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सरकार ने Air India को लेकर कही ये बड़ी बात, सभी नियुक्तियां व पदोन्नति रोकने का निर्देश

एयर इंडिया के निजीकरण के अपने प्रस्ताव को देखते हुए सरकार ने कंपनी में व्यापक स्तर पर सभी नियुक्तियों और पदोन्नतियों को रोकने का निर्देश दिया है।

India TV Business Desk Written by: India TV Business Desk
Updated on: July 21, 2019 12:55 IST
Air India- India TV Paisa

Air India

नई दिल्ली। एयर इंडिया के निजीकरण के अपने प्रस्ताव को देखते हुए सरकार ने कंपनी में व्यापक स्तर पर सभी नियुक्तियों और पदोन्नतियों को रोकने का निर्देश दिया है। सिर्फ कुछ नई उड़ानें शुरू की जा सकती हैं, वह भी बहुत जरूरी होने पर और व्यावसायिक स्तर पर लाभकारी दिख रही हो तो।

एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि यह निर्देश लगभग एक सप्ताह पहले आया है। इसके अनुसार, आगामी निजीकरण को देखते हुए कोई बड़ा कदम नहीं उठाया जाना है। इसके तहत नियुक्तियां और पदोन्नति भी रोक दी जाएंगी। यह निर्देश निवेश तथा जन संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) ने दिया है।

पिछले कार्यकाल में बोली लगाने वाले को ढूंढने में नाकाम रही मोदी सरकार इस कार्यकाल में एयर इंडिया को निजी हाथों में देने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है। सरकार ने निजीकरण की प्रक्रिया में निर्णय लेने के लिए मंत्रियों के समूह (जीओएम) को दोबारा गठित किया है।

कंसल्टिंग फर्म ईवाई पहले से ही निजी बोली लगाने वालों को आमंत्रित करने के लिए प्रारंभिक सूचना ज्ञापन को अंतिम रूप देने के लिए काम कर रही है। एयर इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "इस बार, विनिवेश को लेकर कोई संदेह नहीं है। जिस गति से चीजें हो रही हैं, विमानन कंपनी का मालिकाना हक किसी निजी कंपनी के पास पहुंच जाएगा।"

एयर इंडिया पर कुल लगभग 58,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। राष्ट्रीय विमानन कंपनी का संचयी नुकसान 70,000 करोड़ रुपये है। इसी साल 31 मार्च को खत्म हुए वित्त वर्ष में विमानन कंपनी को 7,600 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

नागरिक विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसी सप्ताह कहा था कि एयर इंडिया को बचाने के लिए उसका निजीकरण करना होगा। उन्होंने कहा था कि सरकार ऐसी विमानन कंपनी को चलाने के लिए तैयार नहीं है जहां संचालन संबंधी निर्णय प्रतिदिन लिए जाते हैं ना कि नौकरशाही प्रक्रिया या ठेका प्रक्रिया से। पुनर्गठित जीओएम के अध्यक्ष गृह मंत्री अमित शाह अगले कुछ सप्ताहों में एयर इंडिया के निजीकरण से संबंधित निर्णय ले सकते हैं।

जेट एयरवेज के समाधान पेशेवर ने रूचि पत्र आमंत्रित किए 

मुंबई। जेट एयरवेज के समाधान पेशेवर ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की बची-खुची परिसंपत्तियों की बिक्री के लिए शनिवार को रूचि पत्र आमंत्रित किए। इसके लिए तीन अगस्त तक की समयसीमा तय की गयी है। कंपनी की वेबसाइट और समाचारपत्रों में प्रकाशित विज्ञापनों में जेट एयरवेज के समाधान पेशेवर (आरपी) आशीष छावछारिया ने रूचि पत्र दाखिल करने के लिए तीन अगस्त, संभावित समाधान आवेदकों की अस्थायी सूची जारी करने के लिए छह अगस्त और आपत्ति दाखिल करने के लिए 11 अगस्त तक की समयसीमा तय की है। 

विज्ञापन में कहा गया है कि 14 अगस्त को संभावित समाधान आवदेकों की अंतिम सूची जारी की जाएगी। उसमें कहा गया है कि इन आवेदकों की समाधान योजना को दाखिल करने की अंतिम तिथि पांच सितंबर होगी जबकि आरपी मंजूरी के लिए इसे 20 सितंबर तक राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं। एयरलाइन की परिसंपत्तियों में 10 बोइंग विमान सहित कुल 14 विमान, जेट प्रीविलेज में 49 प्रतिशत की हिस्सेदारी और कुछ भवन शामिल हैं। 

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