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2021-22 में भारत की अर्थव्यवस्था के 8.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान : विश्व बैंक

रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर से रिकवरी पर जो असर पड़ा था वो छोटी अवधि का था, और पिछले साल के मुकाबले काफी सीमित भी था।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: October 08, 2021 18:11 IST
विश्व बैंक ने दिया 8.3...- India TV Paisa
Photo:FILE

विश्व बैंक ने दिया 8.3 प्रतिशत की ग्रोथ का अनुमान

नई दिल्ली। सार्वजनिक निवेश में वृद्धि और विनिर्माण को बढ़ावा देने से भारतीय अर्थव्यवस्था के वित्त वर्ष 2021-22 में 8.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जो इस साल की शुरुआत में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से पहले के अनुमान से कम है। विश्व बैंक ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में यह बात कही है। दक्षिण एशिया क्षेत्र के लिए विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री हैंस टिमर के मुताबिक कुछ उच्च आवृत्ति वाले आंकड़े संकेत देते हैं कि कोविड​-19 महामारी की दूसरी लहर के परिणामस्वरूप, रिकवरी की रफ्तार थमी है, वहीं कुछ अन्य संकेत देते हैं कि रिकवरी में वास्तव में कुछ गिरावट आई है। 

उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा, “हम भारतीय अर्थव्यवस्था में इस वित्त वर्ष के लिए 8.3 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगा रहे हैं , जो कि दूसरी लहर के कारण हुए स्वास्थ्य संकट से पहले के अनुमान की तुलना में कम है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल अर्थव्यवस्था में तेज गिरावट को देखते हुए, यह बहुत अधिक नहीं लग सकता है, लेकिन मेरे विचार में, कोविड महामारी की घातक दूसरी लहर और स्वास्थ्य संकट की गंभीरता को देखते हुए, यह वास्तव में बहुत सकारात्मक खबर है।’’ 31 मार्च को विश्व बैंक ने एक रिपोर्ट में कहा था कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि 7.5 से 12.5 प्रतिशत तक के बीच रह सकती है। भारत में अप्रैल से मई के बीच कोरोना की दूसरी लहर देखने को मिली थी, इस दौरान हर दिन आने वाले नये मामलों की संख्या 3 लाख के भी पार पहुंच गयी थी। दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में स्वास्थ्य उपकरणों से लेकर मेडिकल ऑक्सीजन की किल्लत देखने को मिली थी।  

टिमर के मुताबिक इस सबमें सबसे सकारात्मक बात ये है कि रिकवरी में जो झटका लगा था वो काफी छोटी अवधि का और उसका अर्थव्यवस्था पर असर सीमित रहा है। उनके मुताबिक ये बीते साल में कोरोना की पहली लहर के समय के असर के सामने कुछ नहीं है। इसी को देखते हुए हमने 8.3 प्रतिशत की विकास दर का अनुमान दिया है। उन्होने कहा कि फिलहाल घरेलू और विदेशी क्षेत्रों में अनिश्चितता बनी हुई है हालांकि जैसे जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं अनिश्चितता और कम होती जा रही है। उन्होने कहा कि पहली लहर के बाद हमने 7.5 प्रतिशत से 12.5 प्रतिशत का दायरा दिया था। फिलहाल हमारा ग्रोथ अनुमान इस दायरे के निचले स्तर पर है, जो कि पूरी तरह महामारी के दूसरी लहर की वजह से है। 

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