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घटेगा आपका पेट्रोल डीजल का बिल, सरकार जल्द लायेगी इंजनों में बदलाव पर खास दिशानिर्देश

एफएफवी यानि फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल सामान्य वाहनों का एक संशोधित संस्करण है जो इथेनॉल मिश्रणों के विभिन्न स्तरों के साथ गैसोलीन और डोप्ड पेट्रोल दोनों पर चल सकता है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : Jul 04, 2021 07:36 pm IST, Updated : Jul 04, 2021 07:41 pm IST
पेट्रोल डीजल कीमतों...- India TV Paisa
Photo:FILE

पेट्रोल डीजल कीमतों का बोझ घटाने की तैयारी

नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की कीमतों का नियंत्रण रखने को लिये सरकार जल्द खास योजना लेकर आ रही है। सरकार ऑटो कंपनियों को जल्द ही ऐसे पैसेंजर और कमर्शियल वाहनों के निर्माण के लिए कह सकती है, जो जीवाश्म ईंधन के उपयोग को कम करने के उद्देश्य से कई ईंधनों के मेल पर चलते हैं। ऐसे फ्लेक्स इंजनों का उपयोग करने वाले फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल (एफएफवी) के उपयोग के लिए नए दिशानिर्देश चालू वर्ष की तीसरी तिमाही तक जारी होने की उम्मीद है। ये निर्देश ईंधन मिश्रण में निर्धारित परिवर्तनों के हिसाब से इंजन कॉन्फिगरेशन और वाहनों में आवश्यक बदलावों के बारे मे होंगे। 

सरकार का प्रोत्साहन योजना पर विचार

सरकार वाहनों में फ्लेक्स इंजन के निर्माण और उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक प्रोत्साहन योजना पर भी काम कर रही है। जल्द ही इसके बारे में भी जानकारी सामने रखी जायेगी। पेट्रोलियम सचिव तरुण कपूर पहले ही कह चुके हैं कि वाहनों को चलाने के लिए जैव ईंधन के उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा फ्लेक्स फ्यूल वाले वाहनों (एफएफवी) के उपयोग को सक्रिय रूप से देखा जा रहा है।

क्या होगा फ्लेक्स फ्यूल का फायदा

एफएफवी यानि फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल सामान्य वाहनों का एक संशोधित संस्करण है जो इथेनॉल मिश्रणों के विभिन्न स्तरों के साथ गैसोलीन और डोप्ड पेट्रोल दोनों पर चल सकता है। ये वर्तमान में ब्राजील में सफलतापूर्वक उपयोग किए जा रहे हैं, जिससे लोगों को कीमत और सुविधा के आधार पर ईंधन (गैसोलीन और इथेनॉल) स्विच करने का विकल्प मिल रहा है। वास्तव में, ब्राजील में बेचे जाने वाले अधिकांश वाहन एफएफवी हैं। भारत के लिए, एफएफवी एक अलग फायदा देंगे, क्योंकि वे वाहनों को देश के विभिन्न हिस्सों में उपलब्ध इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल के विभिन्न मिश्रणों का उपयोग करने की अनुमति देंगे। मौजूदा नियम पेट्रोल में 10 फीसदी तक एथेनॉल मिलाने की इजाजत देते हैं। हालांकि, कम आपूर्ति और परिवहन चुनौतियों के कारण, 10 प्रतिशत मिश्रित पेट्रोल केवल 15 राज्यों में उपलब्ध है, जबकि अन्य राज्यों में जैव-ईंधन 0 से 5 प्रतिशत के बीच है। फ्लेक्स फ्यूल वाहनों को सभी मिश्रणों का उपयोग करने और बिना मिश्रित ईंधन पर चलने की अनुमति देगा। एफएफवी की शुरुआत के लिए वाहन मानकों, प्रौद्योगिकियों और रेट्रोफिटिंग कॉन्फिगरेशन को अपनाने की आवश्यकता होगी, जिसे भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा देखा जायेगा। 

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