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नितिन गडकरी ने इन गाड़ियों पर GST की दर 28% से घटाकर 12% करने की मांग की, हो जाएंगी सस्ती

वर्तमान में, हाइब्रिड सहित पेट्रोल इंजन वाले वाहनों पर 28 प्रतिशत और इलेक्ट्रिक वाहनों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Sep 02, 2024 17:56 IST, Updated : Sep 02, 2024 17:56 IST
Nitin Gadkari- India TV Paisa
Photo:PTI नितिन गडकरी

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि राज्य के वित्त मंत्रियों को ‘फ्लेक्स-फ्यूल’ वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को घटाकर 12 प्रतिशत करने पर विचार करना चाहिए। ‘फ्लेक्स फ्यूल’ वाले वाहन से आशय ऐसी गाड़ियों से हैं जो एक से अधिक ईंधन पर चलती हैं। सामान्य तौर पर ये वाहन पेट्रोल के अलावा एथनॉल या मेथनॉल मिश्रित पेट्रोल पर भी चलते हैं। गडकरी ने आईएफजीई के इंडिया बायो-एनर्जी एंड टेक एक्सपो को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि कच्चे तेल के आयात को कम करने और जैव ईंधन के उपयोग को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। अगर जीएसटी घटाने पर सहमति बन जाती है तो फ्लेक्स-फ्यूल इंजन वाले वाहन सस्त हो जाएंगे। इससे बिक्री बढ़ेगी। 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिला आश्वासन

उन्होंने कहा, ‘‘हमें विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्रियों से समर्थन की जरूरत है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने मुझे आश्वस्त किया है कि वह इस बारे में सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों से बातचीत करेंगी।’’ गडकरी ने कहा, ‘‘मैंने महाराष्ट्र के वित्त मंत्री से बैठक में भाग लेने और फ्लेक्स-फ्यूल इंजन कारों पर जीएसटी में कटौती का प्रस्ताव रखने को कहा है।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ‘फ्लेक्स-फ्यूल’ वाहनों पर कर कम करने पर विचार करने का अनुरोध किया था। महाराष्ट्र के वित्त मंत्री अजित पवार के साथ एक अलग बैठक में, गडकरी ने उन्हें इस मुद्दे पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ जीएसटी बैठक में भाग लेने का सुझाव दिया। 

अभी चुकाना होता है 28 प्रतिशत जीएसटी 

वर्तमान में, हाइब्रिड सहित पेट्रोल इंजन वाले वाहनों पर 28 प्रतिशत और इलेक्ट्रिक वाहनों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है। गडकरी ने यह भी कहा कि देश हर साल 22 लाख करोड़ रुपये तक का जीवाश्म ईंधन (कोयला, कच्चा तेल) आयात करता है और यह न केवल वायु प्रदूषण से जुड़ी समस्या है बल्कि एक आर्थिक समस्या भी है। मंत्री के अनुसार, उन्हें भरोसा है कि जीवाश्म ईंधन के आयात को कम करने और जैव ईंधन को प्रोत्साहित करने के कारण सबसे ज्यादा लाभ कृषि क्षेत्र को होगा। उन्होंने कहा, ‘‘आज जैव-ईंधन क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं।’’ गडकरी के मुताबिक, देश में जैव ईंधन की लागत कम है और यह प्रदूषण भी नहीं फैलाता है। इसीलिए यह आम आदमी के लिए भी फायदेमंद होने वाला है। मंत्री ने कहा कि वाहन उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण उद्योग है। 

बड़ी संख्या में मिलती है नौकरी 

उन्होंने कहा, ‘‘यह उद्योग अबतक 4.5 करोड़ नौकरियां सृजित कर चुका है। यह वह उद्योग है, जो राज्य और केंद्र सरकार को अधिकतम जीएसटी दे रहा है।’’ गडकरी ने यह भी कहा कि हीरो और बजाज जैसी दोपहिया वाहन विनिर्माता भारत में बनने वाली 50 प्रतिशत बाइक का निर्यात करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमारे पास जैव-ईंधन के लिए अच्छी तकनीक हो तो हमारा निर्यात 10 से 20 प्रतिशत और बढ़ जाएगा। इसका कारण पूरी दुनिया में अब प्रदूषण एक बड़ी चिंता का विषय है।’’ 

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