पाकिस्तानी संसद में गोहर अली खान ने अपनी ही सरकार की बजट नीतियों को लेकर सरकार को खूब खरी-खोटी सुनाई। विकसित देश हेल्थ और एजुकेशन पर निवेश में इजाफा कर रहे हैं, तबकि पाकिस्तान में बुनियादी सेक्टर में ही कटौती हो रही है।
नोमुरा ने कहा कि हाल के दिनों में कॉर्पोरेट आय अनुमान में कटौती और वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय इक्विटी बाजार लचीले रहे हैं।
केवल अमेरिका, चीन और जर्मनी ही भारत से बड़े हैं और अगर हम अपनी योजना और सोच पर कायम रहते हैं, तो ढाई-तीन साल में हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे।
भारत का चीन को एक्सपोर्ट अप्रैल में बढ़कर 1.41 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले साल इसी महीने में 1.25 अरब डॉलर था। हालांकि, पड़ोसी देश से इम्पोर्ट भी बढ़कर 9.91 अरब डॉलर हो गया, जो बीते साल इसी महीने में 7.6 अरब डॉलर था।
मूडीज को उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक विकास को समर्थन देने के लिए बेंचमार्क नीति दरों को और कम करेगा। रेटिंग एजेंसी का कहना है कि निवेशकों और कारोबार की लागत बढ़ने की संभावना है।
एसएंडपी ने मार्च में लगाए अपने पिछले अनुमान में भी भारत की जीडीपी वृद्धि के वित्त वर्ष 2025-26 में 6.7 प्रतिशत से घटकर 6.5 प्रतिशत रहने की बात कही थी।
आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था का आकार वर्तमान में 4.3 खरब अमेरिकी डॉलर है। नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि 2047 तक हम दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (30 खरब अमेरिकी डॉलर) हो सकते हैं।
सरकार पिछले कुछ सालों से अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा निवेश कर रही है और कॉरपोरेट पूंजीगत व्यय में भी सुधार की मांग उठ रही है। हालांकि, नई क्षमताएं बनाने के लिए निवेश करने के बजाय भारतीय उद्योग जगत ने कर्ज चुकाने और अन्य उपायों में खूब पैसा लगाया है, जबकि क्षमता उपयोग का स्तर ऊंचा है।
अमिताभ कांत का कहना है कि भारत को समय से पहले, विश्व स्तरीय उत्कृष्टता के साथ, समय और लागत में वृद्धि के बिना परियोजनाओं को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर ऑगस्टे तानो कौमे ने कहा कि हम इस समय भारत के विकास को लेकर चिंतित नहीं हैं। हम भारत को लेकर बहुत आशावादी हैं और आशावादी बने रहेंगे।
पहले दो सालों- 2025-26 और 2026-27 के लिए प्रत्येक इकोनॉमी क्लास यात्री के लिए 810 रुपये और फिर 2027-28 और 2028-29 के लिए 430 रुपये यूडीएफ प्रस्तावित है।
जानकार का कहना है कि हम मौद्रिक नीति का इंतजार कर रहे हैं, जिसमें बाजार अनुमान लगा रहा है कि आरबीआई 25 आधार अंकों की कटौती करेगा, लेकिन कमजोर रुपये के साथ आरबीआई को मुद्रास्फीति अनुमानों पर सतर्क रहने और अपने दृष्टिकोण में आक्रामक होने की जरूरत है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार का कहना है कि ग्लोबलाइजेशन यानी वैश्वीकरण का युग खत्म हो चुका है। ग्लोबलाइजेशन की अनुकूल हवाएं प्रतिकूल होती जा रही हैं। निवेश के मोर्चे पर और व्यापार के मोर्चे पर भू-राजनीतिक और नीतिगत अनिश्चितता है, और वृद्धि अनुमान भी इसे दर्शाते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत करोड़ों लोगों की आकांक्षाओं से प्रेरित होकर विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। यह एआई का युग है और हर कोई एआई के बारे में बात कर रहा है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ का कहना है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट अपेक्षा से अधिक धीमी हो गई है। आईएमएफ ने बताया कि साल 2023 में भारत की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत थी।
चीन की अर्थव्यवस्था को लेकर राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो का कहना है कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था आम तौर पर स्थिर रही, जिसमें लगातार प्रगति हुई। हाई क्वालिटी वाले विकास में नई उपलब्धियां हासिल हुईं।
पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई बैठक में बजट की व्यापक रूपरेखा पर चर्चा की गई है और विस्तृत जानकारी के लिए आगे और अधिक चर्चा की जाएगी।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में लगभग 57% इंटरनेट उपयोगकर्ता ऑनलाइन भारतीय भाषाओं का उपयोग करते हैं, जिसमें हिंदी सबसे आगे है। हिंदी के साथ, आप एक विशाल बाजार तक पहुंच सकते हैं, जिससे बिक्री में वृद्धि होती है और ग्राहक लॉयल्टी बढ़ती है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष द्वारा लिखित रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि प्रति व्यक्ति नाममात्र जीडीपी में मार्च 2025 को खत्म होने वाले चालू वित्त वर्ष में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार के तहत 2006-2007 में भारत ने 10.08% की वृद्धि दर दर्ज की थी। यह 1991 में अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के बाद से भारत में दर्ज की गई सबसे अधिक जीडीपी थी। उच्चतम जीडीपी वृद्धि दर 2006-2007 में 10.08% थी।
लेटेस्ट न्यूज़