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रिटर्न फाइल न करने वालों से भी सरकार ने वसूले 26,500 करोड़ रुपए, निगरानी तंत्र का हो रहा है जमकर इस्‍तेमाल

बड़े टैक्‍स चोरों द्वारा इस साल टैक्‍स जमा करने से उत्‍साहित मोदी सरकार के विशेष निगरानी तंत्र ने 1.7 करोड़ ऐसे लोगों से भी टैक्‍स रिटर्न भरवाकर दिसंबर 2017 तक 26,600 करोड़ रुपए का राजस्‍व हासिल किया है,

Edited by: Abhishek Shrivastava
Published : February 10, 2018 15:27 IST
tax collection - India TV Paisa
tax collection

नई दिल्‍ली। बड़े टैक्‍स चोरों द्वारा इस साल टैक्‍स जमा करने से उत्‍साहित मोदी सरकार के विशेष निगरानी तंत्र ने 1.7 करोड़ ऐसे लोगों से भी टैक्‍स रिटर्न भरवाकर दिसंबर 2017 तक 26,600 करोड़ रुपए का राजस्‍व हासिल किया है, जो टैक्‍स देने के लिए उत्‍तरदायी होने के बावजूद टैक्‍स रिटर्न फाइल नहीं कर रहे थे।  

वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में एक प्रश्‍न का जवाब देते हुए कहा कि टैक्‍स डिपार्टमेंट ने इन-हाउस जानकारी को टीडीएस और टैक्‍स कलेक्‍टेड एट सोर्स जैसी बाहरी एजेंसियों से प्राप्‍त उच्‍च-मूल्‍य वाले लेनदेन से मिलाया और ऐसे लोगों की पहचान की, जो टैक्‍स रिटर्न फाइल नहीं कर रहे थे।

वित्‍त मंत्री ने बताया कि वित्‍तीय जानकारी हासिल करने और उसकी सत्‍यतता जांचने के तंत्र को और विस्‍तार दिया गया है। इसमें बैंक एवं अन्‍य वित्‍तीय संस्‍थाओं से विभिन्‍न तरह के उच्‍च मूल्‍य वाले लेनदेन सहित वाणिज्यिक प्रतिष्‍ठान के उच्‍च मूल्‍य वाले खर्चों को स्‍टेटमेंट ऑफ फाइनेंशियल ट्रांजैक्‍शन के माध्‍यम से शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि टीडीएस और टीसीएस के तंत्र को भी विस्‍तारित किया गया है।

जेटली ने बताया कि 2 लाख रुपए से अधिक के लेनदेन के लिए पैन बताना अनिवार्य हो चुका है, यह संपत्ति, शेयर, बांड, बीमा और विदेश यात्राओं के लिए भी अनिवार्य किया गया है। इन आंकड़ों से ही टैक्‍स विभाग को अतिरिक्‍त राजस्‍व हासिल करने में मदद मिली है।

इसके परिणामस्‍वरूप पिछले साल 35 लाख ऐसे लोगों की पहचान की गई, जो टैक्‍स रिटर्न फाइल नहीं कर रहे थे और इन पर टैक्‍स उत्‍तरदायित्‍व बनता था। इनकम टैक्‍स विभाग ने चालू वित्‍त वर्ष के अंत तक 1.25 करोड़ नए टैक्‍स दाताओं को जोड़ने का लक्ष्‍य रखा है।

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