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वित्त मंत्री ने पेश किया ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए पैकेज, जानिए किसे क्या मिला

सरकार के द्वारा मेगा पैकेज के पहला चरण में 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की राहत का ऐलान

India TV Paisa Desk Written by: India TV Paisa Desk
Updated on: May 13, 2020 23:15 IST
Highlights of relief package announced by Finance Minister - India TV Paisa

Highlights of relief package announced by Finance Minister 

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेगा पैकेज के ऐलान के बाद आज पहले हिस्से की जानकारी साझा की। आज का पैकेज मुख्य रूप से नकदी संकट से जूझ रही छोटी कंपनियों और कारोबारियों, ठेकेदारों या फिर छोटे कर्ज देने वाली कंपनियों के लिए था। इसके साथ ही बिजली कंपनियों की भी समस्या का समधान करने की कोशिश भी की गई। आज के पैकेज में 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की राहत का ऐलान किया गया। जानिए आज किस सेक्टर को इसमें से क्या मिला।   

MSME सेक्टर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को MSME सेक्टर के लिये बिना गारंटी वाले 3 लाख करोड़ रुपये के कर्ज की सुविधा दिलाने की घोषणा की। इस सुविधा से 45 लाख लघु उद्यमों को लाभ होने की उम्मीद है। यह कर्ज चार साल के लिये दिया जाएगा और 12 महीने तक किस्त में राहत का भी प्रावधान है। इसके अलावा संकट ग्रस्त एमएसएमई इकाइयों के लिए भी कुल 20,000 करोड़ रुपये के कर्ज की सुविधा दी जाएगी। इससे 2 लाख इकाइयों को लाभ होने की उम्मीद है। बेहतर प्रदर्शन करने वाली एमएसएमई के लिये ‘फंड ऑफ फंड’ गठित किया जा रहा है, इसके जरिये वृद्धि की क्षमता रखने वाले एमएसएमई में 50,000 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी डाली जाएगी। वहीं विस्तार के साथ MSME के लाभ जारी रहें इसके लिए MSME उद्योगों के लिए निवेश और कारोबार की ऊपरी सीमा बढ़ाने का ऐलान भी किया गया है। वहीं घरेलू छोटे उद्योगों के लिए ज्यादा अवसर बनें इसके लिए 200 करोड़ रुपये तक की सरकारी खरीद में ग्लोबल टेंडर जारी नहीं किए जाएंगे ।

वेतनभोगी कर्मचारियों को राहत

वेतनभोगी कर्मचारियों के पास खर्च योग्य ज्यादा रकम पहुंचे इसके लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) में योगदान को लेकर भी कई ऐलान हुए हैं। निजी कंपनियों के लिए ईपीएफ में कंपनी और कर्मचारियों का सांविधिक योगदान 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी करने का निर्णय लिया गया है। ये कटौती अगले 3 महीने के लिए हैं। इस दौरान पीएफ के लिए कटौती कम होगी और कर्मचारी ज्यादा रकम घर ले जा सकेंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मिल रही पीएफ छूट को अगले 3 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। जिसमें 100 कर्मचारियों से कम क्षमता वाले संस्थान में 15 हजार से कम वेतन वाले लोगों का ईपीएफ सरकार वहन करेगी। इसके लिए सरकार 2500 करोड़ रुपये की मदद देगी, इससे 72 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा

TDS दरों में कटौती

टैक्स डिडक्शन एट सोर्स यानि TDS और टैक्स कलेक्शन एट सोर्स यानि TCS  की मौजूदा दरों में 25 फीसदी की कटौती की गई है। TDS में कटौती की ये छूट कॉन्ट्रैक्ट के भुगतान, व्यवसायिक फीस, ब्याज, किराया, लाभांश, कमीशन या फिर ब्रोकरेज आय पर मिलेगी। टैक्स में कटौती पर ये छूट गुरुवार से लागू होकर वित्त वर्ष के बाकी हिस्से में जारी रहेगी। वित्त मंत्री के मुताबिक इस कदम से करदाताओ को 50 हजार करोड़ रुपये की राहत मिलेगी। इसके साथ ही आयकर रिटर्न, ऑडिट और एसेसमेंट की समयसीमा भी बढ़ा दी गई है।

NBFC ,हाउसिंग फाइनेंस और माइक्रो फाइनेंस कंपनियां

गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और बेहद छोटे कर्ज देनी वाली माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के लिए 30,000 करोड़ रुपये के विशेष नकदी योजना की घोषणा की। इसके अलावा निचले स्तर की क्रेडिट रेटिंग रखने वाली एनबीएफसी, आवास वित्त कंपनियों (HFC) और सूक्ष्म वित्त संस्थानों (MFI) के लिये 45,000 करोड़ रुपये की पार्शियल क्रेडिट गारंटी योजना 2.0 की भी घोषणा की। वित्त मंत्री के मुताबिक इन कदमों से छोटी फाइनेंस कंपनियों को नकदी मिलेगी जिससे वो आगे छोटे और लघु क्षेत्र को ज्यादा कर्ज दे सकेंगे ।

इंफ्रा और रियल एस्टेट में कार्यरत कॉन्ट्रैक्टर

सरकार ने सड़कों, रेलवे परियोजनाओं और अन्य कार्यों के ठेकेदारों को उनके काम को पूरा करने की समयसीमा में छह माह तक के विस्तार का ऐलान किया है। इसके साथ ही रियल एस्टेट परियोजनाओं के मामले में भी ठेकेदारों के पंजीकरण से लेकर कार्य पूर्ण होने की तय समय सीमा को छह माह के लिये बढ़ा दिया गया है। सरकार के मुताबिक इससे कॉन्ट्रैक्ट में लगी छोटी कंपनियों और ठेकेदारों पर दबाव काफी कम होगा वहीं ठेकेदारों के स्तर पर नकदी की तंगी को दूर करने के लिये सरकारी एजेंसिया उनकी आंशिक बैंक गारंटी को जारी कर सकती है। यानि ठेकेदारों का जितना कार्य पूरा हुआ है उसके हिसाब से उनकी बैंक गारंटी को मुक्त किया जा सकता है।

बिजली वितरण कंपनियां

लॉकडाउन की वजह से मांग में तेज गिरावट की वजह से बिजली वितरण कंपनियों को आय में काफी नुकसान हुआ है। सरकार ने कंपनियों के लिए 90,000 करोड़ रुपये की नकदी उपलब्ध करायी जाएगी ताकि उन्हें मौजूदा वित्तीय संकट से पार पाने में मदद मिले।

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