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जून में लगातार चौथे महीने गिरा निर्यात, लेकिन 18 साल में पहली बार ट्रेड सरप्लस

निर्यात में 12.51% की गिरावट के मुकाबले आयात में 47.59% की गिरावट

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: July 15, 2020 23:22 IST
Export Import data- India TV Paisa
Photo:GOOGLE

Export Import data

नई दिल्ली। देश के निर्यात में जून महीने में 12.51 प्रतिशत गिरावट आयी है। यह लगातार चौथा महीना है जब निर्यात घटा है। मुख्य रूप से पेट्रोलियम, कपड़ा, इंजीनियरिंग सामान और रत्न एवं आभूषण के निर्यात में गिरावट से कुल निर्यात कम हुआ है। हालांकि आयात में 47.59 प्रतिशत की गिरावट के कारण 18 साल में पहली बार ट्रेड सरप्लस की स्थिति आयी है। यानि इस दौरान पहली बार आयात के मुकाबले निर्यात ज्यादा हुआ है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के बुधवार को जारी आंकड़े के अनुसार कोविड-19 के कारण कमजोर वैश्विक मांग से जून में निर्यात 12.41 प्रतिशत घटकर 21.91 अरब डॉलर रहा। हालांकि जून में निर्यात का आंकड़ा सुधरा है। क्योंकि अप्रैल में इसमें 60.28 प्रतिशत और मई में 36.47 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।

आंकड़ों के अनुसार आयात भी लगातार चौथे महीने घटा है। जून में यह 47.59 प्रतिशत घटकर 21.11 अरब डॉलर रहा। इसके महीने में 0.79 अरब डॉलर के ट्रेड सरप्लस की स्थिति रही। पिछले 18 साल में यह पहला मौका है जब सरप्लस की स्थिति उत्पन्न हुई है। इससे पहले, जनवरी, 2002 में 10 अरब डॉलर का व्यापार अधिशेष हुआ था। तेल आयात जून महीने में 55.

29 प्रतिशत घटकर 4.93 अरब डॉलर रहा। सोना आयात भी इस दौरान 77.42 प्रतिशत घटकर 60.87 करोड़ डॉलर रहा। निर्यात वाले जिन क्षेत्रों में नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गयी है, उसमें रत्न एवं आभूषण (-50 प्रतिशत), चमड़ा (-40.5 प्रतिशत), पेट्रोलियम उत्पाद (-31.65 प्रतिशत), इंजीनियरिंग सामान (-7.5 प्रतिशत), सभी प्रकार के कपड़ों सिले-सिलाये परिधान (-34.84 प्रतिशत), काजू (-27 प्रतिशत) शामिल हैं। आयात में जिन क्षेत्रों में गिरावट दर्ज की गयी है, उसमें सोना, चांदी, परिवहन उपकरण, कोयला, उर्वरक, मशीनरी और मशीन उपकरण शामिल हैं। हालांकि तिलहन, कॉफी, चावल, तंबाकू, मसाला, औषधि और रसायन के निर्यात में जून में वृद्धि दर्ज की गयी।

आंकड़ों पर अपनी प्रतिक्रिया में भारतीय तिलहन एवं उपज निर्यात संवर्धन परिषद (आईओपीईपीसी) के चेयरमैन खुशवंत जैन ने कहा कि अच्छा उत्पादन होने और निर्यात बढ़ाने के सरकार के उपायों से तिलहन निर्यात बढ़ा है। जैन ने कहा, ‘‘आने वाले महीनों में भी वृद्धि बने रहने की उम्मीद है। वाणिज्य मंत्रालय हमारे सभी मसलों का समाधान कर रहा है।’’ भारतीय व्यापार संवर्धन परिषद (टीपीसीआई) के चेयरमैन मोहित सिंगला ने कहा कि आर्थिक गतिविधियां धीरे-धीरे सुधर रही हैं। कई कामगार अब काम पर खासकर विनिर्माण क्षेत्रों में लौटने लगे हैं। इससे विनिर्माण क्षेत्र में गतिविधियां सामान्य हो रही है और उद्योग वैश्विक मांग को पूरा करने के लिये तैयार हो रहा है। इक्रा की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि जून में वस्तु निर्यात सुधरा है लेकिन आयात लगातार कमजोर बना हुआ है जिससे व्यापार अधिशेष की स्थिति उत्पन्न हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘आयात में देरी से सुधार को देखते हुए हमारा अनुमान है कि वस्तु व्यापार घाटा 2020-21 की पहली तिमाही में कम होकर 10 से 12 अरब डॉलर रहेगा जो 2019-20 की पहली तिमाही में करीब 46 अरब डॉलर था हमारा अनुमान है कि चालू खाते के मोर्चे पर 2020-21 की पहली तिमाही में करीब 14 से 16 अरब डॉलर का अधिशेष होगा।’’

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