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एसी, फर्नीचर सहित कुछ और सेक्टर के लिए शुरू हो सकती है उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना

मोबाइल निर्माताओं के लिए सरकार शुरू कर चुकी हैं प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव स्कीम

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : August 05, 2020 17:46 IST
government to expand production linked incentive scheme to...- India TV Paisa
Photo:PTI

government to expand production linked incentive scheme to more sector says source

नई दिल्ली| देश के विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के मकसद से सरकार एयर कंडिशनर्स और टीवी सेट, लेदर, केमिकल्स, फर्नीचर, टायर और खिलौने जैसे कुछ और सेक्टरों को उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन देने पर विचार कर रही है।

सरकार के सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्रालय के साथ-साथ वाणिज्य व कुछ दूसरे मंत्रालयों द्वारा इसे अंतिम रूप देने के लिए विनिर्माण क्षेत्रों को चिन्हित किया जा रहा है और इसकी घोषणा अगले कुछ सप्ताह में होगी। नए क्षेत्रों के लिए यह उत्पादन से जुड़ा प्रोत्साहन यानी प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम उसी तरह की होगी जैसी स्कीम इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय से मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम का विकास करने के लिए किया था। इसी प्रकार, रसायन और पेट्रोरसायन विभाग ने भारी पैमाने पर ड्रग और एक्टिव फार्मास्युटिकल इन्ग्रेडिएंटस यानी एपीआई बनाने के लिए फार्मास्युटिकल सेक्टर के लिए 7,000 करोड़ रुपये की स्कीम लाई है।

यह नई स्कीम मौजूदा मर्केंडाइज एक्सपोर्ट्स इंडिया स्कीम यानी एमईआईएस की जगह लेगी, जिसकी शुरुआत अप्रैल 2015 में खास तरह की वस्तुएं बनाने व निर्यात करने के मकसद से की गई थी। लेकिन इस स्कीम के वांछित परिणाम नहीं आए। इस उदारवादी नजरिए के बावजूद निर्यात स्थिर रहा, इसलिए सरकार अब इसे दिसंबर तक बंद करना चाहती है। एमईआईएस के तहत देनदारी 2019-20 के दौरान 20,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 45,000 करोड़ रुपये हो गई, जबकि निर्यात सीमित दायरे में रहा। भारत का निर्यात 2014-15 में 310 अरब डॉलर था और 2019-20 में भी निर्यात 313 अरब डॉलर ही रहा। इस तरह निर्यात में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई। इसलिए वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2021 में एमईआईएस का लाभ 9,000 करोड़ रुपये तक सीमित कर दिया है।

 

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