Tuesday, April 30, 2024
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स्टर्लिंग बायोटेक के 8,100 करोड़ रुपए के बैंक कर्ज धोखाधड़ी मामले में आया बड़ा मोड़, आरोपी हितेश पटेल अल्बानिया में गिरफ्तार

अधिकारियों ने कहा कि पटेल इस मामले में एक आरोपी है। वह मामले के मुख्य आरोपियों संदेसरा भाइयों नितिन एवं चेतन संदेसरा का रिश्तेदार है। उन्होंने कहा कि पटेल को जल्द भारत प्रत्यर्पित किए जाने की संभावना है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: March 22, 2019 17:26 IST
sterling biotech- India TV Paisa
Photo:STERLING BIOTECH

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नई दिल्ली। लगभग 8,100 करोड़ रुपए के बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में आरोपी हितेश पटेल को अल्बानिया में गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जारी इंटरपोल नोटिस के बाद पटेल को हिरासत में लिया गया है। यह बैंक कर्ज धोखाधड़ी कथित रूप से गुजरात के स्टर्लिंग बायोटेक समूह द्वारा की गई है। 

अधिकारियों ने बताया कि हितेश नरेंद्र भाई पटेल को अल्बानिया के विधि प्रवर्तन अधिकारियों ने 20 मार्च को तिराना में गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने बाद में भारतीय जांच एजेंसियों को इस घटनाक्रम के बारे में सूचना दी। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी जल्द अल्बानिया पहुंचेंगे और वे पटेल के प्रत्यर्पण का प्रयास करेंगे। 

अधिकारियों ने कहा कि पटेल इस मामले में एक आरोपी है। वह मामले के मुख्य आरोपियों संदेसरा भाइयों नितिन एवं चेतन संदेसरा का रिश्तेदार है। उन्होंने कहा कि पटेल को जल्द भारत प्रत्यर्पित किए जाने की संभावना है। 

प्रवर्तन निदेशालय ने पटेल के खिलाफ 11 मार्च को इंटरपोल की ओर से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाया था। इस वॉरंट के आधार पर पटेल को गिरफ्तार किया गया। समझा जाता है कि संदेसरा बंधु भी अल्बानिया में हैं। दिल्ली की एक अदालत ने 19 मार्च को ईडी को दोनों के खिलाफ प्रत्यर्पण अनुरोध भेजने की अनुमति दी थी। 

ईडी ने अदालत को बताया था कि विश्वसनीय सूत्रों ने पता चला है कि नितिन जयंतीलाल संदेसरा और चेतनकुमार जयंतीलाल संदेसरा दोनों ने अल्बानिया की नागरिकता हासिल कर ली है और उनके खिलाफ इसी साल गैर जमानती वॉरंट जारी किया गया है। 

स्टर्लिंग बायोटेक का मुख्यालय वडोदरा में है। एजेंसी ने यह भी दावा किया कि पटेल संदेसरा के लिए गैरकानूनी नकद लेनदेन का काम देखता था। वह कई कंपनियों में निदेशक था ओर उसने लक्जरी गाड़ियां खरीदने के लिए बैंक कर्ज को इधर उधर किया। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने उसे इस मामले में पहले भी समन भेजा था लेकिन वह देश से भाग चुका था। 

आरोप है कि कंपनी ने आंध्रा बैंक की अगुवाई में बैंकों के गठजोड़ से 5,000 करोड़ रुपए से अधिक का ऋण लिया था, जो गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बन गया। कुल कर्ज धोखाधड़ी करीब 8,100 करोड़ रुपए है। एजेंसी ने अभी तक इस मामले में पांच आरोपपत्र दायर किए हैं और 4,710 करोड़ रुपए की संपत्तियां कुर्क की हैं। 

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