EAC -PM के सदस्य संजीव सान्याल ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का तीसरी तिमाही में प्रदर्शन उम्मीद से अच्छा रहा है। अब हमें इसे बनाए रखने की जरूरत है।
दूसरे देशों में जहां निवेश घट रहा है, उधर भारत में निवेश विशेष रूप से मजबूत बना हुआ है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों की बढ़ती रुचि से देश को लाभ हो रहा है।
एसएंडपी ने यह भी कहा कि भारत में कैलेंडर ईयर 2024 में ब्याज दरों में 75 आधार अंकों यानी 0.75 प्रतिशत तक की कटौती होने की संभावना है। एजेंसी ने इससे पहले वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की वृद्धि 6.4 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया था।
2023 में सुस्ती के बाद 2024 में व्यापार वृद्धि में तेजी आने का अनुमान है। कॉरपोरेट ग्लोबलाइजेशन बढ़ रहा है। कंपनियां अपनी अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति बढ़ा रही हैं।
भारत तेजी से दुनिया के लिए चीन का विकल्प बनता जा रहा है। उम्मीद है कि साल 2047 तक भारत विकसित देशों में शामिल हो सकता है। साथ ही 2030 तक भारत का मार्केट कैप 10 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
रिपोर्ट में कहा है कि देश को भू-राजनीतिक दबाव और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय बाजारों में अस्थिरता से पैदा होने वाली विपरीत वैश्विक परिस्थितियों पर नजर रखने की जरूरत है।
जापान और जर्मनी दोनों ने छोटे तथा मझोले आकार के व्यवसायों के माध्यम से अपनी अर्थव्यवस्था का निर्माण किया। जापान के विपरीत जर्मनी ने मजबूत यूरो और मुद्रास्फीति से निपटने के लिए ठोस आर्थिक कदम उठाए। कमजोर येन भी जापान के लिए नुकसान की वजह बना।
IMF की ओर से विकास दर के अनुमान को 0.2 प्रतिशत बढ़ाया गया है। आईएमएफ का कहना है कि मजबूत घरेलू मांग के कारण भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है।
चीनी अर्थव्यवस्था के लिये चुनौतियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। 2016 के बाद पहली बार किसी साल में चीन का निर्यात घटा है। चीन की अर्थव्यवस्था अपस्फीति के दबाव से निपटने के लिए संघर्ष कर रही है।
सेमीकंडक्टर, रिन्युअल इनर्जी, ऊर्जा, इलेक्ट्रिक व्हीकल, ग्रीन हाइड्रोजन, एयरोस्पेस और रक्षा, प्लग-एंड-प्ले पार्क, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, स्मार्ट ग्रीनफील्ड शहर के मामले में राज्य तरक्की की राह पर है।
चीन की इकॉनमी के लिए एक और बुरी खबर आई है। चीन की मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई दिसंबर में गिरकर 49 पर आ गई। यह सूचकांक पिछले नौ महीनों में से आठ बार गिरा है। केवल सितंबर महीने में इसमें वृद्धि हुई थी।
भारत दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने वाला देश बना हुआ है। जीडीपी के आंकड़े पर पीएम मोदी ने कहा कि यह वृद्धि दर के आंकड़े वैश्विक स्तर पर परीक्षा की घड़ी में भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाते हैं।
GDP: भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में 7 प्रतिशत की दर से विकास कर सकती है। आईसीआरए की ओर से ये अनुमान जारी किया गया है।
Fitch की ओर से भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास दर के अनुमान में 0.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। वहीं, चीन पर भरोसा कम करते हुए विकास दर अनुमान को घटाकर 5 प्रतिशत के नीचे कर दिया है।
त्योहारों के दौरान अपेक्षित अच्छी डिमांड के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ बनी रहने की उम्मीद है जिससे अगले छह महीनों के दौरान क्षेत्र को गति मिलने की उम्मीद है।
एसएंडपी ग्लोबल इंडिया के मुताबिक, भारत के साल 2030 तक 7.3 ट्रिलियन इकोनॉमी के साथ दुनिया की तीसरी इकोनॉमी बनने की संभावना है। भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2023 वित्त वर्ष में भी लगातार मजबूत ग्रोथ दिखाना जारी रखा।
अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने कहा कि निगाता (जापान के समुद्र तट पर एक बंदरगाह शहर) में उनकी शीर्ष प्राथमिकता दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में राष्ट्रीय ऋण पर गतिरोध को लेकर भरोसा बहाल करने पर होगी।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने जनवरी में वैश्विक वृद्धि के जो अनुमान जताए थे वे पुराने हो चुके हैं और अब देशों को यह देखना होगा कि बीते हफ्ते अमेरिका में जो घटनाक्रम हुए उनका भरोसे पर, बैंकों की कर्ज वृद्धि आदि पर क्या प्रभाव होगा।
रिपोर्ट के अनुसार इस सेक्टर में मांग-आपूर्ति को लेकर ऐसा अंतर है जो इस क्षेत्र के विकास को प्रभावशाली तौर पर आगे बढ़ाएगा, भले ही शहरी क्षेत्रों में आवास की मौजूदा कमी 10 मिलियन यूनिट होने का अनुमान है।
Rupee Become International Currency Like Dollar: दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बाद पीएम मोदी के सपनों का भारत ऊंचाइयों की नई उड़ान पर है। प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षा रुपये को डॉलर का प्रतिद्वंदी बनाना है। जी हां...वही डॉलर जो वर्षों से पूरी दुनिया पर राज करता आ रहा है।
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