Thursday, December 12, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. सितंबर के बाद सरकारी बैंकों की पूंजी जरूरतों की समीक्षा कर सकता है वित्त मंत्रालय

सितंबर के बाद सरकारी बैंकों की पूंजी जरूरतों की समीक्षा कर सकता है वित्त मंत्रालय

इंडस्ट्री के मुताबिक बैंकिंग क्षेत्र को कर्ज आवश्यकताएं पूरा करने के लिये तत्काल 3-4 लाख करोड़ रुपये की जरूरत

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated : July 05, 2020 16:56 IST
Finance Ministry- India TV Paisa
Photo:GOOGLE

Finance Ministry

नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय सितंबर तिमाही के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की पूंजी की आवश्यकता का आकलन कर सकता है, क्योंकि उस समय तक NPA को लेकर आंकड़े स्पष्ट हो जायेंगे। ये जानकारी सूत्रों ने दी है। कोरोना वायरस महामारी तथा इसकी रोकथाम के लिये देश भर में लगाये गये लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था में सुस्ती आयी है। इस कारण ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) में वृद्धि देखने को मिल सकती है। ऐसा होने की स्थिति में रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के तहत बैंकों को एनपीए के लिये किया जाने प्रावधान बढ़ाना पड़ेगा। सूत्रों का कहना है कि यदि आरबीआई कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित क्षेत्रों के लिये कर्ज पुनर्गठन के अनुरोध को स्वीकार कर लेता है, तो बैंकों को राहत मिल सकती है। उन्होंने कहा कि कर्ज की किस्तें चुकाने से राहत की अवधि अगस्त में समाप्त हो रही है। उसके बाद ही एनपीए को लेकर स्थिति स्पष्ट हो सकती है। ऐसे में एक बार जब दूसरी तिमाही के आंकड़े स्पष्ट हो जायें, पूंजी की आवश्यकता की समीक्षा तभी करना उचित होगा।

बैंकिंग क्षेत्र के कारोबारी तथा उद्योग संगठन सीआईआई के अध्यक्ष उदय कोटक का कहना है कि अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिये सरकारी बैंकों को सरकार से वित्तीय मदद की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के बैंकों को आगे की चुनौतियों से जूझने के लिये विभिन्न स्रोतों से पूंजी जुटाने की जरूरत होगी। उन्होंने पिछले महीने कहा था कि बैंकिंग क्षेत्र को ऋण आवश्यकताएं पूरा करने के लिये तत्काल तीन से चार लाख करोड़ रुपये के पुनर्पूंजीकरण की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि बैंकिंग क्षेत्र के एनपीए में वित्त वर्ष 2020-21 में 4.5 प्रतिशत की वृद्धि के अनुमान जताये जा रहे हैं। सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 में सरकारी बैंकों में 70 हजार करोड़ रुपये की पूंजी डालने का प्रस्ताव किया था। सरकार इसमें से 65,443 करोड़ रुपये पिछले वित्त वर्ष में सरकारी बैंकों में विभिन्न उपायों के माध्यम से डाल चुकी है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement