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वित्त वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत पर लाने का भरोसा : सरकार

चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 9.5 प्रतिशत के ऊंचे स्तर पर पहुंचने का अनुमान है। अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। सरकार ने 31 मार्च, 2026 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: February 07, 2021 15:32 IST
आने वाले समय में घाटे...- India TV Paisa
Photo:PTI

आने वाले समय में घाटे पर नियंत्रण की उम्मीद

नई दिल्ली। सरकार को वित्त वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.5 प्रतिशत के स्तर पर लाने का भरोसा है। व्यय सचिव टीवी सोमनाथन ने रविवार को यह बात कही। सोमनाथन ने कहा कि हर साल मौजूदा मूल्य पर जीडीपी में 10 प्रतिशत की वृद्धि से हम राजकोषीय घाटे को तय लक्ष्य के अंदर ला सकते हैं। चालू वित्त वर्ष में भारत का राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत के लक्ष्य से कहीं ऊपर पहुंच जाने का अनुमान है। संशोधित अनुमानों के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था को ‘चलाने’ के लिए सरकार को अधिक खर्च करना पड़ा है, जिससे चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 9.5 प्रतिशत के ऊंचे स्तर पर पहुंचने का अनुमान है। अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। सरकार ने 31 मार्च, 2026 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा है।

सोमनाथन ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हम राजकोषीय घाटे को नीचे लाने को लेकर गंभीर हैं। इसे 9.5 प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य हासिल होने योग्य है। भविष्य के वर्षों में असाधारण खर्च नहीं होंगे। प्रत्येक साल कोविड वर्ष नहीं हो सकता। मुझे पूरा विश्वास है कि हम इसे 4.5 प्रतिशत से नीचे ला सकेंगे।’’ उन्होंने कहा कि अगले चार साल के दौरान 5-6 प्रतिशत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि के आधार पर राजकोषीय घाटे का लक्ष्य तय किया गया है। मौजूदा मूल्य पर जीडीपी की वृद्धि दर आज की तुलना में कम से कम 44 प्रतिशत ऊंची रहेगी।

सरकार अगले वित्त वर्ष 2021-22 में करीब 12 लाख करोड़ रुपये का कर्ज जुटाएगी। बजट के मुताबिक अगले वित्त वर्ष में सरकार का व्यय 34.83 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इनमें 5.54 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय है। इसके साथ ही एक अप्रैल से शुरू हो रहे अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान।

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