वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने 4.8 अरब डॉलर के बासमती चावल का निर्यात किया था। मात्रा में यह निर्यात 45.6 लाख टन था।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘जनवरी-जून 2023 के दौरान भारत का विदेशी व्यापार (माल व सेवाओं का निर्यात तथा आयात) 800.9 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया।
भारत से वाहनों का निर्यात मुख्यत: अफ्रीकी देशों में होता है। इसके साथ ही दक्षिणी अमेरिका और पश्चिम एशिया भी भारतीय वाहन उद्योग के लिए बड़ा बाजार हैं।
देश से होने वाला एक्सपोर्ट लगातार चौथे महीने सालाना आधार पर 10.3 फीसदी घटकर मई में 34.98 अरब डॉलर रह गया, जबकि व्यापार घाटा बढ़कर पांच महीने के उच्चतम स्तर 22.12 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
मात्र 10 साल में रक्षा निर्यात के मोर्चे पर 23 गुना की वृद्धि वैश्विक रक्षा निर्माण क्षेत्र में भारत की बढ़ती धाक को प्रदर्शित करती है।
एक बयान के अनुसार, भारत में आपूर्तिकर्ताओं का अनूठा पारिस्थितिकी तंत्र 2027 तक भारत से सालाना 10 अरब डॉलर का सामान निर्यात करने के वॉलमार्ट के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा।
भारत-यूएई व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) आधिकारिक तौर पर पिछले साल एक मई को लागू हुआ था।
मुख्य रूप से पेट्रोलियम, औषधि, रसायन तथा समुद्री उत्पादों के क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन से निर्यात अच्छा रहा है। इससे पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में निर्यात 422 अरब डॉलर था।
Recession in India: देश और दुनिया में मंदी के आसार दिखाई देने शुरू हो गए हैं। भारत को लेकर भी एक तस्वीर सामने आई है। देश से एक्सपोर्ट होने वाले माल में भारी गिरावट देखी गई है। यहां पूरी रिपोर्ट पढ़ें।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-फरवरी के दौरान देश का कुल वस्तु निर्यात 7.5 प्रतिशत बढ़कर 405.94 अरब डॉलर रहा। इस दौरान आयात 18.82 प्रतिशत बढ़कर 653.47 अरब डॉलर हो गया।
भारत पिछले वित्त वर्ष के निर्यात आंकड़े को पार करने में सफल रहेगा। वित्त वर्ष 2022-23 में वस्तु निर्यात तीन-पांच प्रतिशत बढ़त के साथ 435-445 अरब डॉलर तक रह सकता है।
देश का वस्तुओं का निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले 10 माह अप्रैल, 2022-जनवरी, 2023 के दौरान 8.51 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 369.25 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर के दौरान देश का कुल निर्यात नौ प्रतिशत बढ़कर 332.76 अरब डॉलर रहा। आयात भी 24.96 प्रतिशत बढ़कर 551.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
घरेलू इस्पात उद्योग और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने इस्पात उत्पादों और लौह अयस्क पर निर्यात शुल्क में कटौती की है।
रुपये का गिरना निर्यातकों के लिए सुनहरा अवसर माना जाता है। लेकिन मंदी और महंगाई के इस दौर में निर्यातक इस स्वर्णिम मौके को भी नहीं भुना सके और आंकड़ों में गिरावट दर्ज की गई है।
पैकेजिग सेक्टर का देश की अर्थव्यवस्था में हिस्सेदारी की दृष्टि से पांचवां स्थान है। पैकेजिंग इंडस्ट्री कई उद्योगों के लिए वैल्यू एडेड सेवाएं (वैल्यू एडेड सर्विसेज) देती है। इसमें मैन्यूफैक्चरिंग, फार्मा, रिटेल, एफएमसीजी जैसे कई नाम शामिल हैं।
मारुति सुजुकी इंडिया 1.31 लाख से अधिक वाहनों के निर्यात के साथ इस खंड में सबसे आगे रही।
ब्रिटेन द्वारा भारत की स्टील पर प्रतिबंध लगाने से भारत को जो नुकसान होगा उसकी भरपाई ब्रिटेन से आने वाले उत्पादों पर सीमा शुल्क बढाकर पूरी की जाएगी।
Trade Deficit: चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अगस्त अवधि में भारत का व्यापारिक घाटा 124.7 अरब डॉलर था। यह किसी भी साल के इस अवधि में अब तक का सर्वाधिक घाटा है।
वाणिज्य मंत्रालय ने बुधवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है कि अगस्त, 2021 में व्यापार घाटा 11.71 अरब डॉलर था।
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