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एयरटेल, वोडा आइडिया ने 3050 करोड़ रुपए के जुर्माने पर दूरसंचार न्यायाधिकरण का रुख किया

भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने दूरसंचार विभाग द्वारा ‘प्वाइंट ऑफ इंटरकनेक्ट’ मामले में कुल 3,050 करोड़ रुपये का जुर्माना देने के लिए जारी नोटिस को चुनौती देने के लिए दूरसंचार न्यायाधिकरण का रुख किया है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: October 11, 2021 22:42 IST
एयरटेल, वोडा आइडिया ने 3050 करोड़ रुपए के जुर्माने पर दूरसंचार न्यायाधिकरण का रुख किया- India TV Paisa
Photo:FILE

एयरटेल, वोडा आइडिया ने 3050 करोड़ रुपए के जुर्माने पर दूरसंचार न्यायाधिकरण का रुख किया

नई दिल्ली: भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने दूरसंचार विभाग द्वारा ‘प्वाइंट ऑफ इंटरकनेक्ट’ मामले में कुल 3,050 करोड़ रुपये का जुर्माना देने के लिए जारी नोटिस को चुनौती देने के लिए दूरसंचार न्यायाधिकरण का रुख किया है। उद्योग सूत्रों ने कहा कि एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने अब दूरसंचार विवाद निपटान और अपीलीय न्यायाधिकरण (टीडीसैट) का रुख किया है और दूरसंचार विभाग (डॉट) की मांग नोटिस तथा जुर्माने को चुनौती दी है। इस मामले पर मंगलवार को सुनवाई हो सकती है। 

इस संबंध में भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया लिमिटेड को भेजे गए ई-मेल का कोई जवाब नहीं मिला। डॉट ने नियामक ट्राई की पांच साल पुरानी सिफारिश के आधार पर वोडाफोन आइडिया पर 2,000 करोड़ रुपये और भारती एयरटेल पर 1,050 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। कंपनियों को दिए गए मांग नोटिस के मुताबिक दूरसंचार विभाग ने जुर्माना देने के लिए दूरसंचार परिचालकों को तीन सप्ताह का समय दिया है। 

इससे पहले भारती एयरटेल के प्रवक्ता ने एक अक्टूबर को कहा था, ‘‘हम एक नए परिचालक को पॉइंट ऑफ इंटरकनेक्ट के प्रावधानों से संबंधित 2016 की ट्राई की सिफारिशों के आधार पर मनमानी और अनुचित मांग से बहुत निराश हैं। ये आरोप बेबुनियाद हैं।’’ भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने अक्टूबर 2016 में रिलायंस जियो को इंटर-कनेक्टिविटी से इनकार करने के लिए एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया पर कुल 3,050 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश की थी। 

नियामक ने उस समय यह कहते हुए दूरसंचार लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश नहीं की थी, क्योंकि इससे उपभोक्ताओं को काफी असुविधा हो सकती है। ट्राई की सिफारिश रिलायंस जियो की शिकायत पर आई थी। जियो ने कहा था कि उसके नेटवर्क पर 75 प्रतिशत से अधिक कॉल नहीं लग रही थीं, क्योंकि पर्याप्त संख्या में इंटरफेस (पीओआई) जारी नहीं किए जा रहे थे। दूरसंचार विभाग की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था डिजिटल संचार आयोग ने जुलाई 2019 में इस जुर्माने को मंजूरी दी थी।

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