Wednesday, May 01, 2024
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Home Loan के साथ लगते हैं कई सारे चार्जेज, घर खरीदने जा रहे तो जान लीजिए

प्रीपेमेंट का मतलब है कि लोन धारक पूरा या बाकी लोन अवधि समाप्त होने से पहले ही जमा कर देता है। इससे बैंक को ब्याज दर का नुकसान होता है, इसलिए कुछ हद तक इस नुकसान की भरपाई के लिए बैंक पेनल्टी लगाते हैं।

Pawan Jayaswal Written By: Pawan Jayaswal
Updated on: April 20, 2024 15:45 IST
होम लोन टिप्स- India TV Paisa
Photo:PIXABAY होम लोन टिप्स

हर कोई चाहता है कि उसके पास एक बड़ा सा सुंदर सा घर हो। लेकिन घर खरीदना एक काफी बड़ा सौदा है। एक आम आदमी के लिए यह उसके जीवन की सबसे बड़ी खरीदारी होती है। इतनी बड़ी बचत लोगों के पास नहीं होती है। ऐसे में वे होम होन का सहारा लेते हैं। लगभग सभी बड़े बैंक और कई सारे एनबीएफसी अपने ग्राहकों से होम लोन की पेशकश करते हैं। घर खरीदारों को इरस सौदे के दौरान कई सारी चीजों का ध्यान रखना होता है। अगर आप होम लोन ले रहे हैं, तो होम लोन के साथ लगने वाले चार्जेज के बारे में जरूर जान लें।

आवेदन शुल्क

होम लोन आवेदन की प्रोसेसिंग के लिए लिया जाने वाला शुल्क एप्लीकेशन फीस या आवेदन शुल्क कहलाता है। चाहे आपको लोन मिले या न मिले, यह फीस लगती ही है। यह फीस रिंफडेबल नहीं होती है। अगर किसी बैंक या एनबीएफसी में आप लोन आवेदन जमा कर देते हैं और इसके बाद आपका इरादा बदल जाता है, तो आपकी ऐप्लिकेशन फीस बर्बाद हो जाएगी। इसलिए एप्लीकेशन देने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपको किस बैंक या एनबीएफसी से लोन लेना है। इसे लोन ऐप्लिकेशन के साथ ही एडवांस में लिया जाता है। 

कमिटमेंट फीस

कुछ बैंक या NBFC लोन की प्रोसेसिंग और मंजूरी हो जाने के बाद एक निर्धारित टाइम लिमिट में लोन नहीं लेने की स्थिति में कमिटमेंट फीस वसूलते हैं। यह एक ऐसी फीस है जो अवितरित लोन पर वसूली जाती है। यह फीस आमतौर पर मंजूर और वितरित राशि के बीच अंतर के एक फीसदी के रूप में वसूला जाता है। 

लीगल फीस

बैंक या NBFC आमतौर पर प्रॉपर्टी की कानूनी स्थिति की छानबीन के लिए बाहरी वकीलों को हायर करते हैं। इसके लिए वकील जो फीस लेते हैं, वह वित्तीय संस्थान अपने ग्राहकों से वसूलते हैं। लेकिन, अगर इस प्रॉपर्टी को संस्थान ने पहले ही कानूनी रूप से मंजूरी दे दी है, तो यह चार्ज नहीं लगता है। आपको संस्थान से पता करना चाहिए कि जिस प्रोजेक्ट में आप निवेश करने जा रहे हैं, कहीं उसको पहले से मंजूरी मिली तो नहीं है। इस तरह से आप लीगल फीस बचा सकते हैं।

प्रीपेमेंट पेनाल्टी

प्रीपेमेंट का मतलब है कि लोन धारक पूरा या बाकी लोन अवधि समाप्त होने से पहले ही जमा कर देता है। इससे बैंक को ब्याज दर का नुकसान होता है, इसलिए कुछ हद तक इस नुकसान की भरपाई के लिए बैंक पेनल्टी लगाते हैं। अलग-अलग बैंकों में ये चार्ज अलग होते हैं।

मॉर्गिज डीड फीस

यह फीस होम लोन का चुनाव करते समय लगती है। आमतौर पर यह होम लोन के पर्सेंटेज के रूप में होती है और लोन लेने के लिए अदा की जाने वाली कुल फीस राशि का यह एक बड़ा हिस्सा होती है। कुछ संस्थान होम लोन प्रोडक्ट को अधिक आकर्षक बनाने के लिए इस चार्ज को माफ कर देते हैं।

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