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इम्युनिटी बढ़ाने के लिए विदेशों में बढ़ी हल्दी सहित अन्य भारतीय मसालों की मांग: पीएम मोदी

सरकार का योग के बाद अब आयुर्वेद को दुनिया भर में पहचान दिलानों पर जोर

India TV Paisa Desk Written by: India TV Paisa Desk
Updated on: June 28, 2020 12:31 IST
Mann ki Baat - India TV Paisa
Photo:ANI

Mann ki Baat 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी के मुताबिक विदेशों में रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने के लिए हल्दी सहित अन्य भारतीय मसालों की मांग बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने आज प्रसारित हुए मन की बात कार्यक्रम में इस पर भी बात की। प्रधानमंत्री ने कहा कि खबरों में इस बात का उल्लेख किया जा रहा है कि दुनिया भर में हल्दी और अदरक की मांग बढ़ गई है क्योंकि लोग अब अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने पर काफी जोर दे रहे हैं। प्रधानमंत्री के मुताबिक रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले इन मसालों का संबंध भारत से है ऐसे में भारतीयों को चाहिए कि वो आसान भाषा में उन उत्पादों की जानकारी दुनिया भर में फैलाएं जिससे इस दुनिया को स्वस्थ बनाने में भारत एक बड़ा योगदान दे सके। 

भारत सरकार भारतीय मसालों के औषधीय गुणों को दुनिया के सामने लाने का लक्ष्य लेकर चल रही है। दरअसल योग को दुनिया भर में पहचान दिलाने के बाद अब सरकार आयुर्वेद को लेकर इसी दिशा में आगे बढ़ रही है इसलिए सरकार अहम मौकों पर भारतीय चिकित्सा पद्धति और उससे जुड़े विषय उठाती रहती है। सरकार ने औषधीय पौधों और जड़ी बूटी के विकास के लिए हाल ही में जारी हुए आत्मनिर्भर पैकेज में कई ऐलान किये हैं। पैकेज में हर्बल खेती को प्रोत्साहन के लिए 4,000 करोड़ रुपये के लिए राष्ट्रीय औषधीय पौध कोष की घोषणा की गई है। इसके तहत 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को इस तरह की स्वास्थ्यवर्धक जड़ी बूटियों की खेती के तहत लाने का लक्ष्य भी रखा गया है।

मोदी सरकार ने इसी दिशा में आयुष मंत्रालय का गठन भी किया जिससे भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को आधुनिक तकनीक की मदद से दुनिया भर में स्थापित किया जा सके। मंत्रालय कोरोना संकट के बीच काढे सहित कई इम्युनिटी बूस्टर औषधियों को लेकर सलाहें जारी कर रहा है। भारतीय चिकित्सा पद्धति में आयुर्वेद और योग दोनो एक साथ काम करते हैं, जहां आयुर्वेद रोग को खत्म करने में मदद करता है वहीं योग रोग प्रतिरोध क्षमता को विकसित करने में मदद करता है। वहीं भारतीय चिकित्सा के मुताबिक योग की मदद से आयुर्वेद का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाया जा सकता है। भारत सरकार इन दोनो को आधुनिक चिकित्सा पद्धति में अहम स्थान दिलाना चाहती है जिससे भारत दुनिया भर के लोगों के लिए बेहतर स्वास्थ्य का केंद्र बन सके जिससे रोजगार के नए अवसर खोले जा सकें।   

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