु वैज्ञानिकों ने पहली बार डूम्सडे क्लॉक में 10 सेकेंड कम कर दिया है। परमाणु वैज्ञानिकों के मुताबिक, दुनिया अब तबाही से सिर्फ 90 सेकेंड की दूरी पर रह गई है। बता दें कि डूम्‍सडे क्‍लॉक को प्रलय की घड़ी कहा जाता है, और इस घड़ी में आधी रात का का वक्त होने में जितना कम समय रहेगा, दुनिया में परमाणु युद्ध का खतरा उतना ही करीब होगा। दुनियाभर के शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक खतरों को देखते हुए 1947 से यह बताते आ रहे हैं कि दुनिया महाविनाश से कितनी दूर है।

3 साल बाद क्यों बदला गया घड़ी में समय
अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में सालाना डूम्सडे क्लॉक की घोषणा करते हुए वैज्ञानिकों ने कहा दुनिया अब तबाही के कगार पर खड़ी है। बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स (BAS) ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले, कोविड महामारी, जलवायु संकट और जैविक खतरों ने इस घड़ी के टाइम को कम करने के लिए मजबूर किया है। बता दें कि अमेरिका और तत्कालीन सोवियत संघ के बीच कोल्ड वॉर के चरम के दौरान भी डूम्सडे क्लॉक तबाही के इतने करीब नहीं पहुंची थी। पिछले 3 साल से इस घड़ी की सुई आधी रात से 100 सेकेंड की दूरी पर रुकी हुई थी। यूक्रेन युद्ध में बढ़ते जोखिमों के कारण दुनिया तबाही के एक कदम और करीब आ गई है।

'बहुत बड़े खतरे का सामना कर रही है दुनिया'
BAS के अध्यक्ष और CEO राहले ब्रॉनसन ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि दुनिया इस समय जिस स्तर के खतरे का सामना कर रही है, वैसा पहले कभी नहीं हुआ था। आधी रात से इस घड़ी की सूई सिर्फ 90 सेकेंड दूर है और यह काफी गंभीर बात है। उन्होंने कहा कि अमेरिका, NATO और यूक्रेन को चाहिए कि वे इस मसले को पूरी क्षमता से सुलझाएं ताकि घड़ी को पीछे करने में मदद मिल सके। ब्रॉनसन ने कहा कि रूस द्वारा परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी ने खतरे को बढ़ा दिया है, और इस मामले के सभी के हाथ से निकलने की संभावना बढ़ती जा रही है।

Latest World News