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अफ्रीका के संकट से भारत को लगी तगड़ी चपत, जानिए क्यों मुश्किल में ऑटोमोबाइल सेक्टर

भारत से वाहनों का निर्यात मुख्यत: अफ्रीकी देशों में होता है। इसके साथ ही दक्षिणी अमेरिका और पश्चिम एशिया भी भारतीय वाहन उद्योग के लिए बड़ा बाजार हैं।

Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published : Jul 16, 2023 12:42 IST, Updated : Jul 16, 2023 12:43 IST
अफ्रीका के संकट से भारत को लगी तगड़ी चपत- India TV Paisa
Photo:FILE अफ्रीका के संकट से भारत को लगी तगड़ी चपत

अमेरिका (US Economy) और यूरोप के बाजार में सुस्त पड़ती गतिविधियों के चलते अफ्रीका और एशिया की छोटी अर्थव्यवस्थाओं में मंदी का खतरा मंडराने लगा है। इस बीच भारत पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है। विदेशों से घटती मांग के चलते देश से वाहनों का निर्यात 2023 की पहली अप्रैल-जून की पहली तिमाही में 28 प्रतिशत घट गया है। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के ताजा आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि देश के वाहन निर्यात में में करीब 4 लाख वाहनों के निर्यात की कमी दर्ज की गई है। 

अफ्रीका में गहराते संकट का पड़ा असर 

भारत से वाहनों का निर्यात मुख्यत: अफ्रीकी देशों में होता है। इसके साथ ही दक्षिणी अमेरिका और पश्चिम एशिया भी भारतीय वाहन उद्योग के लिए बड़ा बाजार हैं। लेकिन अफ्रीका की कुछ बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के कमजोर पड़ने से भारत के वाहन निर्यात में गिरावट आई है। आंकड़ों के अनुसार, 30 जून, 2023 को समाप्त पहली तिमाही में कुल वाहन निर्यात 10,32,449 इकाई रहा। पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 14,25,967 इकाई रहा था। 

दुनिया में गहराया डॉलर का संकट 

सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के महानिदेशक राजेश मेनन ने कहा, ‘‘पहली तिमाही में सभी वाहन सेगमेंट में निर्यात घटा है। निर्यात के कई गंतव्यों खासकर अफ्रीका और अन्य विकासशील देशों में मुद्राओं का अवमूल्यन होने से वाहनों की मांग घटी है जिसका निर्यात पर असर पड़ा।’’ उन्होंने कहा कि इन देशों को विदेशी मुद्रा की उपलब्धता की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे वाहनों की बिक्री सीमित रही है। हालांकि, इन देशों में वाहनों की उपभोक्ता मांग बरकरार है, लेकिन ये अभी अन्य आवश्यक वस्तुओं के आयात पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। 

ये हैं भारत से निर्यात के अहम आंकड़े

  • जून तिमाही में यात्री वाहनों का कुल निर्यात पांच प्रतिशत घटकर 1,52,156 इकाई रह गया। पिछले साल की अप्रैल-जून की अवधि में यह आंकड़ा 1,60,116 इकाई रहा था। 
  • यात्री कारों का निर्यात एक साल पहले की समान अवधि के 1,04,400 इकाई के आंकड़े से घटकर 94,793 इकाई रह गया। 
  • यूटिलिटी वाहनों का निर्यात मामूली गिरावट के साथ 55,419 इकाई रह गया। पिछले साल की समान अवधि में यूटिलिटी वाहनों का निर्यात 55,547 इकाई रहा था। 
  • वाहन निर्यात में मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) शीर्ष पर रही। अप्रैल-जून में मारुति का निर्यात 62,857 इकाई रहा। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में मारुति ने 68,987 यात्री वाहनों का निर्यात किया था। 
  • इसके बाद हुंदै मोटर इंडिया का स्थान रहा। समीक्षाधीन अवधि में हुंदै ने 35,100 वाहनों का निर्यात किया। एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 34,520 इकाई रहा था। 
  • किआ इंडिया 22,511 इकाइयों के निर्यात के साथ तीसरे स्थान पर रही। पिछले वित्त वर्ष की जून तिमाही में कंपनी ने 21,459 वाहनों का निर्यात किया था। 
  • दोपहिया वाहनों का निर्यात 31 प्रतिशत घटकर 7,91,316 इकाई रह गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 11,48,594 इकाई था। 
  • कमर्शियल वाहनों का निर्यात पहली तिमाही में घटकर 14,625 इकाई रह गई, जो वित्त वर्ष 2022-23 की अप्रैल-जून तिमाही के 19,624 इकाई के आंकड़े से 25 प्रतिशत कम है। 
  • तिपहिया वाहनों का निर्यात भी 25 प्रतिशत घटकर 73,360 इकाई रह गया, जो पिछले वित्त वर्ष की जून तिमाही में 97,237 इकाई था।

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